जल्द MC आने व कम उम्र में मां बनने से महिलाओं में इन बीमारियों का खतरा
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
नई दिल्ली। भारतीय आयुर्विज्ञान के मातहत प्रसूति विज्ञानानुसार शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन से पता चला है कि देर से मासिक धर्म शुरू होना और देर से बच्चे को जन्म देना लंबी उम्र, कम कमजोरी, उम्र बढ़ने की धीमी प्रक्रिया और उम्र से संबंधित बीमारियों, जैसे टाइप 2 मधुमेह और अल्जाइमर, के कम जोखिम से जुड़े हुए हैं.
एक नए अध्ययन के अनुसार, जिन लड़कियों को 11 साल की उम्र से पहले मासिक धर्म शुरू हो जाता हैं, या जो महिलाएं 21 साल की उम्र से पहले बच्चे को जन्म देती हैं, उनमें टाइप 2 मधुमेह (डायबिटीज), हार्ट फेलियर और मोटापे का खतरा दोगुना हो जाता है. साथ ही, उनमें गंभीर मेटाबॉलिक बीमारियों का खतरा चार गुना बढ़ जाता है. अमेरिका के बक इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च ऑन एजिंग के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन से पता चला है कि देर से मासिक धर्म शुरू होना और देर से बच्चे को जन्म देना लंबी उम्र, कम कमजोरी, उम्र बढ़ने की धीमी प्रक्रिया और उम्र से संबंधित बीमारियों, जैसे टाइप 2 मधुमेह और अल्जाइमर, के कम जोखिम से जुड़े हैं.
अध्ययन के प्रोफेसर पंकज कपाही ने कहा, “हमने पाया कि जो जेनेटिक कारण कम उम्र में बच्चे पैदा करने में मदद करते हैं, उनका बाद के जीवन में बड़ा नुकसान होता है, जिसमें तेजी से उम्र बढ़ना और बीमारियां शामिल हैं. इसका मतलब यह है कि जो जीन बच्चे के बचाव और उसकी सेहत के लिए अच्छे होते हैं, वे मां की सेहत के लिए बाद में नुकसानदेह भी हो सकते हैं.”
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उन्होंने यह भी कहा कि इस खोज का असर हमारी सेहत और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर बहुत बड़ा है. ये जोखिम वाले फैक्टर (चाहे अच्छे हों या बुरे) उम्र से जुड़ी कई बीमारियों को प्रभावित करते हैं, इसलिए इन्हें हमारी पूरी सेहत के नजरिए से समझना जरूरी है. इस रिसर्च को ‘ईलाइफ’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है. इसमें यूके की लगभग 200,000 महिलाओं के डेटा का विश्लेषण किया गया, ताकि जेनेटिक कनेक्शन की पुष्टि हो सके.
प्रोफेसर कपाही का कहना है कि इस स्टडी में पता चला है कि बॉडी मास इंडेक्स की अहम भूमिका सामने आई है. जल्दी बच्चे पैदा करने और जल्दी पीरियड्स आने से बीएमआई बढ़ सकती है, जिससे मोटापा और डायबिटीज का खतरा बढ़ने का डर रहता है.
उन्होंने समझाया कि अगर बच्चे को ज्यादा पोषण मिले तो वह उसके लिए अच्छा हो सकता है, लेकिन अगर शरीर को ज्यादा पोषण मिलता है तो इससे मोटापा और डायबिटीज जैसी समस्याएं हो सकती हैं. कपाही ने यह भी कहा कि जब हम समझेंगे कि जल्दी यौवनावस्था और जल्दी बच्चे पैदा करने का शरीर पर लंबा असर क्या होता है, तो हम महिलाओं के लिए बेहतर और व्यक्तिगत स्वास्थ्य योजना बना सकते हैं. इसके लिए जीवनशैली में बदलाव, मेटाबोलिक जांच, और सही खानपान की सलाह दी जा सकती है, जिससे महिलाओं की लंबी उम्र और सेहत बेहतर हो सके.
सहर्ष सूचनार्थ नोट्स:-
उपरोक्त सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य ज्ञान जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी महिला चिकित्सा विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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