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जनता का भविष्य तबाह करने में BJP की नई शराब क्रांति

जनता का भविष्य तबाह करने में BJP की नई शराब क्रांति

 

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

 

नई दिल्ली। आम-आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष कुमार सिसोदिया ने गत दिनों तंज कसते हुए कहा है कि उत्तरप्रदेश में एक बोतल के साथ एक बोतल फ्री शराब वितरण करने की योजना शुरु है यूपी में ‘बाय वन गेट वन फ्री’ के ऑफर पर सिसोदिया ने अपना तंज दोहराया है.

उत्तर प्रदेश में नोएडा समेत आसपास के जिलों में चल रही शराब दुकानों में बाय वन गेट वन फ्री का ऑफर चल रहा है. नोएडा समेत यूपी के कई शहरों में दुकानों के बाहर शराब खरीददारों की भारी भीड़ भी देखने को मिली है. अब इसे लेकर दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर तंज भी कसा है.

यूपी की शराब दुकानों पर लंबी लाइन और एक बोतल खरीदने पर एक बोतल फ्री को लेकर सियासत भी गरमा गई है. आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने नोएडा की शराब दुकानों पर एक के साथ एक फ्री के ऑफर को लेकर बीजेपी पर तंज कसा है. पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि बीजेपी ने नई शराब क्रांति लाई है, एक के साथ एक बोतल फ्री में मिल रही है. सिसोदिया के इस तंज को दिल्ली की आबकारी नीति से जोड़कर देखा जा रहा है जिसका बीजेपी ने पुरजोर तरीके से विरोध किया था. बाद में इसकी जांच भी हुई और पूर्व डिप्टी सीएम समेत आम आदमी पार्टी के कई नेताओं को जेल भी जाना पड़ा था. फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है.

दरअसल, एक अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू होने वाला था. ऐसे में यूपी में शराब के नए ठेके खुलेंगे. अगर पुराने शराब ठेकेदारों को नई दुकान नहीं मिली तो फिर उनके पास रखा स्टॉक बर्बाद हो जाएगा. 31 मार्च तक पुराने दुकानदारों को क्लोजर रिपोर्ट भी देनी पड़ती है. 31 मार्च के बाद वो इसे बेच नहीं पाएंगे. इसलिए सभी शराब ठेकेदार अपने स्टॉक को खाली करने में जुट गए हैं और कुछ दुकानों पर ‘बाय वन गेट वन फ्री’ का ऑफर चल रहा है जिसकी वजह से नोएडा समेत कई जिलों में शराब ठेकों के सामने लंबी भीड़ भी लगी हुई है.

1 अप्रैल माह से खुलने वाली थी नई शराब दुकानें

यूपी में बीजेपी की सरकार है और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं. अब जब दुकानों पर ‘बाय वन गेट वन फ्री’ का ऑफर चल रहा है तो विरोधियों को बीजेपी को घेरने का एक मौका मिल गया है. हालांकि, ऐसी स्थिति उन हर राज्यों में देखने को मिलती है जहां-जहां शराब ठेकों के लाइसेंस को लेकर लकी ड्रॉ निकलते हैं. लकी ड्रॉ में यह तय नहीं होता है कि ठेका किसको मिलेगा और किसको नहीं मिलेगा. इसलिए शराब के ठेकेदार नई दुकान खुलने से पहले ही पुराने स्टॉक को निकालने के प्रयास में रहते हैं.

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