उद्धव के भरोसे बीजेपी से लडना असंभव? शरद पवार को नाना पटोले पर सक!
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
मुंबई । लोकसभा चुनाव में महा विकास आघाड़ी के प्रदर्शन से उद्धव ठाकरे और शरद पवार के हौसले बुलंद हैं, लेकिन नाना पटोले का जोश सबसे हाई है. उद्धव और पवार बीजेपी को महाराष्ट्र की सत्ता से बेदखल करने में जुटे हैं, लेकिन कांग्रेस नेता दूरी बनाकर चल रहे हैं – यही हाल रहा तो विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कैसे रोक पाएंगे?
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले कहीं MVA की कमजोर कड़ी न साबित हों जायें
महाराष्ट्र की राजनीति में उद्धव ठाकरे और शरद पवार काफी दिनों से एक ही नाव पर सवार हैं. बीजेपी की मदद से एकनाथ शिंदे नाम के तूफान ने तो वो नाव ही डुबाने का इंतजाम कर लिया था, लेकिन दोनों मिलकर धीरे धीरे ऐसे मंसूबों को नाकाम करने में कामयाब होने लगे हैं.
पहले सत्ता, और फिर दोनों नेता अपनी पार्टियों से भी हाथ धो बैठे. न नाम साथ रहा न चुनाव निशान. एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने बीजेपी के साथ हाथ मिला कर उद्धव ठाकरे और शरद पवार भंवर में बुरी तरह फंसा दिया और महाराष्ट्र की सत्ता के साथ साथ पार्टियों पर भी काबिज हो गये.
लेकिन ‘जाको राखे साईंया’ – और लोकतंत्र में तो जनता ही भगवान है. जब तक जनता न चाहे, कोई किसी का क्या बिगाड़ सकता है. जैसे चिराग पासवान के लिए बीजेपी भगवान बनी, महाराष्ट्र के लोग वैसे ही उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ खड़े हो गये