MP चुनाव में 35 सीटों में कांग्रेस और भाजपा की लाडली बहनों का खेला।
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
भोपाल। विधान सभा समर में जो जीता वही सिकंदर ? और जो हारा वह बंदर? की कहावत चरितार्थ हो रही है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के इंदिरा गांधी नगर की महिलाओं ने बताया कि मध्यप्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री ने लाडली बहना योजना अंतर्गत जो आर्थिक सहयोग किया जा रहा है। वह सरकार की तिजोरी से खर्च किया जा रहा है? ना कि मुख्य मंत्री माननीय शिवराज सिंह चौहान के स्वयं बैंक खाते से खर्च किया है। यह पैसा मध्यप्रदेश की आम जनता के जेब का पैसा है। कांग्रेस का कहना है कि लाडली बहना योजना का पैसा पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी और तत्कालीन प्रधान मंत्री राजीव गांधी की प्रस्तावित योजना थी। कि देश की महिलाओं का सर्वांगीण विकास होना चाहिए?
भोपाल के शिवाजी नगर के नागरिकों ने बताया है कि पूरा भोपाल मच्छरों और पिस्सूओं के आतंक से नागरिक परेशान है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के जैल रोड जहांगीराबाद के नागरिकों का मानना है कि स्वच्छता अभियान के तहत भारत सरकार करोडों रुपए खर्च कर रही है परंतु भोपाल महानगर क्षेत्र मे स्वच्छता योजना टांय टांय फिस्स हो गई है।इस योजना के नाम पर अधिकारी पदाथिकारी और राजनेता अपना घर भर रहे है? आम जनजीवन दु्ष्प्रभावित है। हालकि भाजपा को वोट CM शिवराज सिंह चौहान को देखकर नहीं अपितु PM नरेंद्र मोदी को देखकर दिया गया है।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में हुई वोटिंग के फाइनल आंकड़े सामने आ गए हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक इस बार मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में महिलाओं की बंपर वोटिंग हुई है और इसमें भी महिलाओं ने बड़े पैमाने पर वोटिंग की है।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में हुई वोटिंग के फाइनल आंकड़े सामने आ गए हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक इस बार मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में बंपर वोटिंग हुई है और इसमें भी महिलाओं ने बड़े पैमाने पर वोटिंग की है. खासतौर पर 230 विधानसभा सीटों में से ऐसी 35 सीटे हैं, जहां पर महिलाओं ने पुरुष मतदाताओं की तुलना में अधिक संख्या में वोटिंग की है. ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि महिलाओं की बंपर वोटिंग के मायने क्या हैं और क्या लाड़ली बहना योजना स्कीम का असर इस वोटिंग पर पड़ा है. क्या बीजेपी इस चुनाव में वापसी करती दिख रही है या फिर कांग्रेस को महिलाओं का साथ मिलता है।
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक सभी 230 विधानसभा सीटों पर 77.15 प्रतिशत मतदान हुआ है. जो 2018 के विधानसभा चुनाव के आंकड़े 75.63 प्रतिशत वोटिंग से अधिक है. इस बार 78.21 प्रतिशत पुरुषों ने मतदान किया है तो वहीं 76.03 प्रतिशत महिला वोटरों ने मतदान किया है. मतदान का यह आंकड़ा 66 साल में सर्वाधिक बताया जा रहा है. इस चुनाव में 2533 उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था और 3 दिसंबर को इसके परिणाम सामने आएंगे.
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक जिन सीटों पर महिला वोटर्स ने अधिक संख्या में मतदान किया है, वहां पर लाड़ली बहना योजना का बड़ा असर देखा जा रहा है. लेकिन कुछ इलाके ऐसे भी हैं जहां पर महिलाओं का अधिक वोट देना कहीं न कहीं कांग्रेस के भी फेवर में जा सकता है, क्योंकि इंदिरा नारी सम्मान योजना में कांग्रेस की ओर से 1500 रुपए प्रति महीना देने का वादा भी ग्राउंड पर गूंजा है. अब महिलाओं का अधिक संख्या में निकलना कांग्रेस या बीजेपी किसके फेवर में गया है, इसका सही रिजल्ट 3 दिसंबर को ही सामने आएगा.
आंकड़ों के मुताबिक पिछले चुनाव में 50 सीटों पर महिलाओं की वोटिंग पुरुष वोटरों की तुलना में अधिक हुई थी. लेकिन इस बार 35 सीटों पर महिला वोटर्स ने पुरुष मतदाताओं की तुलना में अधिक वोटिंग की है. पिछले विधानसभा चुनाव में महिला-पुरुषों के वोट में 1.95 प्रतिशत का अंतर था और इस बार 2.18 प्रतिशत का अंतर सामने आया है. चौकाने वाली जानकारी ये भी है कि जिन 35 सीटों पर महिलाओं ने अधिक संख्या में वोटिंग की है, उसमें से 24 सीटें तो अकेले विंध्य क्षेत्र की हैं. इसके अलावा महाकौशल की सात सीटों पर और भोपाल रीजन व बुंदेलखंड की इक्का-दुक्का सीटों पर भी महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में अधिक संख्या में वोटिंग की है.
विंध्याचल क्षेत्र- चित्रकूट, रैगांव, नागौद, मैहर, अमरपाटन, रामपुर, बघेलान, सिरमौर, सेमरिया, त्योंथर, मउगंज, देवतालाब, मनगवां, गुढ़, चुरहट, सीधी,सिहावल, चितरंगी, धौहनी, ब्यौहारी, जयसिंह नगर, जैतपुर, अनूपपुर, पुष्पराजगढ़, मानपुर इत्यादि का समावेश है।