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मणिपुर में राष्ट्रपति शासन :  CM ने दिया इस्तीफा,अब तक 300 से ज्यादा मौते

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन :  CM ने दिया इस्तीफा,अब तक 300 से ज्यादा मौतें

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

 

मणीपुर। एन बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को मणिपुर के गवर्नर अजय कुमार भल्ला को दिया स्तीफा.

मणिपुर में केंद्र सरकार ने गुरुवार को राष्ट्रपति शासन लगा दिया। यह फैसला मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के 4 दिन बाद लिया गया। सिंह ने 9 फरवरी को गवर्नर को इस्तीफा सौंपा था।

राज्य में 21 महीने (3 मई 2023) से जारी जातीय हिंसा के चलते 300 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।

इसी के चलते बीरेन पर इस्तीफे का काफी दबाव था। विपक्षी पार्टियां भी लगातार NDA से इस मुद्दे पर सवाल पूछ रही थीं।

केंद्र की तरफ से लगाए गए राष्ट्रपति शासन का आधिकारिक लेटर जारी किया है.

ITLF ने कहा- हमारी मांग अलग प्रशासन की कूकी समुदाय की संस्था ITLF के प्रवक्ता गिन्जा वूलजोंग ने कहा- बीरेन सिंह ने मणिपुर विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव में हार के डर से इस्तीफा दिया है। हाल ही में उनका एक ऑडियो टेप लीक हुआ था, जिसका संज्ञान सुप्रीम कोर्ट ने लिया है। ऐसे में अब भाजपा के लिए भी उन्हें बचाना मुश्किल लग रहा है।

बीरेन चाहे मुख्यमंत्री रहें या नहीं, हमारी मांग अलग प्रशासन की है। मैतेई समुदाय ने हमें अलग किया है। अब हम पीछे नहीं हट सकते। बहुत खून बह चुका है। एक राजनीतिक हल ही हमारी मुसीबत का समाधान कर सकता है। कूकी समुदाय अलग प्रशासन की मांग को लेकर अब भी जस का तस कायम है।

राहुल बोले- PM को तुरंत मणिपुर जाना चाहिए एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राहुल गांधी ने कहा कि हिंसा, जान-माल के नुकसान के बावजूद पीएम मोदी ने एन बीरेन सिंह को पद पर बनाए रखा। लेकिन अब लोगों की तरफ से बढ़ते दबाव, सुप्रीम कोर्ट की जांच और कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव की वजह से एन बीरेन सिंह इस्तीफा देने को मजबूर हो गए।

पोस्ट में उन्होंने कहा कि इस वक्त सबसे जरूरी बात यह है कि राज्य में शांति बहाल की जाए और मणिपुर के लोगों के घावों को भरने का काम किया जाए। पीएम मोदी को तुरंत मणिपुर जाना चाहिए, वहां के लोगों की बात सुननी चाहिए और यह बताना चाहिए कि वे हालात सामान्य करने के लिए क्या योजना बना रहे हैं।

हिंसा पर बीरेन सिंह ने कहा था- मुझे माफ करें दिसंबर 2024 को मणिपुर के CM बीरेन सिंह ने राज्य में हुई हिंसा और उसमें हुई जनहानि को लेकर माफी मांगी थी। बीरेन सिंह ने कहा था कि पूरा साल बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। इसका मुझे बहुत दुख है। 3 मई 2023 से लेकर आज तक जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए मैं राज्य के लोगों से माफी मांगता हूं।

CM बीरेन सिंह ने सेक्रेटेरिएट में मीडिया से चर्चा के दौरान कहा- कई लोगों ने अपने प्रियजन को खो दिया। कई लोगों ने अपना घर छोड़ दिया। मुझे वास्तव में खेद है। मैं माफी मांगना चाहता हूं।

मणिपुर में 3 मई 2023 से कुकी-मैतेई समुदाय के बीच हिंसा जारी है। मैतेई-कुकी समुदाय के बीच भड़की हिंसा को 600 से ज्यादा दिन बीत चुके हैं।

बीरेन ने बताया, ‘मणिपुर में मई 2023 से अक्टूबर 2023 तक गोलीबारी की 408 घटनाएं दर्ज की गईं। नवंबर 2023 से अप्रैल 2024 तक 345 घटनाएं हुईं। मई 2024 से अब तक 112 घटनाएं सामने आई हैं।’

हालांकि राज्य में पिछले महीने से शांति है। हिंसा की कोई घटना नहीं हुई। छिटपुट प्रदर्शन के लिए भी लोग सड़कों पर नहीं उतरे। सरकारी दफ्तर रोजाना खुल रहे हैं और स्कूल में बच्चों की तादाद बढ़ रही है।

लीक ऑडियो क्लिप में CM पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा था

3 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा पर सुनवाई की थी। कुकी ऑर्गेनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट (KOHUR) की तरफ से कोर्ट में याचिका दाखिल करके कुछ ऑडियो क्लिप्स की जांच की मांग की थी। दावा किया गया था कि ऑडियो में CM कथित तौर पर कह रहे हैं कि उन्होंने मैतियों को हिंसा भड़काने की अनुमति दी और उन्हें बचाया।

याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण ने कहा- जो टेप सामने आए हैं, वे बहुत गंभीर हैं। इस पर CJI संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की बेंच ने मणिपुर सरकार से कहा कि सुनिश्चित करिए कि ये एक और मुद्दा न बने। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल फॉरेंसिक रिपोर्ट मांगी है.

मणिपुर में सुरक्षाबलों ने 4 बंकर नष्ट किए: 5 दिनों से सेना-पुलिस का जॉइंट सर्च ऑपरेशन; 9 हथियार, गोला-बारूद बरामद

मणिपुर में हिंसा की बढ़ती घटनाओं के बाद सुरक्षाबलों ने इंफाल ईस्ट और कांगपोकपी जिलों में बने बंकरों को नष्ट किया। ये बंकर थम्नापोकपी और सनसाबी गांवों की सीमा से लगे इलाकों में बनाए गए थे। जहां से पहाड़ियों पर रहने वाले बंदूकधारी निचले इलाकों के गांवों पर हमला कर रहे थे। इसके अलावा 5 दिनों से सेना-पुलिस का जॉइंट सर्च ऑपरेशन भी चल रहा था।

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