रामजन्म भूमि अंदोलन में सक्रिय रहे ट्रस्टी सपत्नीक डा अनिल मिश्रा होंगे श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मुख्य यजमान
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
अयोध्या। मंगलवार से 22 जनवरी सोमवार तक चलने वाले वैदिक अनुष्ठान के मुख्य यजमान ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र और धर्म पत्नी ऊषा मिश्रा हैं. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पीएम नरेंद्र मोदी प्रतीकात्मक यजमान होंगे. मंगलवार को, जैसे ही पूर्व-अनुष्ठान शुरू मंदिर हुआ, मंदिर ट्रस्टी मुख्य यजमान होने के नाते डॉ. अनिल मिश्रा ने सरयू नदी में डुबकी लगाई और फिर व्रत शुरू करने से पहले पंचगव्य (गाय का दूध, दही, घी, गोबर, गौमूत्र) लिया। फिर उन्होंने प्रश्चिता, संकल्प, कर्मकुटी पूजा की। उन्होंने और उनकी पत्नी ने हवन किया
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा निमित्य चलने वाले वैदिक अनुष्ठान के मुख्य यजमान ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र और धर्म पत्नी ऊषा मिश्रा हैं. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पीएम नरेंद्र मोदी प्रतीकात्मक यजमान होंगे.
इस रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आयोजन को पूरा कराया जा रहा है। इस समारोह के अनुष्ठानों में डॉ. अनिल मिश्र और उनकी पत्नी उषा मिश्र मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। वे मुख्य यजमान के तौर पर तमाम विधानों को पूरा करा रहे हैं। 22 जनवरी को होने वाले मुख्य आयोजन में पीएम मोदी यह भूमिका निभाते दिखेंगे।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे रामलला के मंदिर के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का यजमान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ़ अनिल मिश्र और उनकी पत्नी उषा मिश्र को बनाया गया है। वह प्राण प्रतिष्ठा के लिए हो रहे आयोजन के मुख्य यजमान हैं। पेशे से डॉक्टर रहे अनिल मिश्रा का संघ से पुराना जुड़ाव है। डॉ. मिश्र का जन्म अम्बेडकरनगर जिले के पतौना गांव में साल 1958 में हुआ था। उन्होंने बृजकिशोर होम्योपैथी कॉलेज, फैजाबाद से बीएचएमएस की डिग्री ली। बाद में वह सरकारी चिकित्सा सेवा में चयनित हो गए। इसी के साथ उनका जुड़ाव आरएसएस से हो गया। सुलतानपुर और गोंडा में चिकित्साधिकारी के पद पर उनकी तैनाती रही। बावजूद इसके वह संघ की शाखाओं के नियमित सदस्य बने रहे। वह सह प्रांत कार्यवाह के बाद अवध के प्रांत कार्यवाह रहे हैं।
सरकारी नौकरी के अंतिम दौर में उन्होंने उत्तर प्रदेश म्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड के रजिस्ट्रार पद का दायित्व भी निभाया। 2020 में सेवानिवृत्त होने के बाद वह पूर्ण रूप से संघ के कार्यों के लिए समर्पित हो गए। राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद मंदिर ट्रस्ट का गठन किया गया तो डॉ़ मिश्र को इसका स्थायी सदस्य बनाया गया। डॉ. मिश्र की पत्नी उषा मिश्र घरेलू महिला हैं। वह हर रोज घर पर ही रामलला का पूजन करती हैं। मिश्र परिवार पूरी तरह सात्विक शाकाहारी और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के परम भक्तों मे से हैं।
यजमान के लिए नियम पालन
मुख्य यजमान को इन नियमों का पालन करने मे सफलतम रहेगा ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने और बाहर का खान-पान और धूम्रपान प्रतिबंधित हैं, क्रोध, अहंकार और मद त्याज्य, मन को विचलित करने वाली किसी भी चीज को देखने-सुनने की मनाही रहेगी । सच बोलना होगा और यथासंभव मौन का पालन करने। ब्राह्मणों को संतुष्ट करना होगा ताकि उनका आशीर्वाद मिलता रहे। उपवास और सात्विक अहार तथा आचार्य, ब्राह्मणों और ऋत्विजों से झगड़ा करना या कठोर वचन बोलना वर्जित है। पुरुष यजमान के लिए सिला हुआ सूती वस्त्र और महिला के लिए लहंगा, चोली जैसे सिले वस्त्र पहनना प्रतिबंधित माना गया है।यजमान के लिए स्वेटर, ऊनी शॉल और कंबल धारण करने की छूट रहती है।