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घर में सुख समृद्धि के लिए वास्तु शांति पूजन का विधि विवरण

घर में सुख समृद्धि के लिए वास्तु शांति पूजन का विधि विवरण

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

 

वाराणसी। वास्तु विज्ञान विशेषज्ञों के अनुसार वैदिक विधि-विधान से वास्तु शांति पूजन से घर में सुख, शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए की जाने वाली एक महत्वपूर्ण पूजा है। यह पूजा घर में प्रवेश करने से पहले या घर में किसी भी प्रकार के वास्तु दोष को दूर करने के लिए की जाती है।

वास्तु शांति पूजन विधि:

1. तैयारी: पूजा के लिए एक शुभ मुहूर्त का चयन करें।

घर को अच्छी तरह से साफ -सफाई कर लीजिए और घर को फूल मालाओं तथा आम के तोरण से सजाएं।

मुख्य द्वार तथा सभी द्वारों पर भी तोरण लगाएं.दरवाजा देहरी के पास रंगोली सजायें, बंदनवार और फूल लगाएं।

पूजा स्थल को साफ करके सजाएं।

आवश्यक सामग्री जैसे – पंच्च गव्य, गंगा जल, कलश, नारियल, सुपारी, आम के पत्ते, फूल, धूप, दीप, अक्षत, कुमकुम, हल्दी, आदि एकत्र करें।

2. पूजा: गणेश जी की पूजा से शुरुआत करें।

फिर, नवग्रहों की पूजा करें।

इसके बाद, वास्तु मंडल की स्थापना करें और वास्तु पुरुष का आह्वान करें। हवन अनुष्ठान करें और देवी देवताओं को आहुतियां दें। बाल- कन्या भोजन कराएं इसके अलावा हो सके तो सन्यासियों और ब्रम्हचारी ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हे यथा संभव दक्षिणा भी दें। अंत में, आरती करें और भूल-चूक के लिए क्षमा प्रार्थना मंत्रोच्चारण द्धारा प्रदीक्षणा करें तत्पश्चात जनता-जनार्दन पंच्चपरमेश्वरों को महा प्रसाद वितरण करें।

3. अन्य महत्वपूर्ण बातें: पूजा के दौरान, “ॐ नमो भगवते वास्तुरूपाय, भूर्भुवस्वः पतये भूपतित्वं में देहि ददापय स्वाहा” मंत्र का जाप करें।

वास्तु पुरुष की प्रार्थना करें।

घर के सभी सदस्यों को उपवास करना चाहिए।

पूजा के बाद, घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और वास्तु दोष दूर होते हैं।

विशेष: यह पूजा किसी योग्य अनुभव कुशल विद्धान पंडित गिरी पुरी भारती, शास्त्री य गोस्वामी से करवानी चाहिए।

पूजा की विधि और सामग्री स्थान और परंपरा के अनुसार थोड़ी भिन्न हो सकती है।

आप अपनी आवश्यकताओं के अनुसार, किसी अनुभवी वास्तू विशेषज्ञ से परामर्श कर सकते हैं

अपने निवास घर और भूमि के रक्षक देवता वास्तुपुरुष को प्रसन्न करने के लिए जाप किया जाता है। इसका मुख्य मंत्र है “नमस्ते वास्तु पुरुषाय भूशय्या भिरत प्रभो | मद्गृहं धन धान्यादि समृद्धं कुरु सर्वदा ||” इस मंत्र का जाप करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है और वास्तु दोष दूर होते हैं.

वास्तुपुरुष मंत्र: नमस्ते वास्तु पुरुषाय भूशय्या भिरत प्रभो | मद्गृहं धन धान्यादि समृद्धं कुरु सर्वदा ||

अर्थ: हे वास्तु पुरुष! आप सभी प्राणियों व वस्तुओं में निवास करने वाले हैं। मेरे घर को धन, धान्य और समृद्धि से सदा भरपूर कर दीजिए।

यह मंत्र न केवल वास्तु दोषों को दूर करने में मदद करता है, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और सुख-समृद्धि लाता है.

