दुुर्भावनाओं के आवेश में आकर दूसरों को नीचा दिखाने वाले पर ध्यान मत देना
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
ईर्ष्यालु व्यक्ति दूसरों की निंदा क्या सोचकर करता है? एसे व्यक्ति दूसरों की निंदा करता है ताकि उसे खुद की शान मिले या अपने दोषों को छिपाने के लिए। इसलिए, ईर्ष्यालु व्यक्ति दूसरों की निंदा करता है क्योंकि उसे अपनी ईर्ष्या और असुरक्षा को पूरा करने का एक रास्ता मिलता है।
अगर कोई बार-बार आप में कमी निकालता है और आपकी निंदा-बुराई करता है,आपकी चुगली,चापलूसी और आपसे घ्रणा और ईर्श्या करता है। उसका मकसद सिर्फ आपको नीचा दिखाना है। आपको समझ नहीं आता ऐसी स्थिति में आप उसे कैसे हैंडल करें या उस व्यक्ति को जवाब ना दें। और आप ऐसी स्थिति में मौन धारण कर लीजिए।
मुख्य बातें गुस्से में उसे जवाब न दें अआप अपना दिमाग शांत रखें और बुद्धिमता से काम लें वह दुष्ट व्यक्ति कसाई पुत्र होता है। उसे स्वयं की बुराई नहीं दिखती, बुराई करने वाले की तारीफ करके भी उसे जवाब दिया जाता है अगर कोई आपको बार-बार नीचे दिखाता है तो ऐसी स्थिति में आपको क्या करना चाहिए। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि वह व्यक्ति दुष्ट होता है जो अपनी बुराई नही दिखती देखकर भी नहीं देखता और दूसरों की छोटी से छोटी कमी देखने के लिए व्याकुल रहता है। ज्यादातर लोगों का सामना ऐसे लोगों से होता ही रहता है। जो समय- समय पर हमें नीचा दिखाते रहते हैं। पर ऐसे लोगों से डील कैसे करें उन्हें कैसे हैंडल करें या उनका फायदा कैसे उठाएं। आइए जानते हैं आचार्य चाणक्य ने क्या बताया है-
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि किसी भी इंसान की बुराई करने के पीछे के मकसद को समझें कि क्या वह आपको क्यों नीचा दिखाना चाहता है या आप को बेहतर बनाना चाहता है। इसके लिए चाणक्य कहते है- जब भी कभी कोई आपकी बुराई करें तो आपको अपना बचाव नहीं करना चाहिए। बल्कि बुराई करने वाले से अपनी उस कमी के बारे में पूछना चाहिए और चुपचाप ध्यान से अपनी उस कमी को सुनना चाहिए। सामने वाला यदि आपको आपकी कमियां, बुराई बता दे तो फिर उसे उन बुराइयों को दूर करने का उपाय भी पूछो। इस उपाय बताने के तरीके से ही पता चलता है कि सामने वाला हमें नीचा दिखाना चाहता है या वह हमें सच में बेहतर बनाना चाहता है।
मानसिक संतुलन
सामने वाले ने आपसे कुछ गुस्से वाली बात कह दी। जिससे आप को गुस्सा आ गया और आपने गुस्से में ही उसे कुछ ऐसी बात कह दी जिससे बाद में आपको ही पछताना पड़े। इसलिए गुस्से में जवाब न दें अपना दिमाग शांत रखें और बुद्धिमता से काम ले।
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ऊंचा दिखाकर नीचा दिखाना
यदि कोई आपको नीचा दिखाने के लिए आपकी कमी या बुराई करता है। तो ऐसे में उस सामने वाले व्यक्ति को ऊंचा दिखाकर आप उसे नीचा दिखा सकते हैं। इसमें बुराई करने वाले की बुराई कर दी जाती है।
वाणी संयम
सामने वाले को नीचा दिखाते समय कभी भी उसके परिवार से जुड़ी गालियां ना दें। बल्कि उस वक्त अपने गुस्से को शांत रखें और संयम से काम लेते हुए सोच समझ कर अच्छा सा मुंह तोड़ जवाब दें।
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नीचा दिखा कर ऊंचा दिखाना
इसमें बुराई करने वाली की तारीफ की जाती है जैसे- आपकी यही आदत मुझे बहुत अच्छी लगती है। आप पूरे विश्व को एक परिवार मानते हैं। सबका कितना ख्याल रखते हैं और यही नहीं उपाय भी बताते हैं। यदि आप इतनी मेहनत दूसरों पर करने के बजाय खुद पर करेंगे तो अपने आप को बेहतर बना पाएंगे।
नीचा दिखाने वाले को आप कहें कि आपके पिता और माताजी धन्य है जो आपके जैसी संतान पैदा करके सकल समाज और देश का नाम रौशन किया है?धन्य है आप और आपकी विचारधारा धन्य हैं?
सहर्ष सूचनार्थ नोट्स:-
प्रस्तुत लेख में सुझाए गए सलाह केवल सामान्य ज्ञान और आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता है।