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जम्मू-कश्मीर: चुनाव से पहले पूर्ण राज्य के दर्जे पर पार्टियां कर रही हैं दावे

जम्मू-कश्मीर: चुनाव से पहले पूर्ण राज्य के दर्जे पर पार्टियां कर रही हैं दावे

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

 

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर से विधानसभा चुनाव शुरू हो रहे हैं. लिहाज़ा राजनीतिक दल चुनावी घोषणाओं और बयानबाज़ी में लगे हुए हैं.

 

शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जब जम्मू-कश्मीर में बीजेपी कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, तब उन्होंने कहा कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर में फिर अनुच्छेद 370 लाना चाहते हैं. लेकिन बीजेपी उन्हें ये करने नहीं देगी.

उन्होंने कहा, “राहुल गांधी को देश के सामने ये स्पष्ट करना चाहिए कि क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस के एजेंडे से कांग्रेस पार्टी सहमत है या नहीं?”

इससे पहले लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जम्मू कश्मीर को स्टेटहुड यानी पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात की थी.

नेशनल कॉन्फ़्रेंस और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी भी इस मुद्दे पर अपनी राय ज़ाहिर कर चुकी है. इल्तिजा मुफ़्ती जम्मू-कश्मीर चुनाव किन मुद्दों पर लड़ेंगी?

राहुल गांधी ने कहा था कि इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा

जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बार-बार जम्मू कश्मीर के पूर्ण राज्य की बहाली की बात दोहराई है.

चुनावी घोषणा के बाद जम्मू कश्मीर की पहली यात्रा के दौरान उन्होंने कहा, “जम्मू कश्मीर के साथ मेरा खून का रिश्ता है, वहां के लोगों के दिलों में जो दुख-दर्द है उसे मिटा कर उन्हें उनका स्टेटहुड और रिप्रेज़ेंटेशन वापस दिलाना ही मेरा सबसे बड़ा लक्ष्य है.”

बीते बुधवार यानी 4 सितंबर को राहुल गांधी ने जम्मू कश्मीर में एक चुनावी जनसभा के दौरान कहा कि हम जम्मू कश्मीर को स्टेटहुड वापस देने जा रहे हैं.

उन्होंने कहा, “हिंदुस्तान के इतिहास में पहली बार किसी स्टेट से अधिकार छीना गया और उसे यूनियन टेरेटरी बनाया गया. बीजेपी और आरएसएस कुछ भी कह ले हम जम्मू कश्मीर के लोगों को उनका स्टेटहुड वापस देने जा रहे हैं.”

उन्होंने कहा “मैं आपको गारंटी देकर कह रहा हूं- या ये (बीजेपी) स्टेटहुड देंगे नहीं तो अगली सरकार जो इंडिया गठबंधन की आएगी उनका पहला काम आपको स्टेटहुड देना होगा.”

वहीं शुक्रवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी अमित शाह को ‘स्वयंभू चाणक्य’ कहते कुछ सवाल पूछे. जिसमें स्टेटहुड भी शामिल था.

उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए कहा, “स्वयंभू चाणक्य आज जम्मू-कश्मीर में हैं. 2018 में पीडीपी-बीजेपी सरकार के गिरने के बाद से जम्मू और कश्मीर को मुख्य रूप से गृह मंत्रालय द्वारा ही प्रशासित किया गया है. अपने शासन को लेकर इन चार सवालों के जवाब स्वयंभू चाणक्य को देना चाहिए.”

जयराम रमेश ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति, जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक कार्यपालिका की शक्तियों का उल्लंघन और 2019 के बाद से जम्मू -कश्मीर की आर्थिक स्थिति में गिरावट को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सवाल किया किया है.

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को जम्मू में बीजेपी कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा, “जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस एक बार फिर नया झंडा लाने वाले हैं. एनसी (नेशनल कॉन्फ्रेंस) और कांग्रेस 370 फिर से लाना चाहते हैं.”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और एनसी गुर्जर, बकरवाल, पहाड़ी, ओबीसी और दलित भाइयों का आरक्षण छीनना चाहती है.

