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(भाग:308) पवन पुत्र केशरी नंदन हनुमान की महिमा किसी से भी छिपी हुई नहीं है

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(भाग:308) पवन पुत्र केशरी नंदन हनुमान की महिमा किसी से भी छिपी हुई नहीं है

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टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

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मर्यादा-पुरूषोत्तम श्रीराम भक्त हनुमान की भक्ति करने वाला मनुष्य जीवन में कभी दुखी नहीं रहता है. अगर कोई दुख आता भी है तो उनके नाम लेने भर से दूर भाग जाता है. कलयुग में हनुमान जी की भक्ति करने वाला मनुष्य रोग-शोक, पाप, क्लेश इन सभी बाधाओं से मुक्त रहता है.

हनुमान जी की भक्ति करने वालों के पास नहीं भटकतीं ये 10 बाधा, ऐसे करें पूजा

हनुमान जी को संकट मोचन ऐसे ही नहीं कहा जाता है, वह अपने भक्तों की पुकार पर दौड़े चले आते हैं और उनके सभी संकट हर लेते हैं. हनुमत भक्ति से कौन-कौन सी बाधाएं दूर होती हैं,

हनुमान जी के इन स्वरूपों की पूजा करने से शुभ फल मिलता है।

पवनपुत्र हनुमान की महिमा किसी से भी छिपी हुई नहीं है. राम भक्त हनुमान की भक्ति करने वाला मनुष्य जीवन में कभी दुखी नहीं रहता है. अगर कोई दुख आता भी है तो उनके नाम लेने भर से दूर भाग जाता है. कलयुग में हनुमान जी की भक्ति करने वाला मनुष्य रोग-शोक, पाप, क्लेश इन सभी बाधाओं से मुक्त रहता है. हिंदू धर्म में पवन पुत्र हनुमान को सबसे शक्तिशाली भगवान माना गया है. जो लोग किसी भी परेशानी से जूझ रहे हैं वह अगर मंगलवार और शनिवार को उनकी भक्ति भाव से पूजा-अर्चना करते हैं तो उनको परम सुख की प्राप्ति होती है. हनुमान जी को संकट मोचन ऐसे ही नहीं कहा जाता वह वाकई अपने भक्तों के संकट हर लेते हैं. 10 तरह की बाधाएं उनकी पूजा और भक्ति करने से दूर हो जाती हैं.

 

1-मंगल दोष से मुक्ति

 

अगर किसी की कुंडली में मंगल दोष है उनको हर मंगलवार को हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करना चाहिए साथ ही व्रत और हनुमान चालीसा का पाठ करने से मंगल दोषों से मुक्ति मिलने लगती है. इस दोष को दूर करने के लिए मसूर दाल, मिठाई, रक्त चंदन को लाल कपड़े में लपेटने के बाद बहते हुए जल में प्रवाहित कर देना चाहिए. इससे मंगल दोष से मुक्ति मिलती है.

 

2-शनि प्रकोप होते हैं दूर

 

जिस मनुष्य पर शनि की कुदृष्टि चल रही हो, ढैय्या और साढ़ेसाती परेशान कर रहे हों उसके लिए हनुमान जी की पूजा बहुत ही कारगर उपाय है. ऐसे लोगों को मंगलवार के दिन मंदिर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. साथ ही शनिवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करना भी बहुत ही कारगर है. हनुमान मंदिर में शनिवार को आटे का दीप जलाना चाहिए. इससे शनि ग्रह दोष से मुक्ति मिल जाती है.

 

3-भूत-पिशाच निकट नहीं आवें

 

भूत-पिशाच हनुमान जी की भक्ति करने वालों के निकट भी नहीं आते हैं. अगर कोई भी इंसान इस तरह की परेशानी से जूझ रहा है तो उसे बजरंगबाण का पाठ करना चाहिए. हनुमान जी को समर्पित मंगलवार के दिन और शनिदेव को समर्पित शनिवार के दिन हनुमान मंदिर में जाकर धूप-अगरबत्ती जलानी चाहिए. घरों के ऊपर लाल ध्वज लगाने से बुरी आत्माओं का साया पास तक नहीं भटकता है.

 

4-बीमारी और परेशानी

 

जो लोग बजरंगबली को हर रोज याद करते हैं वह उनके सभी रोग-शोक हर लेते हैं. अगर आप किसी शारीरिक परेशानी से जूझ रहे हैं तो हनुमान बाहुक का पाठ करना काफी कारगर है. अगर किसी को जोड़ों में दर्द, गले की परेशानी और फिर गठिया जैसी परेशानी है तो जल का लोटा सामने रखकर 21 दिन तक हनुमान बाहुक का पाठ करें और फिर उस जल को हर दिन ग्रहण करें. ऐसा करने से बीमारियों से मुक्ति मिलने लगेगी.

 

5-दूर होते हैं डर

 

अगर किसी को अंधेरे और भूत-प्रेत का डर हमेशा सताता रहता है तो ‘हं हनुमंते नम:’ का जाप रात में सोने से पहले करना चाहिए. इस मंत्र का जाप हाथ-पैर धोकर कम से कम 108 बार करना काफी कारगर है. ऐसा करने वालों के मन से सभी डर खत्म हो जाते हैं और उसे चैन की नींद आने लगती है.

 

 

6-शत्रुओं से राहत

 

हनुमान जी अपने भक्तों पर हमेशा कृपा बरसाते हैं. उनकी भक्ति करने वालों पर शत्रु कभी भी बलशाली नहीं रह पाते. यहां तक कि छिपे हुए दुश्मनों से भी वह सुरक्षित रहता है.कई बार लोगों को आपकी तरक्की रास नहीं आती है और मन ही मन वह आपसे बैर पाल लेते हैं. अगर बजरंगबाण का पाठ 21 दिन तक एक जगह पर किया जाए तो शत्रु न सिर्फ पराजित होते हैं बल्कि संकटमोचन उनको दंड भी देते हैं.

