पति या पत्नी द्वारा धोखा किसी रिश्ते में सबसे दर्दनाक मुश्किल
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
नई दिल्ली। मनोविज्ञान के अनुसार अगर किसी को अपने जीवनसाथी से धोखा लगता है, तो उस स्थिति में क्या करना चाहिए, यह एक व्यक्तिगत निर्णय है. पति-पत्नी के बीच धोखा क्यों होता है? भरोसा टूटना, भावनाओं में कमी, दोष. धोखा दे रही पत्नी के लक्षण,अचानक समय सारिणी बदलना,दोस्तों से कम मिलना-जुलना,कामेच्छा में बदलाव,शक्ल-सूरत को लेकर ज़्यादा चिंता,दिनचर्या में बदलाव, जैसे कि अक्सर देर तक बाहर रहना,धोखा लगने पर क्या करें? सबूत इकट्ठा करें,पति से बात करें,अगर पति बार-बार बेवफ़ाई करता है, तो तुरंत उसका तिरस्कार करें और अपने मायके लौट जाएं,अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें,जब आप सोचने समझने की स्थिति में हों, तभी इस समस्या से बाहर आएं,अगर ज़रूरी हो, तो तलाक की प्रक्रिया शुरू करें,धोखा मिलने की स्थिति में, मानसिक और शारीरिक तौर पर स्वस्थ रहना बहुत ज़रूरी होता है.
भरी जवानी में जब एक पुरुष अपनी पत्नी को धोखा दे रहा हो तो पत्नी को क्या करना चाहिए?
देखिये, अगर एक विवाहित युगल में से एक पार्टनर अपने दूसरे पार्टनर को धोखा देकर बाहर वालों से सम्बन्ध बनाए,तो फिर धोखा खाने वाले को धोखा देने वाले पार्टनर का तुरंत तिरस्कार कर देना चाहिए।कहने वाले कह देंगे,माफ कर दो। मगर सोचो, ऐसे जीवन साथी को आप भला जीवन साथी कैसे कहेंगे? जो साथी गन्दा हो चुका हो,जिसका चरित्र खुल कर सामने आ गया हो, उसे माफी माँगने पर भी कोई साथ क्यूँ रखे?अग्नि के समक्ष सात फेरे लेकर वचन बद्ध हुए व्यक्ति से अपेक्षा होती है कि वह पूरी उम्र वफादार रहेगा /रहेगी।
भरोसा तोड़ने वाला क्षमा योग्य नहीं है।अगर इन्सान भी ऐसे मामले में क्षमा करने लगे ,तो फिर इन्सान और जानवर में फर्क क्या रह जायेगा?
क्वोरा पर ही पत्नी से धोखा खाए एक युवक ने प्रश्न किया कि उसकी पत्नी दूसरे मर्द के पास सो कर आई है,तो वह क्या करे?
तो एक मोहतरमा ने आश्चर्य से भरा जबाब लिख दिया कि वह पत्नी को गैर- मर्द के पास जाने दे?अब ज़रा सोचिये अगर स्त्रियों की आजाद सोच का ये हाल है,तो फिर शादी का मतलब क्या रह गया? यानि एक स्त्री दूसरी स्त्री के नाजायज सम्बंधों की पैरवी कर रही है?? मगर पति भी धोखा देने वाला ही हो,तो पत्नी को तुरंत उसका तिरस्कार कर अपने मायके लौट जाना सबसे उत्तम रास्ता है। हमारे देश में पति को परमेश्वर बता कर स्त्रियों का उल्लू बनाया जाता रहा है?
अधिकाँश स्त्रियाँ क्योंकि आजीविका के लिये पुरुष पर निर्भर होती हैं,इसलिए वे पराई स्त्री के पीछे दौड़ लगाने वाले ‘बेवफा’ पति की पिछलग्गू बने रहने को मजबूर हो जाती हैं।
मगर स्त्रियों को ऐसे रिश्ते ढोते रहने के बजाय बेवफा पति से तुरंत रिश्ता तोड़ लेना ही एकमात्र उपाय है।
अगर ऐसे मामलों में भी स्त्री समझौता कर ले,तो वह पत्नी का दर्जा न हो कर गुलाम का दर्जा कहलाएगा।अब किसी को गुलामी मंजूर हो,तो कोई क्या करे?