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नशापान से भटक रहे युवाओंको अध्यात्म की जरुरत : राष्ट्रपती द्रौपदी मुर्मू

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नई दिल्ली। युवा पीढ़ी को नशा पथ भ्रष्ट कर रही है। पहले मनुष्य नशा खाते है बाद में नशा मनुष्य को खाने लगती है। ऐसे में लोगों से नशापान नहीं बल्कि आध्यात्मिक पान करने का आह्वान राष्ट्रपति ने किया है।
नशा युवा पीढ़ी को पथभ्रष्ट कर रहा है, इसलिए लोगों आध्यात्म का पान करना होगा: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। युवा पीढ़ी को नशा पथ भ्रष्ट कर रही है। पहले मनुष्य नशा खाता है बाद में नशा मनुष्य को खाने लगती है। ऐसे में लोगों से नशापान नहीं बल्कि आध्यात्मिक पान करने का आह्वान राष्ट्रपति ने किया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विगत गुरुवार को ओडिशा के मयूरभंज जिले में नशा मुक्ति अभियान का शुभारंभ करते हुए कहा कि नशा करने के बाद मानव के चिंतन करने, सोचने की शक्ति कम हो जाती है और अर्ध चेतन अवस्था में वह क्या करता है, यह उसे भी पता नहीं होता है।
नशे से परिवार नष्ट हो जाता है। राष्ट्रपति ने कहा कि सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टिकोण से नशा एक अभिशाप है। हम चाहें तो नशे को बलिदान दे सकते हैं। नशा मुक्ति अभियान को सफल करने के लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा।
लोगों को करना होगा जागरूक
परिवार, समाज एवं प्रदेश को नशा मुक्त करने के लिए सबसे पहले हमें लोगों के मन को जागरूक करना होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसा नहीं कि जो व्यक्ति नशा करता है, उसे इसके दुष्परिणाम के बारे में जानकारी नहीं है। वह नशा की अपकारिता के बारे में सब कुछ जानता है।
दुष्परिणाम जानकर भी नशे के आदी हैं लोग
सब जानकर भी लोग नशे की तरफ बढ़ रहे हैं। ऐसे में नशा करने वाले लोग नशा छोड़ने के लिए किस प्रकार से प्रयास करेंगे, ओडिशा कैसे नशा मुक्त होगा, इसके लिए सभी को प्रयास करने की जरूरत है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भगवान हमें इस दुनिया में जिस काम के लिए भेजा है उसे करना होगा, नशा करेंगे तो आधे में ही हमारा जीवन चला जाएगा। नशे के कारण आज घर में कलह पैदा हो रही है, झगड़ा हो रहा है।
ऐसे में व्यसन का हमें त्याग करना होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस अवसर पर मयूरभंज जिले के पहाड़पुर में नाबार्ड प्रायोजित जनजातीय विकास परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया। इस अवसर पर उपस्थित ओडिशा के राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल, केंद्रीय मंत्री विशेश्वर टुडु प्रमुख उपस्थित थे।

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