नागपूर के कोराडी तीर्थ क्षेत्र में कोलाहल,शोरगुल के कारण दूर भागे तेंदुए और लक्डबग्घे
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
नागपुर जिला के कोराडी श्री श्रीक्षेत्र में नवरात्र में यात्री का कोलाहल और शोरशराबा की वजह से तेंदुए का झुंड कोलार नदी तट की झाड़ियों की तरफ आश्रय ले लिया है। वन और पर्यावरण विशेषज्ञों की माने तो जंगलों की अंधाधुंध कटाई के कारण जंगली तेंदुए धारीदार लकडबग्घा, जंगलीसुंअर और भालू ग्रामीण भागों में नदियों की झाड़ियों मे आश्रय ले ले लेते हैं। यहां उन्हे आसानी है बकरियां कुत्ते और शियार लोमडियां का शिकार आसान हो जाता है।
हालही प्रातःकालीन 4 से 5 बजे के दरम्यान कोराडी सावनेर रोड के विधुत मंडल के तालाब जलाशय और कोलार नदी पुल के इर्द-गिर्द निचले भाग में भी तेंदुए और लकडबग्घें दिखाई दिये हैं। पिपला डागबंगला और
पाटनसावंगी के बकरी चराने वाले चरवाहों ने बताया था कि गर्मी के दिनों में जंगली सुअर कोलार नदी डोर में तैरते पानी की ठन्डक लेते देखा गया है।
कोराडी एशवंड राखबंधारा परिसर की कंटीले झाड़ियों मे तेंदुए और जंगली सुंअरों का आश्रय है? धोखेबाज जंगली तेंदुए कोलाहल और शोरगुल के डर के कारण तीर्थ क्षेत्र से बाहर पलायन कर चुके होने की संभावनाए व्यक्त की जा रही है।