Breaking News

दिल्ली से जयपुर तक बनेगा इलेक्ट्रिक हाईवे:100 किमी की रफ्तार से दौड़ेंगी बसें:केंद्रीय मंत्री गडकरी का अभिकथन

Advertisements

दिल्ली से जयपुर तक बनेगा इलेक्ट्रिक हाईवे? 100 किमी की रफ्तार से दौड़ेंगी बसें:केंद्रीय मंत्री गडकरी का अभिकथन

Advertisements

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री:

Advertisements

नई दिल्ली। इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने के लिए दुनियाभर में तीन अलग-अलग तरह की टेक्नोलॉजी ई-हाईवे के लिए इस्तेमाल की जाती हैं, जिसमें पेंटोग्राफ मॉडल, कंडक्शन मॉडल और इंडक्शन मॉडल शामिल हैं. पेंटोग्राफ मॉडल में सड़क के ऊपर एक तार लगाया जाता है, जिसमें बिजली दौड़ती रहती है

देश में जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग और संख्या बढ़ रही है, सरकार इलेक्ट्रिफिकेशन की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है. खबर है कि केंद्र की मोदी सरकार दिल्ली-जयपुर के बीच देश का पहला इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने पर विचार कर रही है. अभी हाल के महीनों में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस बात की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि सरकार आर्थिक रूप से व्यावहारिक होने के कारण इलेक्ट्रिक हाईवे को विकसित करने पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली-जयपुर के बीच भारत का पहला इलेक्ट्रिक हाईवे बनाना उनका सपना है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक, ये ई-हाईवे दिल्ली और जयपुर के बीच बनाया जाएगा. 200 किलोमीटर लंबे इस हाईवे को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के साथ ही एक नई लेन पर बनाया जाएगा. पूरी तरह से तैयार होने के बाद यह देश का पहला ई-हाईवे होगा.

 

इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने के लिए दुनियाभर में तीन अलग-अलग तरह की टेक्नोलॉजी ई-हाईवे के लिए इस्तेमाल की जाती हैं, जिसमें पेंटोग्राफ मॉडल, कंडक्शन मॉडल और इंडक्शन मॉडल शामिल हैं. पेंटोग्राफ मॉडल में सड़क के ऊपर एक तार लगाया जाता है, जिसमें बिजली दौड़ती रहती है. एक पेंटोग्राफ के जरिए इस बिजली को वाहन में सप्लाई किया जाता है. यह इलेक्ट्रिसिटी डायरेक्ट इंजन को पॉवर देती है या वाहन में लगी बैटरी को चार्ज करती है. फिलहाल, भारत की ट्रेनों में इसी मॉडल का इस्तेमाल किया जाता है. इसके लिए सरकार स्वीडन की कंपनियों से बात कर रही है. माना जा रहा है कि स्वीडन वाली टेक्नोलॉजी ही भारत में भी लाई जाएगी.

 

इलेक्ट्रिक हाईवे का फायदा

 

इलेक्ट्रिक हाईवे का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे वाहनों की आवाजाही पर आने वाले खर्च में भारी कमी आने की संभावना है. एक आंकड़े के मुताबिक, इलेक्ट्रिक हाईवे से लॉजिस्टिक लागत में 70 फीसदी की कमी आएगी. फिलहाल, ट्रांसपोर्टेशन लागत का ज्यादा होना चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी की एक बड़ी वजह है. ऐसे में, अगर अट्रांसपोर्टेशन लागत में कमी आएगी, तो महंगाई कम हो सकती है. वहीं, यह पूरी तरह से इको फ्रेंडली होगा. वाहनों को चलाने के लिए इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल किया जाएगा, जो पेट्रोल-डीजल के मुकाबले पर्यावरण के लिए कम हानिकारक होगी.

 

कौन-कौन सी गाड़ियां चलें

 

डन और जर्मनी जैसे देशों में इनका इस्तेमाल माल वाहन के लिए ही किया जाता है. निजी वाहन इलेक्ट्रिसिटी से चलती तो हैं, लेकिन इन्हें बैटरी की मदद से चलाया जाता है. सीधी सप्लाई केवल ट्रक और पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए इस्तेमाल हो रहे वाहनों में ही दी जाती है. निजी वाहनों की सुविधा के लिए इस हाईवे पर थोड़ी-थोड़ी दूर पर चार्जिंग स्टेशन बनाया जाएगा, जहां इन्हें चार्ज किया जा सकेगा.

Advertisements

About विश्व भारत

Check Also

नागपूरवरून जाणाऱ्या अनेक रेल्वे गाड्या होणार रद्द : प्रवास करण्याआधी वाचा

रेल्वे रुळ आणि सिग्नलिंगचे काम करण्यात येणार असल्याने पुढच्या काळात (१५ जानेवारीनंतर आणि फेब्रुवारी ) …

नागपुरात धावत्या रेल्वेत 6 जणांनी लुटले प्रवाशांना

पुणे-हटिया रेल्वेत तृतीयपंथीयांच्या वेशात आलेल्या 6 जणांनी प्रवाशांना लुटल्याचा प्रकार नागपूरमध्ये घडला.त्यांच्याकडून 10 जणांना मारहाणही …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *