महाराष्ट्र में मविआ के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे या नाना पटोले ?NCP चीफ शरदचंद्र पवार का कथन

महाराष्ट्र में मविआ के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे या नाना पटोले ?NCP चीफ शरदचंद्र पवार का कथन

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

मुंंबई।NCP चीफ शरदचंद्र पवार का मानना है कि विधान सभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र राज्य का भावी CM मविआ का होना चाहिए।महाराष्ट्र राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर MVA नेताओं मे जिम्मेदारी का तनाव बढने लगा है? इस संबंध में उद्धव ठाकरे की बात के बड़े हैं मायने निकाले जा रहे हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि संपूर्ण मुंबई महानगर बीएमसी,उल्लास नगर,कल्याण, रायगढ, पश्चिम महाराष्ट्र, मराठवाडा और विदर्भ प्रदेश में शिवसेना सुप्रीमों स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे के चिरंजीव पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे, NCP. और कांग्रेस पार्टी का वोटबैंक अत्याधिक बढा है?

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर महाविकास अघाड़ी और कांग्रेस में जमकर उठापटक शुरू हो गई है। वहीं महायुति में अभी सीट बंटवारे पर ही कोई पुख्ता हल निकलता नजर नहीं आ रहा है।

महाराष्ट्र में अगले 6 महीने के अंदर ही विधानसभा के चुनाव होने हैं। विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है। ऐसे में महाविकास अघाड़ी और महायुति गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर जमकर उठापटक बढ़ गई है। वहीं महाविकास अघाड़ी में मुख्यमंत्री पद भी गले की फांस बनता नजर आ रहा है। शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस तीनों के लिए यह चुनाव बेहद अहम माना जा रहा है। पार्टी में टूट के बाद पहला मौका है जब जनता असली पार्टी पर मोहर लगाएगी।

दोनों ही तरफ सीट बंटवारे को लेकर चर्चा तेज है। वहीं पार्टियों ने अपनी मजबूत सीट पर काम करना शुरू कर दिया है। महायुति की बात करें तो बीजेपी और उसके सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे पर कोई पुख्ता बात सामने नहीं आई है। महायुति में आखिरी फैसला देवेंद्र फडणवीस पर छोड़ दिया गया है। हालांकि इससे अजित पवार गुट में जमकर असंतोष पनप रहा है। एनडीए में शामिल होने के बाद से ही अजितदादा पवार और बीजेपी में जमकर मतभेद नजर आता रहता है। हालकि महाराष्ट्र विकास आघाडी की तरफ से मुख्यमंत्री के दावेदार उद्धव ठाकरे,नानाभाऊ पटोले,और सुप्रिया सुले के नामों की चर्चा जोरों पर है?

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद का फार्मुला बड़ी टेंशन बन सकता है। 2019 के विधानसभा चुनाव में भी मुख्यमंत्री का पद ही बीजेपी-शिवसेना गठबंधन में टूट की वजह बन गया था। एक तरफ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी रहते हुए अपना सीएम चाहती थी तो दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोक रहे थे। जब एनसीपी औऱ कांग्रेस उन्हें मुख्यमंत्री बनाने पर राजी हो गई तो उन्होंने महाविकास अघाड़ी गठबंधन बना लिया।

एक बार फिर उसी तरह का माहौल अब महाविकास अघाड़ी में नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री पद को लेकर स्थिति साफ नहीं है लेकिन उद्धव ठाकरे जोर देकर कह रहे हैं कि चुनाव अभियान तभी तेज होगा जब सीएम फेस का ऐलान हो जाएगा। 16 अगस्त को मुंबई में महाविकास अघाड़ी के पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गई थी। इसमें चुनाव को लेकर रणनीति बनाई जानी थी। इसमें शरद पवार, उद्धव ठाकरे, नाना पटोले, सुप्रिया सुले, आदित्य ठाकरे, बालासाहेब थोराट, पृथ्वीराज चव्हाण भी शामिल हुए थे। इसके अलावा सीपीआई, सीपीएम और शेकाप जैसे छोटे दलों के नेता भी मीटिंग में शामिल थे।

मुख्यमंत्री पद पर उद्धव का बयान अहमियत रखता है।

उद्धव ठाकरे ने इस बैठक में कहा कि शरद पवार और कांग्रेस मुख्यमंत्री पद के चेहरे का ऐलान कर दें, मैं भी उसका समर्थन करूंगा। यह चुनाव कोई भी व्यक्तिगत फायदे के लिए नहीं लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि संख्या के आधार पर सीएम फेस की चर्चा नहीं होनी चाहिए। वर्ना गठबंधन की पार्टियां ही एक दूसरे की सीट काटने में जुट जाएंगी और इससे विरोधी को ही फायदा मिलेगा। ऐसे में सीएफ फेस तय होने के बाद आगे बढ़ना उचित है।

सीएम फेस पर मतभेद

वहीं शरद पवार और नाना पटोले दोनों ने ही उद्धव की इस मांग का समर्थन नहीं किया। दोनों ही नेताओं ने कहा कि पहले सबको मिलकर महाविकास अघाड़ी की जीत के लिए चुनाव लड़ना है। इसके बाद ही मुख्यमंत्री पद का फैसला अच्छा होगा। वहीं पृथ्वीराज चव्हाण ने जिसकी सीट ज्यादा, उसका मुख्यमंत्री के फार्मुले का ही समर्थन किया। अब उद्धव ठाकरे के बयान के बाद सवाल है कि महाविकास अघाड़ी में किसकी चलेगी और सीएम फेस का ऐलान कैसे किया जाए।

उद्धव ठाकरे का छूटा नहीं मुख्यमंत्री पद का मोह

उद्धव ठाकरे का मुख्यमंत्री पद का मोह अभी छूटा नहीं है। उन्होंने इसके संकेत दे दिए हैं। लाडली बहन योजना के बारे में बोलते हुए उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि इस योजना के लिए बजट कहां से आएगा। इस योजना को लेकर सीएम नाराज होते रहते हैं और इसलिए कई आईएएस अधिकारी कहते हैं कि आपको जल्द लौटना चाहिए। बता दें कि लोकसभा चुनाव में उद्धव गुट का प्रदर्शन अच्छा था। इसलिए भी उद्धव ठाकरे सीएम फेस को लेकर दबाव बना रहे हैं

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