BJP कर रही विपक्ष को दबाने का षड्यंत्र : कांग्रेस- माकपा का आरोप
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
मुंबई। माकपा के राज्य सचिव द्वारा जारी कड़े शब्दों वाले बयान में उपमुख्यमंत्री फडणवीस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का “हिटमैन” कहा गया है।
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार महा विकास अघाड़ी नेताओं के साथ मानसून सत्र के दौरान मुंबई में बुधवार, 10 जुलाई, 2024 को मीडिया से बात करते हुए।
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार महा विकास अघाड़ी नेताओं के साथ मानसून सत्र के दौरान मुंबई में बुधवार, 10 जुलाई, 2024 को मीडिया से बात करते हुए विपक्षी दलों ने शुक्रवार को “अधिनायकवादी” महाराष्ट्र विशेष सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक, 2024 की निंदा की और इसे वापस लेने की मांग की। इसे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नक्सलवाद पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से पेश किया गया है। इस विधेयक को गुरुवार को महाराष्ट्र विधानसभा में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पेश किया, जो कानून और न्यायपालिका मंत्री भी हैं।
विधेयक की निंदा करते हुए सीपीआई (एम) के राज्य सचिव डॉ. उदय नारकर ने कहा, “सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने मौजूदा विधानसभा सत्र के अंत में इस विधेयक को पेश करके नागरिकों के विरोध और बहस करने के लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचल दिया है। विधायकों को उन कानूनों पर चर्चा करने के अधिकार से वंचित किया गया है, जिनका शासन की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर गहरा असर पड़ना तय है।”
वामपंथी पार्टी का मानना है कि राज्य सरकार महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों से पहले विपक्ष को दबाने के लिए “शहरी नक्सल” का मुद्दा उठा रही है।
लक्षित दुरुपयोग
द हिंदू से बात करते हुए महाराष्ट्र कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री मोहम्मद आरिफ ‘नसीम’ खान ने कहा, “विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने पहले ही इस विधेयक के खिलाफ सदन में अपनी बात रख दी है। हमारा मानना है कि इस ‘अर्बन नक्सल’ विधेयक का लक्षित दुरुपयोग किया जाएगा। मौजूदा कानूनों में नक्सलवाद को रोकने के प्रावधान हैं और हमें नहीं लगता कि किसी नए कानून की जरूरत है।”
डॉ. नारकर ने कहा, “मौजूदा कानून किसी भी राजनीतिक विचारधारा के आधार पर किसी भी हिंसक कृत्य से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए पर्याप्त हैं। अब हम जानते हैं कि डॉ. नरेंद्र दाभोलकर, कॉमरेड गोविंद पानसरे, डॉ. एमएम कलबुर्गी और गौरी लंकेश की हत्या किसने की। ये सभी हत्याएं आतंकवादी राजनीतिक कृत्य थे। इन नृशंस हत्याओं को अंजाम देने वालों की पहचान सनातन संस्था के अनुयायियों के रूप में की गई है और उनमें से कुछ के खिलाफ अदालती कार्यवाही चल रही है। महाराष्ट्र सरकार इस विधेयक की आड़ में जानबूझकर बिल्कुल विपरीत दिशा में इशारा कर रही है।”
माकपा के राज्य सचिव की ओर से जारी कड़े शब्दों वाले बयान में उपमुख्यमंत्री फडणवीस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का ‘हिटमैन’ बताया गया है। बयान में कहा गया है, ‘यह सर्वविदित है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भीमा कोरेगांव मामले में झूठे आरोपों में यूएपीए के तहत निर्दोष व्यक्तियों को गिरफ्तार करके नरेंद्र मोदी और अमित शाह के लिए हिटमैन की तरह काम किया। कई प्रतिष्ठित बुद्धिजीवी और मानवाधिकार कार्यकर्ता बिना किसी सुनवाई के तीन से पांच साल से यूएपीए के तहत जेल में हैं। हालांकि उनमें से कुछ काफी देरी के बाद जमानत पर बाहर हैं, लेकिन कुछ अभी भी राज्य की जेलों में सड़ रहे हैं। दुर्भाग्य से 84 वर्षीय स्टेन स्वामी की बिना किसी सुनवाई के जेल में मौत हो गई। इस घिनौने प्रकरण के बाद भी भाजपा और आरएसएस संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं।’
विधेयक के तहत गैरकानूनी गतिविधि के लिए सात साल की जेल और 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। जिला मजिस्ट्रेट या पुलिस आयुक्त को चल और अचल संपत्ति जब्त करने का अधिकार दिया गया है।विधेयक के तहत गैरकानूनी गतिविधि के लिए सात साल तक की जेल और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा । जिला मजिस्ट्रेट या पुलिस आयुक्त को चल और अचल संपत्ति जब्त करने और उन्हें सरकार को सौंपने का अधिकार दिया गया है।
वाम दल ने इस तानाशाही कदम का कड़ा विरोध करने के लिए लोगों और महा विकास अघाड़ी से समर्थन मांगा है।