महाराष्ट्र में मविआ को बढ़त से रोकने के लिए सक्रिय है BJP आलाकमान
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
मुंबई । महाराष्ट्र राज्य में महाविकास अघाड़ी को बढ़त से रोकने के लिए BJP आलाकमान सतर्क हो चुका है। बावजूद भी उम्मीदवारों को टिकट के लिए उभरे अंदरुणी मतभेद के चलते भाजपा के अनेक कर्मठ नेताओं और कार्यकरताओं ने प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुळे को अच्छा खासा सबक सिखाने का मन बना लिया है।
भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को लोकसभा चुनाव में खासा झटका लग चुका है। महा विकास अघाड़ी (MVA) को राज्य में जो सीटों पर बढत मिली है। महायुति के खाते में लोकसभा चुनाव में जो सीटें मिली हैं। वह मानो ऊंट के मुंह मे जीरा के समान प्रतीत हो रही है, मानो इसे लेकर बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पदाधिकारियों के बीच खतरे की घंटी बज गई हो। दोनों संगठनों के शीर्ष नेताओं की विगत माह नागपुर में बैठक हुई। इस दौरान चुनावी रणनीति को लेकर 6 घंटे से अधिक समय तक चर्चा हुई।
बैठक में उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राज्य भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले और अन्य सीनियर नेताओं के साथ आरएसएस के शीर्ष पदाधिकारियों ने भाग लिया। इस दौरान चर्चा हुई कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और स्वदेशी जागरण मंच सहित विभिन्न सहयोगी संगठन कैसे योगदान करेंगे। पार्टी उम्मीदवारों के लिए जनता का समर्थन जुटाने में इनकी सक्रियता कैसे बढ़ाई जाएगी। पिछले लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा की कुछ स्वतंत्र एजेंसियों के सर्वे के नतीजों की मीटिंग में पेश किए गए थे। साथ ही RSS स्वयंसेवकों की ओर से इलेक्शन से जुड़ी जानकारियों को भी साझा किया है।
सूत्रों के मुताबिक, राज्य भाजपा आलाकमान ने विधान सभा चुनावों में जीत सुनिश्चित करने और प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के बारे में RSS व उसके सहयोगियों से पूरे दिल से समर्थन मांगा था। चुनावी रणनीति के अलावा बैठक में राम मंदिर पर भी चर्चा हुई। इसे लेकर कहा गया कि चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए इसका प्रचार करना है। साथ ही राम मंदिर आंदोलन को लेकर भाजपा और आरएसएस के प्रयासों से जुड़ी जानकारी आम जन तक पहुंचानी चाहिए। बता दें कि केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे, जो नागपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं। क्योंकि लोकसभा चुनाव में भाजपा के जिम्मेदार पदाधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के प्रचार-प्रसार से परेज किया था? दरअसल मे भाजपा के निष्ठावान और कर्मठ नेता श्री नितिन गडकरी प्रधानमंत्री के दावेदार हो सकते हैं इसलिए श्री गडकरी को पराजित करने के उद्देश्य से भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुळे का कुप्रयास असफल साबित हुआ? नतीजतन वर्तमान परिवेश में विधान सभा चुनाव में उन्हे अच्छी खासी शिकस्त झेलनी पड रही है।