अन्य संबंधित मंत्र: ॐ वास्तु पुरुषाय नमः ॐ वास्तोष्पते शग्माया स ग्वाग सदाते सक्षिम हिरण्यया गातु मंधा | चहिक्शेम उतयोगे वरान्नो योयं पातस्वस्तिभिह सदानः स्वाहा ||

ॐ वस्तोष्पते ध्रुवास्थूनाम सनं सौभ्य नाम द्राप्सो भेट्ता पुरां शाश्वते ना मिनक्षे मुनिनाम सखा स्वाहा ||

इन मंत्रों का जाप करके आप अपने घर को वास्तु दोषों से मुक्त कर सकते हैं और सुख-समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं.

वास्तु पुरुष शांति और समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण अवधारणा है। वास्तु पुरुष को घर, भवन या किसी भी संरचना का रक्षक माना जाता है। वास्तु पुरुष की पूजा करने और वास्तु के नियमों का पालन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, सुख, शांति और समृद्धि आती है।

वास्तु पुरुष: वास्तु पुरुष को घर का देवता माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार

वास्तु पुरुष की पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

वास्तु पुरुष की पूजा को वास्तु शांति पूजा भी कहा जाता है।

वास्तु पुरुष की पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

वास्तु पुरुष की पूजा करने से घर में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि की रक्षा होती है।

वास्तु पुरुष की पूजा कैसे करें:

वास्तु पुरुष की पूजा के लिए, एक शांत स्थान पर वास्तु पुरुष की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

मूर्ति या चित्र को फूल, धूप, दीपक और नैवेद्य अर्पित करें।

वास्तु पुरुष मंत्रों का जाप करें। मंत्रों के बारे में अधिक जानकारी Vedadhara पर

वास्तु पुरुष से सुख, शांति और समृद्धि की प्रार्थना करें।

वास्तु पुरुष की पूजा के बाद, घर में हवन करें और प्रसाद वितरित करें।

वास्तु के अनुसार घर में शांति और समृद्धि के लिए: घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने के लिए, घर को साफ-सुथरा और हवादार रखें।

घर में हल्के रंग, जैसे कि सफेद, क्रीम, या हल्का पीला, का उपयोग करें।

घर में पौधे लगाएं, खासकर तुलसी का पौधा।

घर में लाफिंग बुद्धा की मूर्ति रखें। लाफिंग बुद्धा को सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है

घर में गणेश जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

दक्षिण-पश्चिम दिशा में भारी सामान रखें और उत्तर-पूर्व दिशा को खाली रखें।

घर में प्रवेश द्वार को उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में रखें।

घर में कांटेदार पौधे न लगाएं।

नियमित रूप से घर में दीपक जलाएं।

वास्तू शांति पूजन के लाभ

वास्तु शांति पूजन निवास घर या भवन, कारखाने, कार्यशाला (वर्कशाप) या किसी भी स्थान में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा का प्रादुर्भाव के लिए की जाती है। इससे घर में शांति, समृद्धि और खुशहाली आती है।

वास्तु शांति पूजन के फायदे:

नकारात्मक ऊर्जा का नाश:

यह पूजा घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा का नाश करती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाती है।

मानसिक शांति: वास्तु शांति पूजा से मानसिक शांति मिलती है और तनाव कम होता है।

समृद्धि और खुशहाली: यह पूजा घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली लाती है।

स्वास्थ्य लाभ: वास्तु शांति पूजा से घर के सदस्यों के स्वास्थ्य में सुधार होता है।

पारिवारिक संबंध: यह पूजा परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और सद्भाव बनाए रखने में मदद करती है।

आर्थिक लाभ: वास्तु शांति पूजा से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।

सुरक्षा: यह पूजा घर को बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियों से बचाती है।

सफलता: वास्तु शांति पूजा से जीवन में सफलता और प्रगति के नए रास्ते खुलते हैं।

अन्य लाभ: वास्तु दोषों के नकारात्मक प्रभावों को कम करता है।

घर के सभी कोनों को शुद्ध करता है।

मानसिक शांति और एकाग्रता में सुधार करता है।

आध्यात्मिक आनंद और संतुष्टि प्रदान करता है।

व्यक्ति को अधिक बुद्धिमान बनाता है।

बुरी आदतों और विचारों को दूर करता है।

सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। संक्षेप में, वास्तु शांति पूजा घर और परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जो सकारात्मकता, शांति और समृद्धि को बढ़ावा देता है।

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