नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार है अमित शहा के खास : नियुक्ति पर कांग्रेस को आपत्ति
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं, बीते एक साल से वो चुनाव आयुक्त के पद पर थे
चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को भारत का मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है.
नई दिल्ली में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में तीन सदस्यों वाली समिति की बैठक में सोमवार को यह फ़ैसला किया गया.
ज्ञानेश कुमार बुधवार यानी 19 फ़रवरी को मुख्य चुनाव आयुक्त की ज़िम्मेदार संभालेंगे.
दिलचस्प है कि सुप्रीम कोर्ट में मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति वाले नए नियम को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से पहले इसकी घोषणा की गई है.
इसी नए नियम से ज्ञानेश कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है.
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समाप्त
क़ानून मंत्रालय ने सोमवार रात नियुक्ति की अधिसूचना जारी की थी. हरियाणा के मुख्य सचिव विवेक जोशी को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है. ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने आपत्ति जताई है.
कौन हैं ज्ञानेश कुमार
ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. 31 जनवरी, 2024 को ज्ञानेश कुमार यूनियन कोऑपरेशन सेक्रेटरी के पद से रिटायर हुए थे. केंद्रीय मंत्री अमित शाह के अंतर्गत आने वाले मंत्रालय में वह मई 2022 से सेक्रेटरी थे. इसके दो महीने बाद 14 मार्च, 2024 को इन्हें चुनाव आयुक्त बनाया गया था.
15 मार्च को उन्होंने कार्यभार संभाला और उसके अगले दिन ही चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव का कार्यभार संभाला है.
संभालने के लगभग एक साल बाद ही वो अब मुख्य चुनाव आयुक्त की ज़िम्मेदारी संभालने जा रहे हैं.
उन्होंने इससे पहले पांच साल गृह मंत्रालय में काम किया था, जहां वह मई 2016 से लेकर सितंबर 2018 तक संयुक्त सचिव और उसके बाद सितंबर 2018 से लेकर अप्रैल 2021 तक अतिरिक्त सचिव के पद पर थे.
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ज्ञानेश कुमार के चुनाव आयुक्त रहते हुए लोकसभा चुनाव 2024 हुए
कश्मीर से लेकर राम
अतिरिक्त सचिव के पद पर रहते समय ज्ञानेश कुमार जम्मू-कश्मीर के मामलों को देख रहे थे और अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को रद्द करने की घोषणा की गई थी.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, अनुच्छेद 370 को रद्द करने का क़ानून जब लाया जा रहा था उस समय वह गृह मंत्री अमित शाह के साथ लगातार संसद में आते थे.
अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, नरेंद्र मोदी सरकार का ज्ञानेश कुमार में एक नौकरशाह के तौर पर भरोसा इस तथ्य से ही पता चलता है कि न केवल उन्हें गोपनीय विधेयकों में से एक जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को तैयार करने की ज़िम्मेदारी दी गई थी बल्कि वह राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन में भी शामिल थे.
इसी रिपोर्ट के मुताबिक़, कोऑपरेशन सेक्रेटरी के उनके कार्यकाल के दौरान मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज़ (एमएससीएस) (संशोधन) विधेयक, 2023 पास किया गया था, जिसका लक्ष्य कोऑपरेटिव सेक्टर में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाना था.
ज्ञानेश कुमार के चुनाव आयुक्त रहते हुए लोकसभा चुनाव 2024 हुए और साथ ही अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए. इसके अलावा हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र और दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए.
मुख्य चुनाव आयुक्त के तौर पर ज्ञानेश कुमार का कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक होगा. उनके कार्यकाल में 20 विधानसभा चुनाव होंगे. साथ ही 2027 में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव और 2029 लोकसभा चुनाव की तैयारी भी उन्हीं के कार्यकाल में होगी.
ज्ञानेश कुमार ने आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है. उन्होंने इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड फ़ाइनैंशियल एनालिस्ट्स ऑफ़ इंडिया से बिज़नेस फ़ाइनैंस में पढ़ाई भी की है.