सिवनी में 2.5 तीव्रता से भूकंप के झटके : पहले भी आया था भूकंप
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
सिवनी। मध्यप्रदेश के सिवनी में सोमवार दोपहर के समय लोगो को भूकंप का झटका महसूस हुआ। एक दिन पहले और आज दो बार राष्ट्रीय सिस्मोलॉजी सेंटर में रिक्टर स्केल में 2.5 और 2.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया है।
इन भूकंप के झटकों से कोई हानि नहीं हुई है। लेकिन कुछ समय के लिए लोग दहशत में आ गए। आज दोपहर 2.52 बजे भूकंप का झटका लोगों को महसूस हुआ। एक दिन पहले रविवार सुबह 6.09 बजे भी 2.2 तीव्रता का भूकंप सिवनी में दर्ज किया गया है।भूकंप का केंद्र आमाझिरिया गांव होने के कारण लोगों को इसका पता नहीं चला। दोनों भूकंप का केंद्र भूमि की सतह से पांच और सात किलोमीटर गहराई में था। आज आए भूकंप का केंद्र छिंदवाड़ा रोड़ हाईवे में बम्होड़ी ब्रिज के करीब था।
भू-विज्ञानियों के मुताबिक भू-वर्ग में मौजूद चट्टानों के कमजोर क्षेत्र में सिवनी जिला आता है। वर्षाकाल में अधिकतर भूकंप आता है। पानी की ओडिंग-अनलोडिंग से चट्टानों में तनाव बढ़ने के कारण भूकंप आने का सिलसिला कई सालों से बना है।
कमजोर चट्टान भू-गर्व की खाली जगह भरने खिसकती है। इससे तैयार ऊर्जा (एनर्जी) भू-गर्व से बाहर निकलने के कारण भूकंप के झटके महसूस हो रहे हैं। सिवनी में भविष्य में रिक्टर स्केल पर ढाई से तीन तीव्रता के भूकंप आने की संभावना बनी हुई है।
इससे मजबूत भवनों को नुकसान की आशंका नहीं है। इस वर्ष पहला भूकंप 23 जुलाई को दर्ज हुआ था। अभी तक दर्ज हुए भूकंप से बड़ा नुकसान सामने नहीं आया है।
हांलाकि चूनाभट्टी, डूंडासिवनी के रहवासियों के अनुसार बार-बार भूकंप से घर की दीवारों में गहरी दरारें आ गई है। सिवनी में केवल एक बार 4.2 तीव्रता का भूकंप आया है। दिल्ली से विशेषज्ञाें का दल दो बार सिवनी का दौरा भी कर चुका है।
भूकंप की घटनाओं का सटीक विश्लेषण करने सिवनी में चार स्थानों पर भूकंप मापी वैद्य शाला बनाई गई हैं। इस तरह आ रहे भूकंप से किसी को कोई नुकसान नहीं होता है। लेकिन लोगों में थोड़ी देर के लिए दहशत का माहौल बन जाता है।
मध्यप्रदेश के सिवनी में भूकंप के झटके, 2 बजकर 52 मिनिट पर तीव्रता 2.5 दर्ज किया गया है। सिवनी जिला के ग्रामीणों का कहना है कि सिवनी-बालाघाट रोड से लगी शासकीय जमीनें भी निजी स्वामित्व में संशोधित कर महंगे दामों पर बेची जा रही हैं। इसके बावजूद प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं है, जिससे भूमाफियाओं के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं।
इस पूरे मामले में प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। राजस्व रिकॉर्ड में फर्जी वारिसों के नाम दर्ज होना और बिना कलेक्टर की अनुमति के जमीन की बिक्री होना चाहिए, यह स्पष्ट करता है कि प्रशासन की ओर से लापरवाही या मिलीभगत का मामला हो सकता है। ग्रामीणों और सरपंच का कहना है कि प्रशासन को इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
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ग्राम धोबी सर्रा में भूदान में मिली जमीन की बिक्री का मामला कई गंभीर सवाल खड़े करता है। रिटायर्ड फौजी की मृत्यु के बाद फर्जी वारिसों के नाम पर जमीन की बिक्री, बिना कलेक्टर की अनुमति के विक्रय, और प्रशासन की भूमिका पर उठ रहे सवाल इस मामले को और भी पेचीदा बनाते हैं। ग्रामीणों और सरपंच की मांग है कि इस मामले की गहन जांच हो और दोषियों को सजा मिले, ताकि भविष्य में इस तरह के मामलों की पुनरावृत्ति नही होना चाहिए। इसीलिए यहां बढते पापाचार बढने के कारण भूकंप के झटके आ रहे हैं।