भारी तूफ़ानी वारिस के संकेत 24 घंटे में समुद्री तट से टकरा सकता है चक्रवात? अलर्ट जारी
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री : सह-संपादक की रिपोर्ट
मुंबई। चक्रवाती तूफान की संभावना को देखते हुए मौसम विभाग ने महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के समुद्र तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को मौसम के नवीनतम बदलाव से सतर्क रहने के लिए कहा गया है. साथ ही उन्हें कहा गया है कि वो स्थानीय अधिकारियों के सलाह और निर्देश का पालन करें.
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई मे आने वाले दिनों में एक चक्रवाती तूफान की चेतावनी जारी की गई है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अरब सागर में तैयार हो रहे चक्रवाती तूफान के कारण मुंबई के मौसम में होने वाले मौसम के बदलाव के बारे में चेतावनी जारी की है. आईएमडी की तऱफ से सोमवार को जारी किए गए मौसम अपडेट में बताया गया है कि दक्षिण पूर्व औऱ इससे सटे पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर अगले 24 घंटे में एक कम दबाव का क्षेत्र विसकित होने की संभावना है. जिसके 21 अक्टूबर के आस-पास मध्य अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है. तूफान को देखते हुए आईएमडी ने मछुआरों को महाराष्ट्र तट और गुजरात तट के आसपास समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है.
चक्रवाती तूफान की संभावना को देखते हुए विभाग ने महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को मौसम के नवीनतम बदलाव से अपडेट रहने के लिए कहा गया है. साथ ही उन्हें कहा गया है कि वो स्थानीय अधिकारियों के सलाह और निर्देश का पालन करें. मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा कि इस तूफान का नाम “तेज” रखा जाएगा. हालांकि पीटीआई की रिपोर्ट में बताया गया है कि पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर जो सिस्टम बदल रहा है कि उसके चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना बेहद कम है. मौसम के जारी किए जाने वाले विभिन्न मॉडलों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है. अभी तक मॉडल पूर्वानुमानों में कोई एकमत नहीं है. इसलिए स्पष्ट तस्वीर सामने आने के लिए हमें कुछ और दिन इंतजार करना होगा.
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जो नए अपडेट आईएमडी की तरफ से जारी किए गए हैं उनके मुताबिक अगले 18 घंटों में दक्षिणपूर्व और निकटवर्ती पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने की संभावना है और 21 अक्टूबर के आसपास मध्य अरब सागर के ऊपर एक दबाव क्षेत्र में तब्दील होने की संभावना है. इसके अलावा उत्तर-पश्चिम की ओर एक साइक्लोनिक सर्कूलेशन के बढने की संभावना है. इसके प्रभाव से 20 अक्टूबर के आसपास बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों पर एक कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है.
केरल में बारिश का अनुमान: गौरतलब है कि समुद्र में तापमान के कारण बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में विकसित होने वाले साइक्लोन के विकास के लिए अक्टूबर से दिसंबर तक का समय अनुकूल माना जाता है. आईएमडी ने कहा है कि साइक्लोनिक सर्कूलेशन के कारण अगले पांच दिनों के लिए केरल के कुछ हिस्सों में गरज के साथ मध्यम बारिश हो सकती है. 21 अक्टूबर तक यह और मजबूत हो सकती है