देश की सबसे बड़ी समस्या है भ्रष्टाचार,घुसपैठ और कमजोर व्यवस्था
टेकचंद्र शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
इलाहाबाद। हिंदू जागरण मंच के पश्चिम उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष पवन चौधरी ने देश में बढ़ते भ्रष्टाचार और घुसपैठ को लेकर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि आज भारत के सामने सबसे बड़ा खतरा किसी बाहरी दुश्मन से नहीं, बल्कि भीतर फैले दुश्मन और भ्रष्टाचार से है।
उनके अनुसार, भ्रष्टाचार वह दीमक है जो समाज, प्रशासन और न्याय व्यवस्था की जड़ों को धीरे-धीरे खोखला कर रही है। उन्होंने कहा कि जब तक भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा, तब तक देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं रह सकतीं, क्योंकि घुसपैठिए भी इसी तंत्र का फायदा उठाकर देश में प्रवेश करते हैं।
पवन चौधरी ने बताया कि घुसपैठिए कैसे घूस देकर देश की नागरिकता के प्रतीक दस्तावेज हासिल कर लेते हैं
वे रिश्वत देकर आधार कार्ड, जनधन खाता, राशन कार्ड, वोटर आईडी, जन्म प्रमाणपत्र, और यहां तक कि ड्राइविंग लाइसेंस तक बनवा लेते हैं।
घूस देकर सड़क किनारे झुग्गियां खड़ी कर लेते हैं, और बाद में उन्हीं झुग्गियों के नाम पर सरकारी मकान भी हासिल कर लेते हैं।उन्होंने कहा, “यह केवल प्रशासन की विफलता नहीं है, बल्कि पूरी व्यवस्था के सड़ जाने का परिणाम है। जब भ्रष्ट अधिकारी और नेता अपने स्वार्थ के लिए कानून को ताक पर रख देते हैं, तो राष्ट्र की नींव हिल जाती है।”
भ्रष्टाचार और न्याय व्यवस्था पर प्रहार: पवन चौधरी ने कहा कि घुसपैठ का मूल कारण भ्रष्टाचार है, और भ्रष्टाचार का मूल कारण कमजोर कानून और सड़ी हुई न्याय व्यवस्था है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “जब कानून ऐसे हों कि अपराधी सालों तक मुकदमे का मज़ा लेते रहें और निर्दोष लोग अदालतों के चक्कर काटते रहें, तो न्याय का मज़ाक बन जाता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचारियों को सजा देने में न्यायिक प्रक्रिया इतनी धीमी है कि लोग न्याय की उम्मीद ही छोड़ देते हैं।
इससे एक ऐसी संस्कृति पैदा हो जाती है जिसमें अपराधी निर्भीक होकर भ्रष्टाचार करते हैं, क्योंकि उन्हें पता होता है कि सजा मिलेगी नहीं।
पवन चौधरी का समाधान प्रस्ताव,देश को इस भयानक स्थिति से बाहर निकालने के लिए चौधरी ने कई ठोस सुझाव रखे —
1. नकदी पर नियंत्रण:
उन्होंने कहा कि ₹100 से बड़े नोटों को बंद किया जाए ताकि रिश्वतखोरी और कालेधन पर अंकुश लगाया जा सके। साथ ही, ₹5,000 से ऊपर के सभी कैश लेनदेन को पूरी तरह बंद किया जाए।
2. संपत्ति और पहचान को जोड़ना:
₹50,000 से अधिक की कोई भी संपत्ति आधार कार्ड से लिंक की जाए ताकि अघोषित संपत्तियों और नकली पहचान का पता लगाया जा सके।
3. प्रशासनिक सुधार
उन्होंने पुलिस रिफॉर्म, ज्यूडिशियल रिफॉर्म, और एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म लागू करने की मांग की।
साथ ही, हर विभाग में चार्टर सिस्टम लागू करने का सुझाव दिया है. पुलिस की जवाबदेही तय करने के लिए।
न्यायपालिका की समयबद्धता और पारदर्शिता बढ़ाने के सरकारी कर्मचारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए।
आम नागरिकों को समय पर सेवा दिलाने के लिए।
4. भ्रष्टाचारियों पर सख्त कार्रवाई:
चौधरी ने कहा कि भ्रष्टाचारियों पर नार्को, पॉलीग्राफ और ब्रेन मैपिंग टेस्ट अनिवार्य किया जाए।
उनकी 100% संपत्ति जब्त कर ली जाए, नागरिकता खत्म की जाए, और एक वर्ष के भीतर फांसी की सजा देने का प्रावधान बनाया जाए।
राष्ट्रहित में सुधार आवश्यक:
उन्होंने कहा कि अगर सरकार ईमानदारी से इन सुधारों को लागू करे, तो देश के 80% प्रशासनिक और सामाजिक अपराध अपने आप खत्म हो जाएंगे।
“जब तक कठोर कानून और पारदर्शी व्यवस्था नहीं बनेगी, तब तक विकास केवल नारों में रहेगा, धरातल पर नहीं,” उन्होंने कहा। पवन चौधरी ने यह भी अपील की कि हर नागरिक को भी ईमानदारी का व्रत लेना चाहिए।
उन्होंने कहा “भ्रष्टाचार केवल नेताओं या अधिकारियों का मुद्दा नहीं है; यह आम आदमी की सोच से भी जुड़ा है। अगर हम छोटे-छोटे स्तर पर रिश्वत देने से मना करें, तो यह व्यवस्था अपने आप सुधर जाएगी।”
पवन चौधरी का संदेश साफ है
भ्रष्टाचार ही वह जड़ है जिससे घुसपैठ, अपराध, गरीबी और अन्य सामाजिक बुराइयां जन्म लेती हैं।
अगर इस जड़ को काट दिया जाए, तो भारत फिर से विश्वगुरु बन सकता है।
उन्होंने कहा, “राष्ट्र निर्माण के लिए जरूरी है कि हर नागरिक ईमानदार बने, और शासन व्यवस्था पारदर्शी हो। तभी भारत एक सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध राष्ट्र बन सकेगा।