Breaking News
Oplus_131072

3 दुश्मन देश पाकिस्तान के साथ : युद्ध की स्थिति में समर्थन देने का ऐलान

3 दुश्मन देश पाकिस्तान के साथ : युद्ध की स्थिति में समर्थन देने का ऐलान

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

 

नई दिल्ली। भारतीय विशेषज्ञों का कहना है कि इजरायल के अलावा शायद कोई देश नहीं है जो खुलकर भारत के साथ आ रहा हो। अमेरिका और यूरोपीय देश भी कन्नी काट रहे हैं। जबकि तु्र्की और चीन ने पाकिस्तान को हथियारों की डिलीवरी कर दी है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद आशंका है कि भारत और पाकिस्तान जंग में उलझ जाएं।

पाकिस्तान को भारत के तीन दुश्मन देशों ने किया समर्थन देने का ऐलान कर दिया है.

अमेरिका भी खुलकर नहीं ले रहा पाकिस्तान का नाम

भारत बनाम पाकिस्तान की जंग में कौन किसके साथ?

पाकिस्तान को तीन देशों ने किया समर्थन देने का ऐलान (

पाकिस्तान ने दावा किया है कि भारत से तनाव के बीच भारत के तीन दुश्मन देशों ने इस्लामाबाद का समर्थन किया है। चीन और तुर्की के बाद अब अजरबैजान ने भी पाकिस्तान का साथ देने की घोषणा की है। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद आशंका है कि भारत और पाकिस्तान जंग में जा सकते हैं। जिसको लेकर एक तरफ जहां ईरान और सऊदी अरब ने तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के नेताओं से बात की है, वहीं चीन और तुर्की को लेकर रिपोर्ट है कि उसने पाकिस्तान को घातक हथियार मुहैया करवाए हैं। इस्लामाबाद को हथियार पहुंचाने के अलावा चीन ने रविवार को पाकिस्तान को “उसकी संप्रभुता और सुरक्षा हितों की रक्षा करने” में अपना समर्थन देने की घोषणा की है।

चीनी सरकार के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि “यह संघर्ष भारत और पाकिस्तान के मौलिक हितों में नहीं है, न ही यह क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए अनुकूल है। उम्मीद है कि दोनों पक्ष संयम बरतेंगे, एक-दूसरे से मिलकर काम करेंगे और स्थिति को शांत करने में मदद करेंगे।” इससे पहले पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार, जो देश के विदेश मंत्री भी हैं, उन्होंने रविवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी को फोन किया था। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के मुताबिक इशाक डार ने “भारत की एकतरफा और अवैध कार्रवाइयों के साथ-साथ पाकिस्तान के खिलाफ उसके निराधार प्रचार को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया।” वहीं अब पाकिस्तान के पत्रकारों ने दावा किया है कि अजरबैजान ने भी पाकिस्तान का समर्थन करने की घोषणा की है.

चीन, तुर्की और अजरबैजान हमेशा से पाकिस्तान के साथ रहे हैं, लिहाजा इन तीन देशों के एक साथ आने और इस्लामाबाद का समर्थन करना कोई हैरानी की बात नहीं है। अजरबैजान को पाकिस्तान और तुर्की आर्मेनिया के खिलाफ जंग में हथियार मुहैया करवाते है।जबकि अजरबैजान चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के तहत चीन ने पाकिस्तान में अरबों डॉलर का निवेश किया है और चीन को डर है, कि युद्ध की स्थिति में भारत चीन के बनाए गये बंदरगाहों पर हमले कर सकता है। भारत ने अपना एक एयरक्राफ्ट कैरियर अरब सागर में भी भेज दिया है, जो ग्वादर बंदरगाह के लिए खतरा बन सकता है। इसके अलावा चीन ने पाकिस्तान को पीएल-15 मिसाइलें भी इमरजेंसी हालात में पहुंचाए हैं। जबकि पाकिस्तान ने दावा किया है कि तुर्की ने 6 एयरक्राफ्ट हथियारों की डिलीवरी पाकिस्तान को दी है, जिनमें पांच एयरक्राफ्ट इस्लामाबाद में और एक एयरक्राफ्ट कराची में उतरा है

दूसरी तरफ पाकिस्तान और तुर्की इस्लाम की बुनियाद पर एक दूसरे का समर्थन करते है और तुर्की, पाकिस्तान को हथियार भी बेचता है। पाकिस्तान ने तुर्की से MILGEM क्लास युद्धपोत भी खरीदा है। कश्मीर मुद्दे पर तुर्की खुलेआम पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है। तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यर एर्गोदन यूनाइटेड नेशंस में भी पाकिस्तान के पक्ष में कश्मीर का मुद्दा उठाते हैं, जिसका भारत कड़ा विरोध करता है। दोनों देशों ने मिलकर कई युद्धाभ्यास भी किए हैं।

वहीं बात अजरबैजान की करें तो अजरबैजान की तरफ से पाकिस्तान के लिए ‘दो देश एक आत्मा’ का नारा देता है। अजरबैजान को 2020 के नागोर्नो-काराबाख युद्ध में तुर्की का खुला समर्थन मिला था, वहीं पाकिस्तान भी अजरबैजान का समर्थन करता रगहा है। आर्मेनिया के खिलाफ युद्ध में तुर्की ने ड्रोन, आधुनिक हथियार और रणनीतिक सहायता दी है। पाकिस्तान और अजरबैजान के बीच सैन्य सहयोग भी हालिया दिनों में बढ़ा है। दोनों देश आर्म्स डील के साथ साथ सैन्य अभ्यास के जरिए भी संबंधों को मजबूत कर रहे हैं। भारत के सुरक्षा विशेषज्ञ सुशांत शरीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि “भारत के दोस्त और दुश्मन खुद को पहचान रहे हैं। चीन, तुर्की, अजरबैजान स्पष्ट रूप से पाकिस्तान के पक्ष में हैं। आदर्श रूप से, ऐसा करने के लिए लागत होनी चाहिए, लेकिन भारत उन्हें मोटे व्यापार सौदों और डिफेंस कॉन्ट्रक्ट का अवार्ड देगा। इजराइल, शायद भारत के साथ एकमात्र देश है। हर दूसरे देश, अमेरिका, यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, यहां तक कि रूस भी हेजिंग कर रहे हैं। लेकिन हां, वसुधैव कुटुम्बकम। मूल रूप से हम ऐसे लोग हैं जो इतिहास से सीखने से इनकार करते हैं।”

About विश्व भारत

Check Also

बांग्लादेशी चोरों का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क गिरोह पर पुलिस की बड़ी कारवाई

बांग्लादेशी चोरों का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क गिरोह पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक …

संसार में स्त्रियों के विविध लक्षण एवं विशेषताएं

मनोविज्ञान के अनुसार संसार में स्त्रियों के विविध लक्षण एवं विशेषताएं   टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *