महाराष्ट्र निकाय चुनाव में मनसे ने बैलेट पेपर से मतदान कराने की मांग
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
मुंबई। महाराष्ट्र नव निर्माण सेना नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य चुनाव आयुक्त से भी मुलाकात की
मनसे नेता बाला नंदगांवकर बोले लोगों को लगता है कि लोकतंत्र खतरे में है
महाराष्ट्र निकाय चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। रोज बड़े नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं। वहीं, राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने बड़ी मांग कर दी है। मनसे मंगलवार को राज्य में आगामी नगर निकाय चुनाव बैलेट पेपर से कराने की मांग की, इसके बाद वह विपक्ष की मांग में शामिल हो गई।
मनसे नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य चुनाव आयुक्त से भी मुलाकात की
मनसे नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य चुनाव आयुक्त से भी मुलाकात की और अपनी मांगों की एक सूची प्रस्तुत की, जिसमें वीवीपैट (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल्स) का इस्तेमाल भी शामिल था, जो इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का इस्तेमाल करने वाले मतदाताओं को फीडबैक देने का एक तरीका है।
मनसे नेता शिरीष सावंत ने संवाददाताओं से कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि मतदाता सूची में कोई समस्या है। वीवीपैट के इस्तेमाल का भी मुद्दा था। मनसे नेता बाला नंदगांवकर ने कहा कि लोगों को लगता है कि लोकतंत्र खतरे में है।
बैलेट पेपर से चुनाव कराने में क्या समस्या है-नंदगांवकर
नंदगांवकर ने मांग की कि बैलेट पेपर से चुनाव कराने में क्या समस्या है? अगर आपको (सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को) लगता है कि ठाकरे भाइयों (राज और उद्धव) के साथ आने के बावजूद आप सत्ता में आ जाएंगे, तो बैलेट पेपर से चुनाव कराएं। शिवसेना (यूबीटी) भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बजाय मतपत्रों से चुनाव कराने की मांग कर रही है.
मनसे नेता नांदगांवकर से मुंबई की जनता यह जानना चाहती है कि राज साहब ठाकरे को अंग्रेज, कन्नड उडिया,तामिलनाडू और मलियालम भाषा से कोई नफरत नहीं अपितु बडा प्रेम है? फिर हिन्दी भाषा से उन्हें इतनी नफरत क्यों हो रही है. गोपनीय सूत्रों की माने तो मुंबई का ठाकरे परिवार हिन्दी भाषी उत्तरभारतीय उत्तरप्रदेश, उत्तरांचल, झारखंड और बिहारियों द्धारा
बदसलूकी और अत्याचार किए जाने से बहुत आहत हैं.