 

7-कचहरी और जेल से राहत

 

हनुमान जी को जेल से मुक्ति दिलाने वाला भगवान कहा जाता है. सुबह-शाम को हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले को कोई भी बंधक नहीं बना सकता है. वह सभी बंधनों से हमेशा मुक्त रहता है. अगर कोई जेल की सजा काट रहा है तो वह 108 बार हनुमान चालीसा पाठ करे, इस उपाय को करने से जेल से मुक्ति मिल जाती है. अगर कोई केस लड़ रहे हैं तो भी हनुमान जी की पूजा करने से इससे बरी हो सकते हैं.

 

8-दुर्घटना से बचाव

 

शनि की कुदृष्टि और राहु-केतु के प्रभाव से मनुष्य हादसों के शिकार हो जाता है.अचानक एक्सीडेंट और आग लगने जैसी परेशानियों का भय बना ही रहता है. बजरंगबली इस तरह की परेशानियों से भी अपने भक्तों को दूर रखते हैं. इसीलिए नियमित हनुमान चालीसा पाठ करना चाहिए. सुंदरकांड का पाठ करना भी काफी अच्छा फल देने वाला है. ऐसे करने वालों को पवनपुत्र हादसों से दूर रखते हैं.

 

9-कट जाते हैं संकट

 

हनुमान जी संकट मोचन इसीलिए कहे जाते हैं क्यों कि वह अपने भक्तों के सभी संकट दूर कर देते हैं. अगर मनुष्य किसी भी तरह के संकट में है तो उसे नियम से संकटमोचन बजरंगबली की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने वालों के सभी संकट संकट मोचन हर लेते हैं.

 

10-कामकाज में नहीं आता विघ्न

 

हनुमान जी की पूजा करने वाले भक्तों के किसी भी कामकाज में कोई बाधा नहीं आती है. वह हमेशा अपने भक्तों पर कृपा और आशीर्वाद बनाए रखते हैं. राम नाम के जाप में बाधा डालने पर हनुमान जी ने शनिदेव तक को अपनी पूछ में लपेटकर बंदी बना लिया था. जिसके बाद क्षमा मांगते हुए शनिदेव ने कहा था कि रामकाज करने वालों के कार्यों में वह कभी बाधक नहीं बनेंगे. जो लोग हनुमान जी की पूजा करते हैं उनके कामकाज में आ रहे विघ्न दूर हो जाते हैं

 

जानिए हनुमान जी महाराज किन पर बरसाते हैं अपनी कृपा

 

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

 

मंगल को जन्मे मंगल ही करते हैं मंगलमय हनुमान। कलयुग में हनुमान जी की उपासना सबसे उत्तम फल प्रदान करने वाली है। वे शीघ्र प्रसन्न होने वाले देव हैं। भगवान श्री राम के कार्य सिद्ध करने वाले हनुमान जी साक्षात रुद्रावतार और संकट मोचन हैं। केसरी नंदन हनुमान जी अतुलित बल के प्रतीक हैं। उनका बल दूसरों के कार्यों को सिद्ध करने और दुखों को दूर करने में खर्च होता है।

 

यदि सच्चे मन से महाबली पवन पुत्र की आराधना की जाए तो वह अपने भक्त का हर मनोरथ पूर्ण कर देते हैं। राम भक्त श्री हनुमान जी अपने भक्तों की पीड़ा हरने वाले तथा श्री रामायण रूपी महामाला के महारत्न के रूप में माने जाते हैं। सेवक होने के साथ-साथ हनुमान जी प्रभु श्री राम व माता जानकी के सुत भी कहलाएं।

 

हनुमान जी का चरित्र एक जीवन दर्शन है जिसका चिंतन, मनन, श्रवण करने से लोक-परलोक सुधर जाता है। रामदूत हनुमान जी को शिव का ग्यारहवां रुद्रावतार माना गया है और उनकी उपासना जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए कुंजी है।

 

भगवान श्री राम बाल्य काल से ही सदाशिव की आराधना करते और भगवान शिव भी श्री राम को अपना परम उपास्य तथा ईष्ट देवता मानते हैं किन्तु साक्षात नारायण ने जब नर रूप धारण कर श्री राम के नाम से अवतार ग्रहण किया तो शंकर जी शिव रूप में नर रूप की कैसे आराधना कर सकते थे। इसीलिए राम की भक्ति के लिए शिव ने लिया रुद्रावतार हनुमान का अवतार। हनुमान वानरराज केसरी के यहां माता अंजनी के गर्भ से जन्मे।

हनुमान जी हिंदुओं के एकमात्र ऐसे देवता हैं कि जो सशरीर आज भी विद्यमान हैं। आज संसार में जहां भी राम कथा होती है वहां पवन पुत्र रुद्रावतार हनुमान जी सशरीर उपस्थित रहते हैं। यह अटल सत्य है। हनुमान जी उन्हीं पर कृपा बरसाते हैं जिनका हृदय शुद्ध तथा विचार नेक हों।

‘कुमति निवार सुमति के संगी’

हनुमान चालीसा में लिखा है- ‘संकट कटे मिटे सब पीरा जो सुमरे हनुमत बलवीरा‘

हनुमान जी के इन 12 नामों का स्मरण हर कष्ट और विपत्त‍ियों को दूर करने वाला है-

हनुमान, अंजनीसुत, वायुपुत्र, महाबल, रामेष्ट, फाल्गुनसखा, पिंगाक्ष, अमितविक्रम, उदधिक्रमण, सीताशोकविनाशन, लक्षमणप्राणदाता और दशग्रीवदर्पहा।

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