CJI चंद्रूचड़ के बाद संजीव खन्ना बन सकते हैं अगले चीफ जस्टिस
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
नई दिल्ली। आप आदमी पार्टी के अध्यक्ष और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देने वाले जस्टिस संजीव खन्ना चंद्रूचड़ के बाद अगले चीफ जस्टिस बनाते हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में अपनी आम आदमी पार्टी का प्रचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने 10 मई को आबकारी नीति से जुड़े मामले में सीएम केजरीवाल को यह राहत दी है. जस्टिस खन्ना की बात करें तो सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के बाद दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं. जानें उन्होंने इससे पहले कौन-कौन से मामलों में
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने अंतरिम जमानत दे दी. (फाइल फोटो)
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने अंतरिम जमानत दे दी
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में अपनी आम आदमी पार्टी (AAP) का प्रचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को अंतरिम जमानत दे दी. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने आबकारी नीति से जुड़े मामले में सीएम केजरीवाल को यह राहत दी है. इस बेंच में शामिल जस्टिस खन्ना की अगर बात करें तो सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के बाद दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं. ऐसे में सीजेआई चंद्रचूड़ की रिटायरमेंट के बाद वह अगले चीफ जस्टिस बनने की कतार में सबसे आगे हैं. सीजेआई चंद्रचूड़ का कार्यकाल नवंबर 2024 को पूरा हो रहा है, जिसके बाद जस्टिस खन्ना 10 नवंबर 2024 से 13 मई 2025 तक सीजेआई के रूप में काम करेंगे.
जस्टिस संजीव खन्ना करीब पांच साल पहले जनवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट में जज बने थे. वह जस्टिस हंसराज खन्ना के रिश्तेदार हैं, जिन्होंने आपातकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जज के पद से इस्तीफा दे दिया था. जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की. वर्ष 1983 में उन्होंने दिल्ली की जिला अदालत में प्रैक्टिस शुरू की और फिर दिल्ली हाईकोर्ट और ट्रिब्यूनल्स में वकालत की. उन्होंने संवैधानिक कानून, डायरेक्ट टैक्स, मध्यस्थता और कमर्शियल मामलों, कंपनी लॉ, भूमि कानून, पर्यावरण और प्रदूषण कानून एवं चिकित्सीय लापरवाही से जुड़े केस में वकालत की है.
‘ED ठीक कह रही है कि तुषार मेहता की दलील को सुप्रीम कोर्ट ने भी माना सही, फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को क्यों दे दी जमानत?