कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री व पूर्व CM कमल नाथ का राजनैतिक गढ ध्वस्त!

कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री व पूर्व CM कमल नाथ का राजनैतिक गढ ध्वस्त!

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

 

भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बुरी हार के बाद पस्त पड़ी कांग्रेस को फिर उबारने की कोशिश को उस समय तगड़ा झटका लगा जब नगरीय निकाय के उपचुनावों में भी पार्टी नहीं जीत सकी। प्रदेशभर के नगरीय निकायों में कुल 19 में से बीजेपी के 14 प्रत्याशी जीतकर पार्षद बन गए। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी अपने घर इंदौर का वार्ड भी गंवा बैठे। नगरीय निकाय ही नहीं, जनपद पंचायत में भी कांग्रेस कुछ कमाल नहीं दिखा पाई है। जीतू पटवारी जैसा ही हाल कांग्रेस में उनके नेतृत्व को चुनौती दे रहे कमलनाथ का भी हुआ। वे भी अपने घर छिंदवाड़ा में पार्टी के जनपद सदस्य को नहीं जिता सके।

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छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा में जनपद अध्यक्ष नीलेश कंगाली के निधन के बाद जनपद पंचायत क्रमांक 16 का सदस्य पद खाली हो गया था। इसपर उपचुनाव कराया गया जिसमें बीजेपी प्रत्याशी गणेश कंगाली विजयी रहे। कंगाली ने कांग्रेस प्रत्याशी को तीसरे स्थान पर धकेल दिया। यहां गोंडवाना पार्टी समर्थित प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहा।

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बीजेपी ने पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय नीलेश कंगाली के पुत्र गणेश कंगाली पर दांव लगाया जोकि कामयाब रहा। उन्होंने जनपद सदस्य के उपचुनाव में 1340 वोटों से जीत हासिल की। कुल 4039 वोटों में से गणेश कंगाली को 2201 वोट मिले। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी प्रत्याशी को 885 वोट प्राप्त हुए जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को केवल 592 वोट ही मिले।

जनपद पंचायत सदस्य के उपचुनाव में 11 सितंबर को वोट डाले गए थे। यहां कुल 68% मतदान हुआ था। बीजेपी ने इस जीत का श्रेय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की विकासोन्मुखी नीतियों और प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा की उत्कृष्ट व कुशल रणनीति को दिया। बीजेपी ने इस जीत के बहाने कमलनाथ पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस और कमलनाथ का घमंड फिर टूट गया।

गौरतलब है कि छिंदवाड़ा में लोकसभा चुनाव में अपने सांसद बेटे नकुलनाथ की हार के बाद कमलनाथ निष्क्रिय से हो गए थे लेकिन कुछ दिनों से वे एक्टिव मोड में दिख रहे थे। कमलनाथ ने राजधानी भोपाल के साथ ही छिंदवाड़ा के भी लगातार दौरे किए। इस दौरान उन्होंने छिंदवाड़ा के साथ ही पांढुर्णा जिले के कांग्रेसियों से भी मुलाकात की। कांग्रेस प्रत्याशी को कमलनाथ ​की सक्रियता का लाभ मिलने की बात कही जा रही थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। छिंदवाड़ा जहां एक बार फिर भाजपामय हो गया वहीं कमलनाथ का बचाखुचा रसूख भी समाप्त होते दिखता है।

जिला पंचायत अलीराजपुर के वार्ड क्रमांक 9 के उपचुनाव में भी बीजेपी की जीत हुई। यहां विनुरा मोहन कनेश ने 9011 वोटों से जीत हासिल की।

छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा में जनपद सदस्य उपचुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी की जीत पर प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने ट्वीट भी किया-

जनपद पंचायत अमरवाड़ा में जनपद सदस्य के लिए हुए उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी गणेश कंगाली 52% वोट हासिल कर 1340 वोटों के अंतर से विजयी हुए।

छिंदवाड़ा की जनता कांग्रेस और कमलनाथ दोनों को सिरे से नकार चुकी है।

 

जरूरत मंद गौर ररीबों की भीड

 

बताया जाता है कि देश के दारसूर नेता कमलनाथ के यहां अभि भी जरुरत मंद गौर गरीब लोगों की कतारबद्ध भीड देखा जा सकता है।जिसमे गरीब बीमार मरीजों को इलाज के लिए दवाखाना में उन्हे औषधोपचारार्थ भर्ती करवाना और उन्हे राहत देना शुरु है। पूर्व सीएम कमलनाथ पिछले 25- 30 सालों से लोगों को इतना आर्थिक सहयोग करने के बावजूद भी वे किसी को उसका उलाहना नहीं देते?सत्ता तो आती है जाती है? लेकिन मध्यप्रदेश को कमलनाथ जैसी नेता मिलना असंभव प्रतीत हो रहा है।

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