शाह ने कहा, “अनुच्छेद 370 हटने से 70 साल बाद जम्मू कश्मीर की माताओं और बहनों को अधिकार मिला है. ये कांग्रेस पार्टी और नेशनल कॉन्फ्रेंस ये अधिकार छीनना चाहती है.”

अमित शाह ने राहुल गांधी के बाद फ़ारुख़ अब्दुल्ला पर भी निशाना साधा.

उन्होंने कहा,”अब कोई भी ताकत ऑटोनॉमी की बात नहीं कर सकती. राहुल बाबा और नेशनल कॉन्फ्रेंस कहते हैं कि हम जम्मू कश्मीर को स्टेट का स्टेटस वापस देंगे.”

“अब मैं यहां अब्दुल्ला साहब और राहुल बाबा से पूछना चाहता हूं आप कैसे वापस दोगे, बताओ? आप जम्मू-कश्मीर की जनता को मूर्ख बना रहे हो. सब में अकल है वो भारत सरकार ही दे सकती है.”

शाह ने कहा, “मैंने ख़ुद कहा है कि चुनाव के बाद उचित समय पर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस देंगे. हमने संसद में कहा है. जो चीज़ हमने दे दी है उसको ये मांग रहे हैं.”

इससे पहले शुक्रवार को अमित शाह ने अनुच्छेद 370 को इतिहास बताया था.

उन्होंने कहा था, “विगत दिनों में एनसी का एजेंडा मैंने पढ़ा है और एनसी के एजेंडे को कांग्रेस का मौन समर्थन भी देखा है. मगर मैं पूरे देश को स्पष्ट कर देना चाहता हूं अनुच्छेद 370 इतिहास बन चुका है. वो कभी लौटकर नहीं आ सकता और हम आने भी नहीं देंगे.”

अमित शाह ने कहा था, “अनुच्छेद 370 ही वो कड़ी थी जो कश्मीर के अंदर युवाओं को हाथ में हथियार और पत्थर पकड़ाती थी. अलगाववाद की विचारधारा ही युवाओं को विकास की जगह आतंकवाद के रास्ते पर लाती थी.”

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उमर अब्दुल्लाह ने एक पॉडकास्ट में कहा कि ये नैरेटिव बनाया गया कि 370 ऐसी चीज़ है जिसकी वजह से कश्मीर के लोगों प्यार मिलता है और जम्मू के लोगों को नफ़रत, जबकि ऐसा कुछ नहीं है

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 फिर से लागू करने और स्टेटहुड वापस करने को लेकर बार-बार ज़ोर दिया है.

हाल ही में समाचार एजेंसी एएनआई के पॉडकास्ट में उन्होंने कहा, “अनुच्छेद 370 हटने से जम्मू की अर्थव्यवस्था पर भी उतना ही प्रभाव पड़ा है, जितना कि कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर .”

उन्होंने कहा, “ये नैरेटिव बनाया गया कि 370 ऐसी चीज़ है जिसकी वजह से कश्मीर के लोगों प्यार मिलता है और जम्मू के लोगों को नफ़रत. जबकि ऐसा कुछ नहीं है.”

इस बार के लोकसभा चुनाव में जम्मू में भाजपा का वोट शेयर तेजी से घटा है. जम्मू और उधमपुर में भाजपा उम्मीदवारों के जीत का अंतर 2014 के मुकाबले आधा है.”

उमर अब्दुल्ला ने कहा, “अगर 370 कश्मीर स्पेसिफ़िक मुद्दा था, जिसे ख़त्म करके जम्मू खुश था तो चुनाव में भाजपा के जीत के अंतर में उछाल आना चाहिए था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. क्योंकि 370 को लेकर जो नैरेटिव बनाया गया वो गलत था और जम्मू के लोगों को कोई फ़ायदा नहीं मिला है।

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