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नागपूर के खापरखेडा पावर प्लांट का वारेगांव एश डैम फूटने से किसानों मे हाहाकार!

नागपूर : खापरखेडा पावर प्लांट अंतर्गत मौजा वारेगांव परिसर मे स्थित राख बंधारा भारी वारिस के कारण धराशाई हो गया। नतीजा एश स्लेरी पानी की डैम से उफनती धार किसानों की खेती की फसल चौपट हो गई? अंभि। 15 से 20 दिन पूर्व फसलों की बुआई हूई थी ।जिसकी अंकुरित फसलें भी चौपट हो गई है?
घटना की खबर मिलते ही महाजेनको प्रबंधन महकमां घटना स्थल पर पंहुचा तब तक डैम परिसर के आसपास की खेती राख मिश्रित पानी मे डूब चुकी थी। पोकलेन डोझर के जरिए फूटे डैम की गहरी नाला की भराई और मरम्मत कार्य युद्ध स्तर पर शुरु कर दिया गया है?
खापरखेडा पावर प्लांट की राख एश डिस्पोजल पाईप लाईन के माध्यम से वारेगांव के राख बंधारा मे छोडा जाता है? बताते हैं कि डैम की ऊंचाई बढाने का इस्टीमेट और टेंडर ठेका कार्यों मे काफी विलंब की वजह डैम की ऊंचाई वारिस के पूर्व नहीं हो सकी? और मूसलाधार वारिस का होना यही वजह से डैम ओव्हर फ्लो होकर फूट गया।

अव्यवस्था के कारण डैम ओव्हर फ्लो

महाजेनको के तकनीक सूत्रों की माने तो डैम ओव्हर फ्लो के पूर्व डैम का ओव्हर पानी निकासी के लिए डैम कै निचले हिस्से मे पक्का नाला नहीं बनाया गया है और इसीलिए वारिस का पानी ओव्हर होकर डैम को ले डूबा? “डैम कंस्ट्रक्शन रुल्स रेगुलेशन” तथा बांंध निर्माण निविदा नियम और शर्तों के मुताबिक बांंध परियोजना डैम के दूसरे किनारे मे गहरा मजबूत आर सीसी या पत्थर फाडी की चिनाई करके नाला निर्माण किया जाना चाहिए ताकि डैम ओव्हर के पूर्व ही पानी की बाहर निकासी आसानी से हो सकेगा?

डिजाइन मे त्रुटियों की वजह से पानी ओव्हरफ्लो

बताते है कि एश डैम की डिजाइन मे त्रुटियों की वजह से वारिस का ओव्हर पानी निकासी के लिए अतिरिक्त नाला का निर्माण नहीं किया जा सका!इसलिए वारिस का ओव्हर फ्लो पानी का दबाव डैम को ले डूबा। इस संबंध मे विधुत स्थापत्य निर्मित 1 महाजेनको धारावी मुंबई कार्यालय का तत्कालीन मुख्य अभियंता डिजाइनरन को मुख्य जिम्मेदार माना जायेगा। पिछले साल 2022 की वर्षा ऋतु मे कोराडी पावर प्लांट का खसाला एश डैम धराशाई हुआ था? परंतु उस घटना से सबक लेकर महाजेनको ने अपनी कार्य प्रणालियों मे सुधार लाया नहीं? नतीजतन डैम ओव्हर फ्लो होकर फूटने की घटना की पुनरावृत्ति हूई है। इसका खामियाजा जिम्मेदार अधिकारियों को भुगतना पड सकता है?

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