पिता ने सिपाही की नौकरी कर अपने बेटे को IPS बनाया
टेकचंद्र शास्त्री:
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यूपी। एक लड़का जिसका बचपन थानों में बीता। क्योंकि पिता यूपी पुलिस में सिपाही थे। जहां-जहां पिता की तैनाती होती बच्चा भी उनके साथ जाता। थाने के सबसे पास जो भी स्कूल होता वहीं एडमीशन लेकर पढ़ाई करने लगता। लड़का अपने पिता को खाकी वर्दी में देखकर खुद भी बड़ा ऑफिसर बनने का सपना देखने लगा। कभी पिता की पुलिस वाली कैप लगाकर शीशे के सामने खुद इंस्पेक्टर बनने की एक्टिंग करता तो कभी उनकी वर्दी पहनने की जिद रही है
कार्ड वेरिफिकेशन का सबसे सटीक और आसान तरीका सिखाया और केंद्र 23 साल की कम उम्र में ही उसका सपना सच साबित हो गया। वह बच्चा IPS अफसर बन गया। यह पिता-पुत्र की जोड़ी लोगों की नजर में तब आई जब पिता का प्रमोशन हुआ और बेटे ने उनकी वर्दी पर स्टार लगाया। शुरुआती दौर में बाराबंकी के रुदौली थाने में सिपाही के पद पर जनार्दन सिंह की पोस्टिंग हुई। वहां दो कमरों का मकान मिला। परिवार में कुल 4 लोग थे। वह, उनकी पत्नी कंचन सिंह और दो बच्चे-अनूप और मधु। परिवार में कमाने वाले जनार्दन अकेले ही थे। शुरुआत में उनकी सैलरी 400 रुपए फिर 1300 रुपए हुई। इतने पैसे में ही पूरे परिवार का खर्च व बच्चों की पढ़ाई मैनेज करना होता था
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