BJP गठबंधन को लगेगा झटका? एकनाथ शिंदे के कामकाज से संतुष्ट नहीं है जनता
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
मुंबई ।’मूड ऑफ द नेशन’ सर्वे के मुताबिक महाराष्ट्र में 25 फीसदी लोगों का मानना कि वह महायुति की एकनाथ शिंदे सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं.जबकि 70 फीसदी लोग असंतुष्ट है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है. साथ ही प्रदेश की सभी पार्टियां अपने-अपने तरीके से जनाधार को मजबूत करने में जुटी हुई हैं. इस बीच राज्य में इस बात को लेकर एक सर्वे किया गया है कि महाराष्ट्र सरकार के कामकाज से कितने फीसदी लोग संतुष्ट हैं?जबकि महाराष्ट्र की 60 से 70 फीसदी जनता भाजपा की नीति और कार्यप्रणालियों से संतुष्ट नहीं है।
दरअसल, ‘आजतक सी वोटर सर्वे’ में इस बात का भी जिक्र हैं कि महाराष्ट्र में सीएम के प्रदर्शन से किसने लोग संतुष्ट है? इसके अलावा विपक्ष को लेकर महाराष्ट्र की जनता की क्या राय है? साथ ही इसमें महाराष्ट्र में सबसे बड़ा मुद्दा क्या है इस पर भी बात की गई. इस सर्वे के मुताबिक अधिक संख्या में लोग महाराष्ट्र सरकार के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं.
महाराष्ट्र सरकार के कामकाज से कितने लोग खुश?
आजतक सी वोटर सर्वे के मुताबिक महाराष्ट्र प्रदेश के 25 फीसदी लोगों का मानना कि वह एकनाथ शिंदे सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं, जबकि 34 फीसदी लोगों का कहना है कि वह इस सरकार के काम से संतुष्ट नहीं हैं. इसके अलावा राज्य के 34 फीसदी लोग यह मानते हैं कि वो कुछ हद तक सरकार के कामकाज से खुश हैं.
एकनाथ शिंदे के प्रदर्शन से लोग संतुष्ट नहीं है?
सर्वे में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के प्रदर्शन से जुड़ा सवाल पूछा गया तो 25 फीसदी लोग सीएम शिंदे के प्रदर्शन से संतुष्ट नजर आए. वहीं राज्य के 60 फीसदी लोग यह मानते हैं कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का कामकाज ठीक नहीं रहा यानी वो उनके काम से संतुष्ट नहीं है. वहीं 31 फीसदी ऐसे लोग भी है सीएम शिंदे के काम से कुछ हद तक संतुष्ट हैं.
विपक्ष की भूमिका से कितने लोग संतुष्ट है?
इस सर्वे में महाराष्ट्र प्रदेश में विपक्ष की भूमिका में बैठी महा विकास अघाड़ी को लेकर सवाल पूछा गया तो 11 फीसदी लोग ही विपक्ष की भूमिका से संतुष्ट नजर आए. वहीं 30 फीसदी लोगों ने कहा कि विपक्ष की भूमिका ठीक नहीं रही यानी वो उनकी भूमिका ने संतुष्ट नहीं है. वहीं 21 फीसदी लोग ऐसे भी हैं जो विपक्ष की भूमिका से कुछ हद तक संतुष्ट हैं.
महाराष्ट्र का सबसे बड़ा मुद्दा?
इस सर्वे में लोगों से ये भी जानने की कोशिश की गई है कि प्रदेश में उनके लिए सबसे बड़ा मुद्दा क्या है? इसमें बेरोजगारी, मंहगाई, विकास और भ्रष्टाचार पर लोगों ने अपनी राय दी है. करीब 60 फीसदी लोगों का मानना है कि राज्य में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है. वहीं करीब 15 फीसदी लोग महंगाई को सबसे बड़ा मुद्दा मानते हैं.
सर्वे के मुताबिक 15 फीसदी लोग विकास को बड़ा मुद्दा बताते नजर आए. वहीं करीब 40 फीसदी लोग ये मानते हैं, रोड बनते ही उखड रहे है ओर विकास कार्यों मे नेताओं की धन उगाही और कमीशन खोरी जैसे भ्रष्टाचार सबसे बड़ा मुद्दा है. जबकि 20 फीसदी लोग लॉ एंड ऑर्डर जबकि 30 फीसदी लोगों ने किसानों से जुड़ी समस्याओं को बड़ा मुद्दा बताया.
लोकसभा के आंकड़े
बता दें मौजूदा महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त होने से पहले ही संपन्न होने की संभावना है. आयोग ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के चुनाव घोषित करने के मौके पर महाराष्ट्र में बारिश और त्योहारी सीजन होने का उल्लेख किया था. वहीं अगर बीते लोकसभा चुनाव पर नजर डाले तो महाराष्ट्र में इस बार लोकसभा चुनाव में महायुति का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा.
पार्टी को यहां कई सीटों पर नुकसान उठाना पड़ा. बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के साथ वाली महायुति गठबंधन को 48 लोकसभा सीटों में से 17 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. वहीं महाविकास अघाड़ी को 30 सीटों पर जीत मिली थी.हालकि अपना भाग्य अजमाने के लिए बीजेपी अच्छा खासा प्रदर्शन कर रही है? बीजेपी नेतागण लोक लुभावने भाषण और लोलीपॉप देने में बडे ही
माहिर होते हैं।परिणामत: महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव में मुह की खानी पड सकती है? क्योंकि अब महाराष्ट्र की जनता बहुत ही जागरूक हो चुकी है?