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PM नरेंद्र मोदी का चेहरा और बीजेपी की विशेष रणनीति? 2024 में भाजपा की जीत की गारंटी

PM नरेंद्र मोदी का चेहरा और बीजेपी की विशेष रणनीति? 2024 में भाजपा की जीत की गारंटी

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

नई दिल्ली।आम चुनाव में हैट्रिक के साथ ही 2014 से अब तक 32 राज्यों का चुनाव बीजेपी या बीजेपी गठबंधन नरेंद्र मोदी की अगुवाई में जीत चुका है. हैट्रिक के साथ ही अब देश में 58 फीसदी इलाके और 57 फीसदी आबादी पर बीजेपी या बीजेपी गठबंधन का शासन है. चुनावी नतीजों में बीजेपी की हैट्रिक ने ये भी बता दिया है कि विपक्ष का ओबीसी आरक्षण और जाति गणना का सियासी कार्ड नहीं चलने वाला है.
मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में प्रंचड जीत हासिल कर भाजपा ने हैट्रिक लगा दी है. इस जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज की हैट्रिक में 2024 की हैट्रिक की गारंटी है. बीजेपी ने आज ऐसी हैट्रिक मारी है, जहां कांग्रेस के पंजे से दो राज्यों को खींचकर कमल खिला दिया. मध्य प्रदेश में दो दशक के शासन के बावजूद बीजेपी जीत गई है.
हैट्रिक बीजेपी ने लगााई है, क्योंकि चुनाव में मोदी की गारंटी ही घोषणा पत्र बनी और अब जीत को उदघोष की वजह भी बन चुकी है. आज की हैट्रिक इसलिए लग पाई क्योंकि मोदी के नाम और काम पर मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में अलग-अलग मिलाकर कुल 35 फीसदी वोट पड़ा है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा की तारीफ, कार्यकर्ताओं को दिया टास्क और कांग्रेस को नसीहत… PM मोदी के संबोधन की बड़ी बातें सामने आ रही हैं।
हैट्रिक के साथ ही 2014 से अब तक 32 राज्यों का चुनाव बीजेपी या बीजेपी गठबंधन नरेंद्र मोदी की अगुवाई में जीत चुका है. हैट्रिक के साथ ही अब देश में 58 फीसदी इलाके और 57 फीसदी आबादी पर बीजेपी या बीजेपी गठबंधन का शासन है. चुनावी नतीजों में बीजेपी की हैट्रिक ने ये भी बता दिया कि विपक्ष का ओबीसी आरक्षण और जाति गणना का सियासी कार्ड नहीं चलने वाला.
तीन राज्यों की हैट्रिक में कैसे 2024 जीतने की हैट्रिक की गारंटी है. इसे समझने के लिए हमने पीएम मोदी के भाषण को समझना जरूरी है. जिसमें प्रधानमंत्री ने साफ किया कि हैट्रिक की गारंटी 2024 में इसलिए है क्योंकि जाति में बांटने का सियासी कार्ड अगर विपक्ष के पास तो राष्ट्रनिर्माण में चार जातियों के विकास की गारंटी का कार्ड उनके पास है.
पीएम ने कहा, इस चुनाव में देश को जातियों में बांटने की बहुत कोशिश हुई. लेकिन मैं लगातार कह रहा था. मेरे लिए देश में चार जातियां ही सबसे बड़ी जातियां हैं. चार जाति की बात करता हूं. नारी शक्ति, युवा शक्ति, हमारे किसान और हमारे गरीब परिवार इस चार शक्तियों को ही सशक्त करने से ही देश सशक्त होने वाला है.
जिस वक्त कांग्रेस सिर्फ जाति गणना और ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उठाकर अपने दो शासन वाले राज्यों और मध्य प्रदेश में बीजेपी को हराना चाहती थी. वहां नरेंद्र मोदी की गारंटी के आगे ये कार्ड बुरी तरह फ्लॉप हुए हैं.
मध्य प्रदेश में महिला वोटर बाहुल्य सीट पर ज्यादातर बीजेपी को जीत मिली है. जिसमें दलित वर्ग की 35 में से 26 सीट मध्य प्रदेश में बीजेपी जीती है. उसी प्रकार आदिवासी समुदाय की 35 में से 21 सीटों पर बीजेपी जीती है. जबकि ओबीसी वोटर वाली प्रमुख 18 में से 11 सीटों पर बीजेपी को जीत हासिल हुई है. जबकि पोस्ट पोल सर्वे कहता है कि ओबीसी वोट भी बीजेपी को कांग्रेस 24 फीसदी ज्यादा मिला है.

