PM नरेंद्र मोदी अंतिम चरण चुनावों के लिए शिवाजी पार्क मुंबई में जनसभा को करेगे संबोधित
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
मुंबई। इस महा रैली में मनसे चीफ राज ठाकरे भी मौजूद रहेंगे। इसके चलते इस रैली को लेकर सियासत गरमा गई है। इस रैली के लिए ग्राउंड की बुकिंग MNS की तरफ से हुई है।
पीएम मोदी 17 मई को शिवाजी पार्क में दोपहर बाद करेंगे जनसभा शिवाजी पार्क की सभा में MNS चीफ राज ठाकरे भी मौजूद रहेंगे। PM मोदी की सभा महायुति के साथ MNS के लिए है शक्ति प्रदर्शन होगा।
2006 के बाद पहली बार शीर्ष BJP नेताओं के साथ राज ठाकरे मौजूद रहेंगे।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) चीफ राज ठाकरे शिवाजी पार्क रैली में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करेंगे। महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बवानकुले से मीटिंग के बाद राज ठाकरे ने ग्रीन सिग्नल दे दिया है। इसके बाद सभी की नजरें अब शिवाजी पार्क की रैली पर लग गई हैं। राज ठाकरे ने बीजेपी को बिना शर्त समर्थन देने के बाद पिछले दो हफ्तों में तीन जनसभाओं को संबोधित किया था, लेकिन उन्हें उतनी चर्चा नहीं मिली थी। पीएम मोदी के साथ मंच पर आने के ऐलान के मुंबई की राजनीति गरमा गई है। ऐसे में चर्चा शुरू हो गई है कि राज ठाकरे क्यों बोलेंगे? क्योंकि यह वही मैदान है जहां पर 2019 में राज ठाकरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर सीधा हमला बोला था। तब राज्य में बीजेपी और शिवसेना (अविभाजित) का गठबंधन था। राजनीति हलकों में बावनकुले और ठाकरे की मुलाकात को औपचारिकता माना जा रहा था, क्योंकि रैली के लिए शिवाजी पार्क को बीएमसी से मनसे ने ही बुक किया है। ऐसे में यह भी चर्चा हो रही है राज ठाकरे ने पहले ही पीएम मोदी के साथ मंच साझा करने की तैयारी कर ली थी।
क्या बोलेंगे राज ठाकरे?
2019 से 2024 के बीच पांच सालों में महाराष्ट्र की सियासत बदल गई है। ऐसे में क्या राज ठाकरे बदले हुए अंदाज में नजर आएंगे। मनसे द्वारा की रैली ग्राउंड को बुक किए जाने को राज ठाकरे की बड़ी रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसे में उम्मीद है कि वे राम मंदिर, धारा 370 जैसे विषयों के साथ सीएए और NRC जैसे मुद्दों पर बोल सकते हैं। इतना ही नहीं राजनीति हलकों में भले ही यह रैली महायुति की है लेकिन इस राज ठाकरे का शक्ति प्रदर्शन भी माना जा रहा है। इसमें मनसे शिवाजी पार्क के अपने घरेलू मैदान पर ताकत दिखा सकती है। इसी में राज ठाकरे की रणनीति छिपी हुई है