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शारीरिक कमजोरी दूर करने लिवर को स्वस्थ बनाने और ब्लड शुगर को कम करने में रामबाण वनौषधीय है अतिबला

शारीरिक कमजोरी दूर करने लिवर को स्वस्थ बनाने और ब्लड शुगर को कम करने में रामबाण वनौषधीय है अतिबला

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

क्या आपने कभी अतिबला का पौधा देखा है? कई जगहों पर इसे कंघी पौधे के नाम से भी जाना जाता है और इसका वैज्ञानिक नाम ‘एब्युटिलॉन इंडिकम’ है। दरअसल, यह एक झाड़ीनुमा पौधा होता है, जिसका उपयोग कई प्रकार की दवाइयां बनाने और बच्चों की प्रतिरक्षा को बढ़ाने वाले हर्बल टॉनिक के महत्वपूर्ण घटक के रूप में किया जाता है। पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धतियों में अतिबला के पौधे का उपयोग स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं के उपचार के तौर पर किया जाता रहा है। आइए जानते हैं इसके फायदों के बारे में बतलाते हैं।
अतिबला का पंच्चांग पावडर 5-10 ग्राम, अतिबला की जड़ के काढ़े, चूर्ण (2-3 ग्राम) या रस (5-10 मिली) में मधु तथा घी मिला लें। इसे एक वर्ष तक पाचन क्षमता के अनुसार सुबह और शाम सेवन करें। सेवन के कुछ घंटों बाद पर दूध तथा घी मिला शालि चावल खाएं।
अतिबाला रुमेटीइड गठिया के लक्षणों को प्रबंधित करने तथा नपुंसकता को दूर करने में मदद कर सकता है। इसमें एनाल्जेसिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह जोड़ों की सूजन को कम करने में भी मदद करता है। एबूटिलोन इंडिकम हाइपोटोनिक सेलाइन के कारण होने वाले प्रोटीन विकृतीकरण और आरबीसी झिल्ली क्षति के खिलाफ काफी सुरक्षा प्रदान करता है।
अतिबला पत्ती पाउडर को सूखी पत्तियों का पाउडर, अथिबाला फल-बीज पाउडर, अतिबाला पत्ता पाउडर, अतिबाला चूना पाउडर, अबूटिलोन इंडिकम सूखे पत्ते या पत्ती पाउडर, अबूटिलोन इंडिकम (मॉलो) पाउडर के रूप में भी जाना जाता है, अतिबला पंचांग पाउडर, बवासीर के लिए सूखी पत्ता पाउडर का उपयोग लाभकारी है।

अतिबला लिवर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकता है। वनौषधी विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पौधे का अर्क फ्री रेडिकल्स के उत्पादन को प्रभावित करता है, जिससे यह लिवर की रक्षा करने वाले गुणों से परिपूर्ण हो जाता है। लेकिन ध्यान रहे, इसे उपयोग में लाने से पहले किसी अनुभव कुशल चिकित्सक से सलाह लेना जरूरी है।
चूहों पर किए गए एक परीक्षण में यह पाया गया है कि अतिबला की पत्तियां प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को सुधारने में सहायक हो सकती हैं। हालांकि इंसानों पर ये कितनी प्रभावी हैं और प्रतिरक्षा तंत्र पर कैसा असर डालती हैं, यह जानने के लिए अभी और अधिक शोध की जरूरत है।
अतिबला ब्लड शुगर के स्तर को कम करता है।
एक अध्ययन में यह पता चला है कि अतिबला ब्लड शुगर के स्तर को कम कर सकता है। इसको लेकर भी चूहों पर परीक्षण किया गया था, लेकिन इंसानों में यह ब्लड शुगर के स्तर को किस प्रकार से कम करता है, इसको लेकर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
विषम ज्वर- कामज्वर बुखार, एलर्जी, संक्रमण, सिरदर्द, अल्सर और बवासीर जैसी बीमारियों में अतिबला का उपयोग फायदेमंद माना जाता है। इसके अलावा यौन इच्छा बढ़ाने के लिए भी अतिबला का उपयोग किया जाता है, लेकिन इसके उपयोग को लेकर आपको पहले किसी अनुभव कुशल चिकित्सक विशेषज्ञों की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
अस्वीकरण: उपरोक्त लेख अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किया गया हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित अस्वीकरण- बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श जरुरी है।

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