ऐसा ही लगभग राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी रहा है. जहां महिलाओं, आदिवासियों, ओबीसी वर्ग, दलित समुदाय का वोट प्रमुखता से हासिल करके बीजेपी जीती है. यही वजह है कि पीएम को भरोसा है अभी हैट्रिक लगवाने वाली जनता 2014, 2019 के बाद 2024 में सत्ता की तीसरी जीत दिलाकर हैट्रिक लगवाएगी.

राजस्थान में पीएम की 14 रैली, 2 रोड शो

एक साथ तीन राज्य जीतना या फिर लगातार लोकसभा चुनाव जीतना, आसान तो नहीं होता. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी आज तीन राज्यों में जीत के बाद एक बात कहते हैं. उन्होंने कहा कि जहां लोगों की बाकी पार्टियों से उम्मीद खत्म होती है, वहां से मोदी की गारंटी शुरू होती है. मध्य प्रदेश में बहुत से लोग कांटे की टक्कर बताते थे. राजस्थान-छत्तीसगढ़ में लोग कहते थे कि कांग्रेस अपनी योजनाओं से मजबूत खड़ी है. लेकिन सबसे बड़ा भरोसा वोटर के बीच नरेंद्र मोदी का बना. जिसके लिए राजस्थान में प्रधानमंत्री ने 14 रैली कीं, 2 रोड शो किए. राजस्थान के 16 जिलों में 8 दिन के भीतर प्रचार प्रधानमंत्री ने किया. इसका नतीजा बीजेपी की सीटें बहुमत के पार है।मध्य प्रदेश में 14 रैली और 1 रोड शो प्रधानमंत्री मोदी ने किया. 15 जिलों तक प्रचार किया. नतीजा 18 साल से लगातार सरकार के बावजूद कहीं कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं नजर आई. फिर से बीजेपी सरकार बनी.
छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री मोदी ने पांच जिलों में पांच रैलियां कीं. नतीजा जितनी सीटें कांग्रेस जीत पाई, उससे ज्यादा की बढ़त बीजेपी ने इस बार हासिल की है . अब तक नतीजों को देखने के बाद पता चला है कि प्रधानमंत्री ने जहां प्रचार किया, वहां पर बीजेपी की जीत के साथ स्ट्राइक रेट 65 फीसदी से ज्यादा का है. जिसमें सबसे बड़ी वजह बनी है- मोदी की गारंटी है.
विपक्ष की तरफ से फ्री का कार्ड था. जाति गणना का राग था. ओबीसी को आबादी मुताबिक आरक्षण का अलाप था. लेकिन चली तो चली सिर्फ मोदी की गारंटी है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की तरफ से 2 लाख की कर्जमाफी का वादा था. महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए देने का इरादा था. 100 यूनिट बिजली माफ, 200 यूनिट बिजली पर बिल हाफ की घोषणा थी. कांग्रेस पुरानी पेंशन के वादे से टेंशन देने की सोच रही थी. पांच सौ में सिलेंडर देने का ऐलान था. जाति गणना करा देंगे और पिछड़ों को आरक्षण देने का प्लान था.
राजस्थान में मुख्यमंत्री गहलोत की जादूगरी का दांव था. महिलाओं को मुफ्त मोबाइल बांटना सरेआम था. 500 में सिलेंडर बंटने लगा. 100 यूनिट मुफ्त बिजली के साथ 200 यूनिट तक बिल घटने लगा. छात्राओं को फ्री लैपटॉप-टैबलेट की गारंटी दी. ओल्ड पेंशन लागू करके ज्यादा पैसे की वॉरंटी दी. लेकिन नहीं चला राजस्थान में जादूगर का कोई डिजाइन. चली तो चली सिर्फ मोदी की गारंटी !
