अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में : वह ‘ना मरा और ना उसे जहर दिया गया है’

अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में : वह ‘ना मरा और ना उसे जहर दिया गया है’

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

पाकिस्तान की एक पत्रकार ने दावा किया था कि दाऊद इब्राहिम अस्पताल में भर्ती है और उसे किसी अज्ञात इंसान ने जहर दे दिया.यह खबर सरासर गलत है। मनोवैज्ञानिक की माने तो मुंबई बम विस्फोट के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम के जहर देने की घटना की खबर सुनाकर भारतीय खुफिया तंत्र को असलियत से गुमराह करने वाला मामला का पर्दाफाश होता है? खुफिया सूत्रों की माने तो अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को सभी आवश्यक सुविधा मुहैया करवाने के लिए जीतोड कोशिष कर रहा है? उस पर पाकिस्तान सरकार पूरी तरह से दाऊद के प्राणों की रक्षा के लिए कटिबद्ध है।

‘मरा नहीं अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, न दिया गया जहर’, खुफिया सूत्रों वाली इस रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा माना जा रहा है।
मोस्टवांटेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को पाकिस्तान में जहर दिए जाने की खबर सोमवार (18 दिसंबर) को सुर्खियों में थी. सोशल मीडिया पर एक पाकिस्तानी पत्रकार ने कहा कि पाकिस्तान के कराची में दाऊद को भर्ती किया गया है, लेकिन इन दावों के पीछे का सच किसी को नहीं पता. पाकिस्तान अखबारों ने भी दाऊद को लेकर कोई खास कवरेज नहीं दी थी. पाकिस्तान में गिने-चुने अखबारों ने दाऊद की खबर सोशल मीडिया की खबरों के हवाले से लिख रहे थे.

इस बीच खुलासा हुआ है कि दाऊद एकदम ठीक है और उसे कुछ नहीं हुआ है. इंडिया टुडे के विश्वनीय खुफिया सूत्रों ने दाऊद के अस्पताल में भर्ती होने या उसकी मौत होने की खबरों से इनकार किया है.

छोटा शकील ने क्या कहा?

दाऊद के करीबी छोटा शकील ने जहर दिए जाने और अस्पताल में भर्ती होने से इनकार किया है. टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में छोटा शकील ने कहा है, भाई 1000 प्रतिशत फिट है. उसने ये भी बताया कि दाऊद की मौत की अफवाहें गलत मकसद से उड़ाई जाती हैं.

अपराध के दुनिया में कैसे आया दाऊद?

दाऊद इब्राहिम का असली नाम शेख दाउद इब्राहिम कास्कर है. उसके पिता शेख इब्राहिम अली कास्कर मुंबई पुलिस में हवलदार थे. पैसों की तंगी की वजह उसके पिता ने उसकी पढ़ाई छुड़वा दी थी. इसके बाद दाऊद अपराध की दुनिया में आ गया. सबसे पहले उसने तब के डॉन हाजी मस्तान के साथ काम किया और बाद में उससे अलग हो गया और दुबई से काम करने लगा. 1993 में मुंबई सीरियल ब्लास्ट में दाऊद का हाथ बताया जाता है.

एस. हुसैन जैदी की किताब ‘मोस्टवांटेड एक, नाम अनेक’ में दाऊद के 13 नामों के होने का दावा किया गया. शुरुआती दौर में उसे ‘मुच्छड़’ के नाम से जाना जाता था. भारत में जब वह फोन करता है तो हाजी साहब या फिर अमीर साहब के नाम से करता है.

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