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नागपूर के कोराडी की प्रस्तावित विद्युत परियोजना के स्थानांतरण का जमकर विरोध

कोराडी की प्रस्तावित 660×2 मेगावाट उत्पादन क्षमता की विधुत परियोजना का स्थानांतरण का विरोध करने वालों मे विधुत कर्मचारी अधिकारी अभियंता सेना केसचिव भीमराव बाजनघाटे और पावर फ्रंट के शाखाध्यक्ष वैभव बंडे ने मांग की है कि इस प्रस्तावित विधुत परियोजना का निर्माण विधुत परिसर कोराडी मे ही किया जाना चाहिए। परंतु कुछ राजनैतिक तत्व इसे रामटेक लोकसभा परिक्षेत्र के व पारसिवणी तहसील मे स्थानांतरण का षडयंत्र चल रहा है? उपरोक्त यूनियनों द्धारा सतत विरोध किया जा रहा है।
ज्ञातव्य है कि उपरोक्त दोनो यूनियन की तरफ से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, मुख्य मंत्री देवेन्द्र फड़णवीस तथा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें स्पष्ट किया है कि उक्त परियोजना निर्माण के लिए कोराडी परिसर मे भरपूर भूमि उपलब्ध है। तथा राखबंधारा,तालाब जलापूर्ति नहर तालाब, और स्वीसयार्ड मौजूद है। इसके अलावा यहां पर देश के कोने कोने से कोयला और आवश्यक कलपुर्जे लाने लेजाने के लिए ब्राडगेज रेलवे लाईन मौजूद है।प्लांट परिसर से लगकर नैशनल हाईवे मौजूद है। यहां पर प्रस्तावित विधुत केंद्र निर्माण के लिए भरपूर टेक्नीकल और अनुभव कुशल श्रमिक भी उपलब्ध है ।इसके अलावा यहा विधु कर्मचारी आवास कालोनी भी उपलब्ध है।
इसके बावजूद भी इस परियोजना को अगर अन्यत्र स्थानांतरण किया जाता है तो संगठन सरकार के विरुद्ध हाईकोर्ट मे जनहित याचिका दायर करने को मजबूर होना पडेगा।

*प्रदूषण का अडंगा डालना सरासर गलत है*

श्रमिक नेता श्रीबाजनघाटे और वैभव बन्डे ने स्पष्ट रुप से विकास विरोधी चेतावनी दी है कि प्रदूषण की आड मे प्रस्तावित तापीय विधुत परियोजना का अन्यत्र स्थानांतरण किया जाने से सरकार को करीबन 50 हजार करोड का आर्थिक नुकसान सूनापन सकता है। जबकि कोराडी मे प्रस्तावित तापीय विधुत केंद्र निर्माण से सरकार को 50हजार करोड का संभावित नुकसान बच सकते है।क्योंकि यहां प्रदूषण नियंत्रण नियमों के दायरे मे होने से जन-मानसको कोईनुकसान नहीं है।

*लोडशेडिंग और बेरोजगारी की समस्या हल होगी*

कोराडी परिसर मे प्रस्तावित विधुत केंद्र निर्माण से राज्य मे बिजली की लोडशेडिंग की समस्या हल होगी तथा स्थानीय 5 हजार बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध हो सकता है।उन्होने प्रस्तावित विधुत परियोजना का स्थानांतरण होने की दशा मे इस अन्याय के खिलाफ मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ मे जनहित याचिका दायर करने की चेतावनी दी है।

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