छत्तीसगढ़ में तो मोदी की गारंटी ऐसी चली कि पोस्ट पोल सर्वे कहता है कि हर सौ में तेरह लोग सिर्फ नरेंद्र मोदी के नाम और काम पर वोट करने पहुंचे. महिलाओं ने साल के बारह हजार रुपए देने वाली गारंटी पर भरोसा किया. सिलेंडर से लेकर रामलला के मुफ्त दर्शन की गारंटी पर वोट दिया. नतीजा आपके सामने है.
आपको बता दें कि दो नए प्रदेश- राजस्थान, छत्तीसगढ़ जोड़कर मध्य प्रदेश में फिर से सरकार बनाकर बीजेपी गठबंधन की 16 प्रदेशों में सरकार बन चुकी है. अकेले अपने दम पर 12 विधानसभाओं में बीजेपी की सरकार है. रणनीति साफ थी, एक तरफ मोदी ने अपने काम को जनता के बीच ले गए, जो स्कीम थी, उसके बारे में वोटर से जिक्र किया.
बीजेपी अब हर चुनाव के लिए अलग अलग रणनीति बनाकर उतरने लगी है.
जैसे अगर हर राज्य में मोदी की गारंटी को घोषणा पत्र में इस्तेमाल किया. तो संभव है कि मध्य प्रदेश में दो दशक से सरकार होने की वजह से एक नया नारा गढ़ा गया. एमपी में पूरा कैंपेन इस बात पर फोकस किया गया कि मोदी के मन में एमपी और एमपी के मन में मोदी. मध्य प्रदेश में तो पांच महीने पहले ही अपने लाखों पन्ना प्रमुखों को लेकर सीधे पीएम ने सभा की. इसके अलावा तीनों राज्यों में सांसदों, और केंद्रीय मंत्रियों तक को उतारकर दो लक्ष्य साधे है. सांसद-केंद्रीय मंत्री उतारकर एक तो क्षेत्रीय स्तर पर किसी भी तरह की गुटबाजी होने से रोकी.
दूसरा सांसद और केंद्रीय मंत्री उतारकर तीनों राज्यों में 2024 का लिटमस टेस्ट. यानी एक परीक्षण कर लिया। ये परीक्षण काफी हद तक सफल भी रहा है. मध्य प्रदेश के लिए समय से काफी पहले उम्मीदवार उतार दिए गए. जिन सीटों पर लंबे अरसे से एमपी में हार रहे थे, उन पर पहले ही कैंडिडेट घोषित करके फोकस किया गया. नरेंद्र मोदी की गारंटी थी तो अमित शाह ने एमपी-छत्तीसगढ़ में रणनीति संभाली.
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खुद सीधे राजस्थान में मोर्चा संभाला है. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ ये दो राज्य हैं. जहां चुनौती चुनाव के दौरान कठिन मानी गई थी. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में अमित शाह ने वोटर को साधने वाला माइक्रो मैनेजमेंट किया. वोटर लिस्ट के एक पन्ने पर तीस मतदाता का नाम होता है. मध्य प्रदेश में ऐसी रणनीति तैयार हुई, जहां वोटर लिस्ट के एक पेज में शामिल 30 में से
पांच लोगों को पन्ना समिति का सदस्य बनाया गया. यानी वोटर लिस्ट के हर पन्ने का छठा सदस्य बीजेपी की पन्ना समिति का सदस्य होता. इस तरह ज्यादा से ज्यादा वोटर तक पहुंचने का लक्ष्य बीजेपी ने मध्य प्रदेश में हासिल किया. छत्तीसगढ़ के लिए अमित शाह ने अलग तरह की रणनीति बनाई. छत्तीसगढ़ में मारे गए भुवनेश्वर साहू के गरीब पिता ईश्वर साहू को उम्मीदवार बनाकर ओबीसी वर्ग के मजबूत वोटबैंक साहू पर फोकस किया गया. महतारी वंदन योजना के तहत हर साल बारह हजार रुपए देने के लिए लाखों फ़ॉर्म बीजेपी ने भरवाए.

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