नागपुर : विदर्भ प्रदेश से करीबन डेढ लाख भक्तों का जत्था गंगासागर स्नान के लिए रबाना
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
नागपुर।मकर संक्रांति पर्व पर गंगासागर में स्नान के लिए महाराष्ट्र के नागपुर संभाग से करीबन डेढ लाख श्रद्धालू गण विविध ट्रेनों से रबाना हो रहे हैं। जिसमें गीतांजलि एक्सप्रेस,मुंबई हाबडा क्सप्रेस,कामाख्या एक्सप्रेस,राजधानी एक्सप्रेस, मुंबई हावडा दुरंतो एक्सप्रेस, चेन्नई-हावडा एक्सप्रेस,विशाखापट्टनम से हावडा एक्सप्रेस इत्यादि ट्रेनो से भक्त श्रद्धालूगण कोलकाता गंगासागर पंहुच रहे हैं।
भागीरथी गंगासागर उद्गम स्थल हिमालय गंगोत्री से कोलकाता गंगासागर मे संगम मे विलीन होने वाली अनेक महानददियों के संगम में लाखों करोडों श्रद्धालू स्नान करेंगे। जिसमें सर्व प्रथम कोलकाता भागीरथ गंगा तट पर भूतनाथ घाट, बाबूघाट, आऊटराम घाट पर यात्रियों को निशुल्क ठहरने और भोजन प्रसाद के लिए अनेक पंडाल और शिबीर लगाए गए हैं।
बता दें कि नागपुर संभाग के सभी 11 जिलों से अखिल भारतीय समाज सेवी संस्था,नागरिक अधिकार सुरक्षा समिति, राष्ट्रीय जनचेतना मंच, बहु उद्देशीय उधोग प्रकल्प प्रभावित संस्था प्रमुख टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री के नेतृत्व में कागदीप गंगासागर पंहुच रहे हैं। पं वंगाल सरकार कीञतरफ से जगह जगह-जगह स्वास्थ्य शिबीर, अस्थाई सुलभ शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था की गई है। मेला परिसर मे तगडा पुलिस बन्दोबस्त है। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरा लगाए गए है। मकर संक्रांति पर्व 2024 की जोरदार शुरुआत 14 जनवरी की आधी रात गंगा सागर मेला स्नान आधी रात से पुण्य लग्न मेंशुरू हो रहा है।
यह कुम्भ मेले के बाद दूसरा सबसे लोकप्रिय मेला है। इस बार गंगा सागर का पवित्र स्नान रात में ही शुरू हो रहा है। दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन ने कहा है कि इस बार पुण्य लग्न 14 जनवरी की आधी रात (12:20) से 15 जनवरी की आधी रात (12:23) तक है। इसलिए मेले में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को पूरा दिन मिलेगा।
यह पश्चिम बंगाल के सागरद्वीप में आयोजित होने वाला भारत का सबसे बड़ा मेला है और इसमें बड़ी संख्या में लोग आते हैं। बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाया जाने वाला यह त्योहार सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है, जहां तीर्थयात्री अपनी आत्मा को शुद्ध करने के लिए गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं। सर्दियों के दौरान आयोजित होने वाला यह मेला सागरद्वीप और उसके आसपास विभिन्न अनुष्ठान करने, दीपक जलाने और मंत्रों का जाप करने के लिए तीर्थयात्रियों का एक वार्षिक जमावड़ा है।
मुख्यमंत्री दीदी ममता बैनर्जी ने यह भी बताया कि पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए आसान आवागमन को सक्षम करने के लिए कुल 2,250 राज्य बसें, 250 निजी बसें और छह बजरा जहाजों को सेवा में लगाया जाएगा। प्रत्येक बजरा जहाज में लाइफ जैकेट होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि 10 पर्यटक बसें तैयार रखी जाएंगी। 2024 का गंगा सागर मेला को राज्य सरकार विश्व मानचित्र पर सर्वोत्तम मेले के रूप में स्थापित करने के लिए कार्य कर रही है