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मायानगरी मुंबई के ड्रांसबारों में जमकर चल रहा है देह व्यापार

मायानगरी मुंबई के ड्रांसबारों में जमकर चल रहा है देह व्यापार

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

मुंबई। मायानगरी मुंबई की बदनाम खूबसूरत बार बालाओं की अनैतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगने के छह साल बाद फिर से देहव्यापार का पुराना धंधा धडल्ले से शुरु हो गया है.

मायानगरी मुंबई के एक बार में शीला की जवानी गाने पर कूल्हे मटकाती बहुत खूबसूरत प्रियंका की हरे रंग की भड़कीली साड़ी लग रहा है सरक कर नीचे गिर जाएगी. साड़ी का पल्लू अस्त-व्यस्त होकर सामने से हट गया है और छोटे से ब्लाउज के कारण खुले गठीले कसे और टाइट वक्षस्थल नजर आ रहे है. कमरे में किसी ग्राहक से नजदीकी की इजाजत नहीं है, लेकिन ऑर्केस्ट्रा टीम के साथ शिफ्ट खत्म होने के बाद प्रियंका कुछ हजार रुपयों के लिए ग्राहक के लिए उपलब्ध है.

यहां से करीब 25 किमी दूर मीरा रोड के एक बड़े-से अंधेरे कमरे में शराब और भोजन कोई मायने नहीं रखता. यहां मिलता है सस्ता और फटाफट सेक्स. मात्र 300 रु. में लताएं और रेशमाएं पुरुषों को फटाफट सेवा देने के लिए तैयार मिल जाएंगी. वे अपने नग्न वक्षों को हाथ लगाने की भी इजाजत दे देंगी.

मुंबई के मस्ती भरे बार की दुनिया में स्वागत है. हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने 2005 से बार में अनैतिक गतिविधियों पर रोक लगा दी थी, लेकिन बार बालाएं एक बार फिर अपने पुराने पेशे में वापस आ गई हैं. हर रोज प्रियंका जैसी 10 लड़कियां बॉलीवुड के भड़कीले गानों या कभी-कभी मराठी लोकगीत लावणी पर ठुमके लगाती हैं. और प्रियंका की तरह वे काम के बाद रात में दूसरे धंधे में लग जाती हैं. मीरा रोड बार में आप अपनी सीट पर एक लड़की के साथ बैठकर बीयर का मजा ले सकते हैं, जो आपको स्पर्श सुख देती रहेगी.

पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से आई लड़कियां आपको इसी तरह उत्तेजना से भरकर रोजी-रोटी कमा रही हैं. महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर.आर. पाटील ने तमाम विरोध के बावजूद डांस बार पर रोक लगा दी थी. लेकिन ये लड़कियां गायब नहीं हुईं.

मुंबई सेंट्रल का टोपाज बार दलाल स्ट्रीट के शेयर दलालों की पसंदीदा जगह थी. लेकिन प्रतिबंध लगने के बाद ये लड़कियां शहर में आने वाले कारोबारियों का मनोरंजन करने लगीं, लेकिन लंबे समय के लिए नहीं. मुंबई और ठाणे की सीमा से लगे इलाकों में स्थित ज्‍यादातर बार तथाकथित कड़ी निगरानी के बावजूद सेक्स परोसते हैं. मुंबई के पश्चिमी उपनगरीय इलाके मीरा रोड के एक बार में लता वेटर का काम करती है.

यहां से मीलों दूर पश्चिम बंगाल में उसके माता-पिता समझते हैं कि उनकी बेटी किसी अस्पताल में काम करती है. उसकी सेवा में शामिल है मीठी-मीठी बातें करना, आलिंगन करना और चुंबन देना, लेकिन होंठों पर नहीं.

वह अपने ग्राहकों को हिदायत देती है कि ”कभी भी होठों पर चुंबन मत करना, उससे सेक्स के जरिए संक्रमित होने वाली बीमारियां हो सकती हैं.” अपना ब्लाउज हटाकर स्तनों का स्पर्श सुख देने से उसे कोई परहेज नहीं है. इसकी फीस है मात्र 300 रु. वह शाम को बार में चार घंटे काम करती है. ये लड़कियां क्रमवार ढंग से काम करती हैं ताकि हरेक लड़की को कमाई का अवसर मिल

शाम को एक लड़की को दो ग्राहक से ज्‍यादा नहीं मिलते. लता की कमाई का बड़ा हिस्सा उसके छोटे भाई-बहनों की पढ़ाई पर जाता है. 20 वर्ष से ऊपर की उम्र वाली इस लड़की का कहना है, ”मुझे यह काम करते रहना है क्योंकि मुझे अपने परिवार का खर्च चलाना है.” मुंबई और उसके आसपास के बारों में ग्राहकों से निबटने का उसे काफी अनुभव है. वह कहती है, ”अगर आप अपना कोई रिपोर्टर भेजें तो उसे बहुत रोचक कहानियां मिल जाएंगी.”

मुंबई के पूर्वी उपनगरीय इलाकों में भी कहानी अलग नहीं है. 30 साल से कुछ ही ऊपर की रेशमा कल्याण के एक बार में काम करती है. वह ग्राहकों को भोजन और शराब नहीं परोसती. लेकिन कोई ग्राहक अगर सेक्स की मांग करता है तो बार का मैनेजर सबसे पहले उसी को हाजिर करता है.

