कोराडी पावर प्लांट के आंदोलनकारी श्रमिक मुख्य अभियंता की मध्यस्थता से वापस काम पर लौटे
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री:सह-संपादक रिपोर्ट
नागपुर के कोराडी पावर प्लांट गेट के सामने आंदोलनकारी ठेका श्रमिकों अश्विन मिलने पर काम पर वापस लौट गए है।वे म•रा•वि• कर्मचारी अधिकारी अभियंता सेना की ओर से एक दिवसीय आंदोलन कर रहे थे। मुख्य अभियंता महोदय श्री मोटघरे की मध्यस्थता से ठेका कंपनी मालिक श्रमिकों को काम पर वापस लेने के लिए राजी हो गये है।
संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष राजन भानुशाली के मार्गदर्शन और महाराष्ट्र राज्य विद्युत कर्मचारी अधिकारी अभियंता सेना (भारतीय श्रमिक संघ से संबद्ध) कॉन्ट्रैक्ट इकाई अध्यक्ष रमेश गणोरकर एवं सचिव भीमराव बाजनघाटे के नेतृत्व में 13 संविदा कर्मियों की बर्खास्तगी एवं कर्मियों की विभिन्न मांगों को लेकर धरना एवं शृंखलाबद्ध हड़ताल शुरू हुई. मुख्य अभियंता महोदय श्री मोटघरे ने श्रमिक हितों मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनके अथक प्रयासों से सकारात्मक चर्चा की शुरुआत हूई। संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष रमेश गणोरकर ने की। जगदीश रुंडे और सचिव बाजनघाटे ने तर्क-वितर्क कर अपनी मांगें प्रबंधन के समक्ष रखीं, तो इन सबके फलस्वरूप प्रबंधन को मांगों को मानना पडा।. कंपनी मालिक श्री भरतभाई पटेल पर मांगें मानने के लिए दूरदर्शी सुझाव प्रस्तुत किया गया और वे मान भी गये।अन्यथा माहौल बिगड़ने देख समझदारी से काम लिया गया।
मुख्य अभियंता महोदय श्री मोटघरे और कल्याण अधिकारी श्री मेंढेकर ने केंद्रीय अध्यक्ष राजन भानुशाली के सहयोग के लिए आभार माना।आंदोलन स्थल में महादुला के नगराध्यक्ष राजेश रंगारी ने भेंट दी। स्थानीय कामगार सेना और शिवसेना के समीर सोनारे सहित अनेक ठेका मजदूर मौजूद थे। इस अवसर पर संगठन केंद्रीय इकाई अध्यक्ष रमेश गणोरकर और केंद्रीय इकाई सचिव भीमराव बाजनघाटे ने महानिर्मिर्ती प्रबंधन और ठेका कंपनी व्यवस्थापन पर नाराजगी प्रकट की है।
पूछे जाने पर कंपनी मालिक भरतभाई पटेल ने बताते है कि श्रमिकों ने अपनी जिम्मेदारी और जबावदारी बखूबी निभाते हुए ईमानदारी से अपना काम करना चाहिए? जो श्रमिक काम कम और मुहजोरी और दादागिरी ज्यादा करते हैं इसके लिए बताओ क्या करना चाहिए? इस प्रकार की मनमानी पर भी रोक लगाया जाना चाहिए।