शराब से भरा सरकार का खजाना…!
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
छिन्दवाड़ा- शराब दुकानों के निष्पादन की प्रक्रिया आज पांढुर्ना जिले के लोधीखेड़ा और पांढुर्ना मदिरा समूह के निष्पादन के साथ ही समाप्त हो गई। आबकारी विभाग ने वर्ष 2023-24 से 20.72% अधिक राजस्व जुटाया है। ग़ौरतलब है कि गत वर्ष जिले के समस्त मदिरा समूहों का आरक्षित मूल्य 320 करोड़ से भी अधिक था। इसके मुक़ाबले दोनों ज़िले की 117 शराब दुकानें 387 करोड़ से अधिक में बिकीं। शासन के निर्देशानुसार वर्ष 2024-25 के लिये मदिरा समूहों की क़ीमत में 15% की वृद्धि कर दी गई थी। जिसके बाद जिले की समस्त शराब दुकानों का आरक्षित मूल्य 368 करोड़ से भी अधिक हो गया था। इस लक्ष्य के मुक़ाबले जिले की शराब दुकानें 387 करोड़ से भी ज़्यादा में बिकीं। टेंडर की प्रक्रिया के चलते आबकारी विभाग को निर्धारित आरक्षित मूल्य के एवज़ में 18 करोड़ से भी ज़्यादा मिले जो कि 5.05% अधिक है।
बताते हैं कि मध्यप्रदेश के पांडुर्ना जिले से उत्पादित शराब महाराष्ट्र के गांधी का शहर कहा जाने वाले वर्धा और गड़चिरोली जिला में शराब की तस्करी बडे जोरों से। शुरु है। वर्धा जिला। में सरकार की तरफ से शराब पर प्रतिबंध लगा हुआ है? बावजूद भी वहां पानठेलों ओर चाय टपरियों में ग्राहकों को शराब उपलब्ध हो रही है? दुगने दामों मे शराब की बिक्री से व्यापारी मालामाल हो रहे हैं। हालकि पांडुर्नका जिले की शराब के उपयोग से वर्धा और ऊंची-ऊंची। जिले। के हजारों लोगों पर स्वास्थ्य संकट मंडरा रहा है? जिसमे स्थानीय पुलिस प्रशासन की मिलीभगत बताई जा रही है।