वनमंत्री मुनगंटीवार ने ताडोबा अंधारी राष्ट्रीय उद्यान के पास हवाई अड्डा बनाने का किया अनुरोध
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
मुंबई ।महाराष्ट्र के वन मंत्री सुधीर भाऊ मुनगंटीवार ने केंद्र सरकार से चंद्रपुर जिले में ताडोबा अंधारी बाघ अभयारण्य के पास एक हवाई अड्डा बनाने के राज्य सरकार के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।
महाराष्ट्र के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने केंद्र सरकार से चंद्रपुर जिले में ताडोबा अंधारी बाघ अभयारण्य के पास एक हवाई अड्डा बनाने के राज्य सरकार के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।
मुनगंटीवार ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए कहा कि उन्होंने चंद्रपुर में एक हवाई अड्डे की आवश्यकता के संबंध में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड के सभी सवालों का जवाब दिया है।
उन्होंने कहा कि नक्सलवाद से निपटने और पर्यटन व औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए चंद्रपुर में एक हवाई अड्डे की नितांत आवश्यकता है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार ने हवाई अड्डे के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी और (चंद्रपुर जिले में) राजुरा विधानसभा क्षेत्र के मूर्ति गांव में 500 एकड़ जमीन भी चिह्नित की थी। 500 एकड़ में से 76 एकड़ जमीन वन विभाग के अंतर्गत आती है और राज्य वन मंत्रालय ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। प्रस्ताव मंजूरी के लिए केंद्र को भेजा गया था।
ज्ञातव्य है कि चंद्रपुर मं सबसे बडी महा ताप बिजली परियोजना अंचालित है। इसके अलावा यहां कोयला खदानों ,स्पात संयंत्र और अन्य लघु औषधि कल-कासरखाने और भारी औपचारिक इकाईयां संचालित है। इससे चंद्रपुर का महत्व और बढ जाता है। यहां चंद्रपुर में विख्यात महाकाली मंदिर देवस्थान हैं। जहां दूर दूर से श्रद्धालुओं का आना जाना शुरु रहता है। चंद्रपुर मे एशिया की सबसे बडी विधुत ईकाई और अनेक कोयला खदाने मौजूद होने की वजह से इसका संबंध भारतवर्ष के कोने कोने से है। इसलिए यहां हवाई अड्डा की नितांत आवश्यकता है।