नागपूर के जंगली सुंअरों के आतंक और आक्रमण से किसान परेशान
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
नागपुर। महाराष्ट्र राज्य के घने जंगल से सटे ग्रामीण किसानों में जंगली सुअरों के आतंक से परेशान और हैरान हैं. ये सुअर खेतों में घुसकर फसलें बर्बाद कर देते हैं और किसानों पर हमला भी कर रहे हैं. किस तरह का नुकसान पहुंचाते हैं जंगली सुंअर खेतों में घुसकर फसलें बर्बाद कर देते हैं.और ये खेतों में गड्ढे बना देते हैं.ये रात भर झुंडों में घुसकर खेतों में डेरा डाले रहते हैं. किसानों पर हमला कर देते हैं.ये भगाने पर आक्रामक हो जाते हैं.किसानों को कैसे परेशान करते हैं जंगली सुअर के आक्रमण से किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है.
किसानों को रात भर जागकर अपनी फ़सल की रक्षा करनी पड़ती है. किसानों को लाठी, टॉर्च, और पटाखे चलाकर अपनी और फ़सल की सुरक्षा करनी पड़ती है. किसानों ने क्या की शिकायत किसानों ने कई बार वन विभाग को शिकायत की है.किसानों ने प्रशासन और वन विभाग को इस समस्या से अवगत कराया है.किसानों की मांग है कि सरकार और प्रशासन जल्द से जल्द कोई समाधान निकाले.
महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश सीमा से सटे अनेक गांव के किसानों जिसमें पावनी, देवलापार, पारसिवनी, खापा, परिक्षेत्र के मौजा महारकुण्ड परिसर मे स्थित स्वर्गीय कृष्णराव वैध के वारसान अधि नितिन वैध की कृषि जमीन को जगली सुंंअर ने उजागर दी.ग्रामीणो के अनुसार भागीम्हारी, केलवद सर्कल के किसान हर साल जंगली सुअर के आतंक से आर्थिक नुकसान सह रहे हैं. उसी अमरावती जिला और मध्यप्रदेश के खंडवा जिला सीमा से सटे गांव के किसानों की व्यथा सुनने से दिल धडकने लगता है.