Breaking News

शिवसेना में टूट-फूट पर CM एकनाथ शिंदे का बड़ा बयान? कहा…

Advertisements

शिवसेना में टूट-फूट पर CM एकनाथ शिंदे का बड़ा बयान? कहा…

Advertisements

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

Advertisements

मुंबई। इस साल 2024 होने के वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए सीएम शिंदे की अगुवाई शिवसेना जोरशोर से तैयारियों में जुट गई है. इसी क्रम में पार्टी ने पुणे शिव संकल्प रैली की शुरुआत की है.शिवसेना में टूट-फूट पर CM एकनाथ शिंदे का बड़ा बयान, कहा- ‘मैंने विद्रोह किया है।

आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में एकनाथ शिंदे की अगुवाई शिवसेना ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसी क्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पुणे जिले के राजगुरुनगर से “शिव संकल्प रैली” की शुरुआत की है. इस मौके पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जून 2022 में उन्होंने पार्टी को बचाने के लिए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह किया और शिवसेना को विभाजित कर दिया.

सीएम एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में विभाजित करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि “मैंने पूरी ईमानदारी और पार्टी को बचाने के नियत से सख्त स्टैंड लिया और मुख्यमंत्री बनने के लिए बीजेपी के साथ गठबंधन किया. शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे का जिक्र करते हुए सीएम शिंदे ने कहा, “साल 1995 में बीजेपी के साथ शिवसेना ने गठबंधन किया और सत्ता में आई, तब बाला साहेब ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.” उन्होंने आगे कहा, “उन्होंने ऐसा नहीं किया, बाला ठाकरे अपनी जगह एक दूसरे पार्टी कार्यकर्ता (मनोहर जोशी) को मुख्यमंत्री बना दिया.”

सीएम शिंदे का उद्धव ठाकरे पर तंज

इस दौरान सीएम एकनाथ शिंदे ने शिवसेना (यूबीटी) के अध्यशक्ष उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि किसी ने वादा किया था कि पार्टी की जीत पर एक शिवसेना के कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री बनाऊंगा, इसके उलट वह खुद मुख्यंत्री बन गए. इस मौके पर उन्होंने निवेश के मोर्चे पर अपनी सरकार की नीतियों का बचाव करते हुए दिखाई पड़े.

‘अब की बार 45 पार’

प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए सीएम एकनाथ शिंद ने कहा कि इस बार महाराष्ट्र में हमने नया नारा दिया है, अबकी बार 45 पार. उन्होंने महाराष्ट्र की 48 में से 45 लोकसभा सीटों पर जीत का दावा किया. सीएम शिंदे ने कहा कि लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास कार्यों से खुश हैं, इसका परिणाम चार राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों में देखने को मिला है.

दरअसल, साल 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर सहमति न बन पाने के कारण शिवसेना ने बीजेपी से सालों पुराना गठबंधन तोड़ दिया था. उद्धव ठाकरे ने बीजेपी से अलग होने के अपने फैसले पर कहा था कि “उन्होंने अपने दिवंगत पिता से वादा किया है कि एक बार फिर से शिवसेना के एक कार्यकर्ता को महाराष्ट्र में शीर्ष पद मिलेगा.” हालांकि बाद में उद्धव ठाकरे ने एनसीपी, कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई और खुद मुख्यमंत्री बने.

राजनैतिक विशेषज्ञों की माने तो उद्धव ठाकरे अपने पिता शिवसेना सुप्रीमों बालासाहेब ठाकरे के पद चिन्हों पर नहीं चलने और महाराष्ट्र के कुटिल राजनीतिक पूर्व सीएम शरदचंद्र पवार के ईशारे पर चलने की वजह से शिवसेना का विखंडित होना वाजिब है।

Advertisements

About विश्व भारत

Check Also

रामटेकमध्ये सेनेचा पराभव होण्याची भीती? भाजपचा ‘प्लॅन’ काय आहे?

रामटेक लोकसभा निवडणुकीत महायुतीचा पराभव होतोय, अशी शक्यता महायुतीच्याच अंतर्गत सर्वेक्षणातून वर्तवली आहे. पक्षाचा पराभव …

“बड़बड़ करने वाले की जगह क्या है, बताने की जरूरत नहीं”, उद्धव ठाकरे पर देवेंद्र फडणवीस का बड़ा हमला

“बड़बड़ करने वाले की जगह क्या है, बताने की जरूरत नहीं”, उद्धव ठाकरे पर देवेंद्र …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *