वनरक्षक ने आदिवासी युवक की बेरहमी से की पिटाई
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
छिन्दवाडा। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में वन रक्षक द्वारा आदिवासी युवक की बेरहमी से पिटाई की है. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.
गत 11 जुलाई 2025 को छिंदवाड़ा जिले के बिछुआ विकासखंड अंतर्गत एक बार फिर वन विभाग की बर्बरता उजागर हुई है। कुंभपानी वन परिक्षेत्र के थोटामाल सर्किल स्थित सिंगारदीप बीट में एक आदिवासी युवक के साथ बेरहमी से मारपीट का मामला सामने आया है। पीड़ित युवक शिवपाल उईके ने आरोप लगाया है कि वह जंगल से घर के लिए जलाऊ लकड़ी लेने गया था, जहां वनरक्षक ने उसे पकड़कर सागौन की चोरी का आरोप लगाते हुए बुरी तरह पीटाई कर दी है ।घटना स्थल पर खेत के पास आदिवासी युवक की पिटाई की गई, जिससे उसके शरीर पर गंभीर चोट के निशान साफ देखे जा सकते हैं।
गुरुवार को पीड़ित युवक ने बिछुआ थाने पहुंचकर इस घटना की शिकायत दर्ज कराई।इस घटना को लेकर क्षेत्र के आदिवासी समाज में भारी आक्रोश व्याप्त है। बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग बिछुआ थाने पहुंचे और आरोपी वनरक्षक पर सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की। वन विभाग ने प्राथमिक कार्रवाई करते हुए आरोपी वनरक्षक को बीट से हटा दिया है, लेकिन निलंबन और एफआईआर दर्ज न होने पर नाराजगी बनी हुई है।
थाना प्रभारी बिछुआ मोहन सिंह मास्कोले ने जानकारी दी कि पीड़ित की शिकायत पर आरोपी वनरक्षक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।पीड़ित शिवपाल उईके ने बताया कि वह केवल लकड़ी लेने गया था, लेकिन बिना किसी कारण वनकर्मी ने उसके साथ मारपीट की।फिलहाल पुलिस ने मामला कायम कर लिया है, लेकिन आदिवासी संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि वनरक्षक पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन करेंगे. बताते हैं कि नाकेदार रुपया ले देकर बडे लोगों को कीमती सागवन शीसम और साजा बीजा के झाड बेचते हैं और निर्दोष आदीवासियों पर आरोप मढ देते हैं. इसलिए वन अधिकारी मालामाल हो रहे हैं. गोपनीय सूत्रों की माने तो अनेकानेक वन परीक्षेत्र अधिकारी जंगली जानवरों के मांस की तस्करी में लिप्त हैं? बताते हैं कि पांच साल पूर्व वन विभाग के विश्रामगृह मे अनेक जिला पंचायत सदस्यों , जनपद पंचायत सदस्यों सरपंचों और विधायकों को जंगली बारहसिंगा के मटन और मौहा शराब की पार्टी दी गई थी! जिसमें फारेस्ट अधिकारी भी मौजूद थे.