ग्राहक मैनेजर को 1,200 रु. देता है. रेशमा को उसकी सेवाओं के लिए इसकी आधी रकम मिलती है. और अगर ग्राहक खुश हो जाता है तो वह रेशमा को टिप भी दे सकता है, जो 200 रु. से ज्‍यादा नहीं होनी चाहिए. वह कहती है, ”पहले मैं एक डांस बार में डांस करती थी. लेकिन जबसे प्रतिबंध लग गया मैं यह काम करने लगी हैं।

वह ग्राहकों को हमेशा अपने दो बच्चों की फोटो दिखाती है और उनसे अच्छा टिप देने की गुजारिश करती है. वह बताती है, ”मेरे सास-ससुर समझते हैं कि मैं किसी फैक्टरी में काम करती हूं. अगर उन्हें असलियत पता चल जाए तो वे मुझे मार ही डालेंगे.” इन डांस बारों में ज्‍यादातर लड़कियां लता के ही नाम से जानी जाती हैं. और अगर वह मुसलमान है तो उसका नाम रेशमा होता है. ज्‍यादातर लड़कियां पश्चिम बंगाल और ओडीसा की हैं. कुछ लड़कियां तमिलनाडु और केरल से भी आती हैं.

मुंबई के उच्च स्तर वाले ऑर्केस्‍ट्रा बार की तस्वीर थोड़ी अलग है. अंधेरी ईस्ट का एक ऐसा ही बार लड़कियों से भरा है. गाने वाली लड़कियां स्टेज पर खड़ी हो जाती हैं और बाकी लड़कियां सोफों पर बैठे ग्राहकों को भोजन और शराब परोसती हैं. यहां सिर्फ नजरें मिलाने की ही इजाजत है. लेकिन बार के बाहर एक कर्मचारी ग्राहकों को अन्य सेवाओं के बारे में जानकारी देता है.

वह कहता है, ”सर आपको दो घंटे की सेवा (सेक्स) के लिए सिर्फ 3,000 रु. देने होंगे. आपको बार में काम करने वाली लड़कियों से अलग किसी भी उम्र की लड़की मिल जाएगी. हम आपको चुनने के लिए 56 लड़कियां देंगे. लेकिन अगर आप बार में काम करने वाली कोई लड़की चाहते हैं तो आपको ज्‍यादा पैसे चुकाने होंगे.’

एक सूत्र का कहना है कि ऑर्केस्ट्रा बारों में देह व्यापार का धंधा दूसरे रूप में चलता है. उसके मुताबिक, ”आपको बार के अंदर किसी लड़की को छूने की इजाजत नहीं होगी लेकिन अगर आप उसे बाहर ले जा सकें और सेक्स के लिए राजी कर सकें तो उसे आपका व्यक्तिगत मामला समझा जाएगा और तब इसमें बार प्रबंधन की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी.”

सांताक्रूज में शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के पोते निहार के संगीत बार ऐंड रेस्तरां में 10 मार्च को पुलिस का छापा पड़ने के बाद मुंबई के बार एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं.

इंडियन होटल एवं रेस्तरां के अध्यक्ष सुधाकर शेट्टी कहते हैं कि वे उन बारों के खिलाफ हैं जो नियमों को तोड़ते हैं लेकिन पुलिस को उन लोगों को परेशान नहीं करना चाहिए जो ईमानदारी से कारोबार कर रहे हैं. वे कहते हैं, ”हमने अपने सदस्यों को चेतावनी दे रखी है कि अगर वे गलत काम करेंगे तो हम उनके लाइसेंसों का नवीनीकरण नहीं करेंगे.”

मुंबई में 220 बारों और रेस्तराओं के पास ऑर्केस्ट्रा के लिए वैध लाइसेंस हैं. बार मालिकों को लाइसेंस फीस के तौर पर सालाना 1.50 लाख रु. और ऑर्केस्‍ट्रा फीस के लिए 1,80,500 रु. देने पड़ते हैं. इसके अलावा मनोरंजन फीस के तौर पर हर महीने 50,000 रु. देने होते हैं. नियमों के अनुसार एक समय में सिर्फ चार पुरुष और चार महिलाओं को कार्यक्रम की इजाजत होती है.

ऑर्केस्‍ट्रा बार समिति के एक सदस्य का कहना है, ”हम एक समय में आठ गानेवालों को रखते हैं. बाकियों को अलग कमरे में उनकी बारी आने के लिए बैठा दिया जाता है. पुलिस कहती है कि हमारे गायक अश्लील भंगिमाएं दिखाते हैं. अगर वे शीला की जवानी पर डांस कर रहे हैं तो क्या उनके हावभाव जब दिल ही टूट गया वाले होंगे.”

मुंबई में पिछले तीन साल में मसाज सेंटरों की भी बाढ़ देखने को मिल रही है. ये सेंटर हल्के मसाज के अलावा सेक्स की सेवाएं भी पेश करते हैं. इनमें काम करने वाली लड़कियां, जो आम तौर पर स्थानीय ही होती हैं और अपना नाम बदल लेती हैं, 25-30 साल की उम्र की होती हैं.

ये लड़कियां एक घंटे की सेवा के लिए 200 से 300 रु. की मांग करती हैं. उनकी इस सेवा को हैंडशेक कहा जाता है. एलिफिंस्टन रोड पर एक मसाज सेंटर में काम करने वाली एक लड़की कहती है, ”मैं यहां सिर्फ पैसों के लिए काम करती हूं. मैं ग्राहकों के साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाती.” वह महाराष्ट्र के सबसे कम प्रति व्यक्ति आय वाले जिलों में से एक, मराठवाड़ा के बीड की रहने वाली है. उसका सिर्फ एक अनुरोध है, ”प्लीज कभी आप किसी सार्वजनिक जगह पर मिल जाएं तो यह न जाहिर होने दें हम एक-दूसरे को जानते हैं

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