RSS झंडा लगाने पर मामला दर्ज : संघ कार्यकर्ताओं को बनाया आरोपी
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
केरल। मलयालम के कोल्लम जिले में पार्थसारथी मंदिर के बाहर बने पूक्कलम (फूलों की सजावट) में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का झंडा और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लिखे जाने को लेकर आरएसएस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इस घटना पर केरल बीजेपी प्रमुख राजीव चंद्रशेखर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि कार्यकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज करना ‘शर्मनाक’ और ‘देशद्रोहियों जाएगा. अधिकारियों ने साफ किया कि एफआईआर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शब्द को लेकर नहीं बल्कि खास तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का झंडा लगाने को लेकर है. चंद्रशेखर ने एक्स पर पोस्ट करते हुए इस मामले को तुरंत वापस लेने की मांग की और कहा कि यह सशस्त्र बलों और आतंकवाद के पीड़ितों का अपमान है. उन्होंने लिखा, ‘ऑपरेशन सिंदूर हमारी शान है. यह भारत की सेना के साहस और वीरता का प्रतीक है. यह वही ऑपरेशन है, जिसने 26 निर्दोष सैलानियों की हत्या का बदला लिया था, जिन्हें धर्म पूछकर मारा गया था. केरल पुलिस की यह एफआईआर उन 26 आतंकवाद पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ-साथ हर उस सैनिक का अपमान है, जो भारत की रक्षा अपने खून और बलिदान से करता है.’
300 श्रमिकों को रिहा करने का आदेश, पकड़े गए थे प्लांट में छापेमारी के दौरान चंद्रशेखर ने आगे लिखा, ‘केरल कभी भी जमात-ए-इस्लामी या पाकिस्तान के इशारों पर चलने वाली जमीन नहीं बन सकती. केरल पुलिस को याद रखना चाहिए कि यह भारत है. मैं उनसे और मुख्यमंत्री/गृह मंत्री पिनराई विजयन जी से कहता हूं कि इस शर्मनाक और देशद्रोही एफआईआर को तुरंत वापस लिया जाए.’ जानकारी के मुताबिक, आरएसएस का झंडा फूलों की सजावट में लगाए जाने के बाद सस्तमकोट्टा पुलिस ने केस दर्ज किया. पुलिस का कहना है कि पहले ही सीपीआई (एम) और बीजेपी दोनों पक्षों से कहा गया था कि पूक्कलम में किसी भी तरह का राजनीतिक झंडा या प्रतीक इस्तेमाल न करें, क्योंकि क्षेत्र में पहले से तनाव की स्थिति है. दोनों दल इस शर्त पर सहमत भी हो गए थे. लेकिन फेस्टिवल के दौरान फूलों की सजावट में आरएसएस का झंडा लगाया गया. पुलिस के अनुसार, इस वजह से समझौते का उल्लंघन हुआ और तनाव फैलने की आशंका थी, इसलिए मामला दर्ज किया गया है.