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विदर्भ की 62 सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सत्ता हथियाने की सीधी टक्कर

विदर्भ की 62 सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सत्ता हथियाने की सीधी टक्कर

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

 

नागपुर। महाराष्ट्र चुनाव में सभी राजनीतिक दलों की नजरें विदर्भ की 62 विधानसभा सीटों पर टिकी हैं। कपास के लिए मशहूर विदर्भ में बड़ी जीत से ही राज्य की सत्ता के द्वार खुलते हैं। 2014 के चुनाव से पहले यह इलाका कांग्रेस का गढ़ था, जिस पर बीजेपी ने कब्जा किया था। दस साल बाद लोकसभा चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस को विदर्भ में जीत मिली थी। यहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर होने की उम्मीद है।

मुंबई के वर्षा बंगले में कौन रहेगा? यह 23 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद पता चलेगा। वर्षा बंगले में पहुंचने के लिए राजनीतिक दलों को पश्चिम महाराष्ट्र और विदर्भ में बड़ी जीत हासिल करनी होगी। खेती-किसानी वाले ट्राइबल इलाके विदर्भ में विधानसभा की 62 सीटें हैं, जिनमें से 35 क्षेत्रों में कांग्रेस और बीजेपी के सीधा मुकाबला है। विदर्भ की सात सीटों पर अजित पवार और शरद पवार के बीच भी आमने-सामने की टक्कर होगी। इसके अलावा छह सीटों पर एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सेना भी सीधी लड़ाई लड़ रही है।

विधानसभा में जीत के बाद लोकसभा में बीच जे पी पिछड़ गई

महाराष्ट्र में 76 सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला हो रहा है, जिनमें विदर्भ की 35 सीटें शामिल हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 29 और कांग्रेस ने 15 सीटों पर जीत हासिल की थी। तब अविभाजित शिवसेना को सिर्फ चार सीटें मिली थीं। 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और एमवीए का पलड़ा भारी रहा। एमवीए ने 10 लोकसभा सीटों में से 7 पर कब्जा किया था। लोकसभा के नतीजों के हिसाब से महाविकास अघाड़ी 42 विधानसभा सीटों पर आगे रही, जबकि महायुति को 20 सीटों में ही बढ़त बना पाई थी। 2024 के विधानसभा चुनाव में जीत के लिए दोनों गठबंधन दम लगा रहे हैं। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कार्यकर्ताओं से विदर्भ में और अधिक मेहनत करने की अपील की थी।

फड़णवीस समेत बीजेपी के कई दिग्गज लड़ रहे हैं चुनाव

विदर्भ के नागपुर में ही आरएसएस का मुख्यालय है, जहां से बीजेपी के लिए चुनावी रणनीति और एजेंडा तय होता है। विदर्भ से बीजेपी के कई बड़े नाम किस्मत आजमा रहे हैं। नागपुर में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। नागपुर के दक्षिण-पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ कांग्रेस के प्रफुल गुडाधे चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले भी कामठी विधान सभा से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस के सुरेश भोयर से है। बीजेपी नेता प्रवीण दटके नागपुर सेंट्रल में कांग्रेस के बंटी शेलके को चुनौती दे रहे हैं। बल्लारपुर में बीजेपी के वरिष्ठ सुधीर मुनगंटीवार के खिलाफ कांग्रेस के संतोष सिंह रावर मैदान में हैं।

विदर्भ से कांग्रेस के भी बड़े नाम मैदान में

विदर्भ के सकोली में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले उम्मीदवार है, उनके खिलाफ अविनाश ब्रह्मणकर के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने चंद्रपुर के ब्रम्हपुरी विधानसभा सीट से पर्चा भरा है। उनकी टक्कर बीजेपी के कृष्णलाल सहारे से है। कांग्रेस नेता नितिन राउत भी नागपुर नॉर्थ से ताल ठोंक रहे हैं। नागपुर वेस्ट से कांग्रेस के उम्मीदवार नगर अध्यक्ष विकास ठाकरे हैं, जिनका मुकाबला बीजेपी के जिला प्रमुख सुधाकर कोहले से हो रहा है।

असली-नकली शिवसेना और एनसीपी का भी होगा फैसला

शिवसेना और एनसीपी में विभाजन के बाद विदर्भ का चुनावी खेल और रोमांचक हो गया है। बुलढाणा शहर, मेहकर (बुलढाणा), बालापुर (अकोला), दरियापुर (अमरावती) और दिग्रस (यवतमाल) पर शिंदे सेना और उद्धव सेना आमने-सामने है। मोर्शी (अमरावती), अमरावती शहर, करंजा (वाशिम), अरवी (वर्धा), तुमसर (भंडारा), अहेरी (गढ़चिरौली) और पुसाद (यवतमाल) में एनसीपी के दोनों धड़ों के बीच सीधी टक्कर है। इसके अलावा कई सीटों पर शिवसेना और बागियों ने पर्चा भरा है।

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