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नागपूर मनपा : PWD अंतर्गत सडक निर्माण मे भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार

म•न•पा•- P•W•D•अंतर्गत सडक निर्माण मे भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

नागपुर। उपराजधानी नागपुर महानगर पालिका के लोक निर्माण विभाग PWD अंतर्गत सडक निर्माण और मरम्मत के कार्यों मे भारी अनीयमितता और भ्रष्टाचार बोलबाला की शिकायत प्राप्त हुई है। शिकायत के अधार पर सर्वेक्षण में पाया और देखा गया है कि महानगर के सिविल लाइन परिसर की सडकों के निर्माण में घटिया स्तर के मटेरियल का उपयोग किया जा रहा है? बताते हैं कि मनपा पी डब्ल्यू डी मे पिछले अनेक सालों से निविदा नियमों और शर्तों का खुल्लम खुल्ला उलंघन हो रहा है? इसका कोई अंदाजा नहीं लगा सकते हैं।
सर्वेक्षण में पाया गया और देखा गया है कि सिविल लाइन आकाशवाणी- कलेक्ट्रेड- कोर्ट परिसर से लेडिज क्लब- महाराष्ट्र शासन के PWD गेट परिसर, रामगिरी उच्च न्यायालय तथा रविभवन नागभवन तक सडक निर्माण कार्यों में डामरीकरण मार्ग के मध्य भागों में 0 लीपापोती की गई है और निर्माणाधीन मार्ग के दोनों किनारों में दो इंच स्तर का डांबरीकरण दर्शाया गया है। मनपा PWD के एक सिविल तकनीशियन ने अपना नाम प्रकाशित ना करने की शर्त पर बताया है कि डायरीकरण मे केरोसीन(मिट्टी तेल) की मिलावट की जाती है। इससे डांसर की मात्रा ढीली और पतली हो जाती है। मिलावटी डांबरीकरण अधिक जगह में फैलता है और इससे डांबर की बचत होती है। परिणामत: लागत कम और अधिक डामरीकरण कार्य हो जाता है। डामरीकरण में केरोसिन का उपयोग नहीं करने से उतना लाभ नहीं हो पाता और भले ही डामरीकरण मार्ग निर्माण मजबूत और टिकाउ नहीं हो पाता है। इस संबंध मे मुनाफाखोर व्यवसायी ठेकेदारों का मानना है कि काम समाप्त हुआ और 6 महिने में सडक उखड जाए चलेगा? दो मर्तबा सडक निर्माण का ठेका प्राप्त होगा और लाभ प्राप्त करेंगे?
व्यवसायी ठेकेदारों का तर्कसंगत आरोप है कि मनपाPWD में नीचे से लेकर ऊपर के अधिकारियों तक तय कमीशन देना पडता है? अन्यथा बिल भुगतान मे लालफीताशाही नीति अपनाई जाती है?इसलिए अत्याधिक मुनाफा -फायदे के लिए एसा करना पडता है। इतना ही नहीं सडक निर्माण में व्याप्त भ्रष्टाचार मामला दबाने के लिए मीडिया वालों को भी निर्धारित एवं तय चंदा-अनुदान और पैकेज देना पडता है? अन्यथा काम का बिल रुक जाएगा? और हमारी फर्म को ब्लैकलिस्ट का खतरा उत्पन्न हो सकता है?
उतना ही नहीं महानगर के छुटभैये नेताओं से लेकर बडेभैया नेताओं की राजनीति का गोरख धंधा भी निर्माता फर्म और ठेकेदारों से चंदा अनुदान और पैकेज पर ही निर्भर है। राजनेताओं के लिए निर्माता ठेकेदार दूध देने वाली गाय कहा जाता है? बताते है कि कुछेक निर्माता फर्म-कंपनियां राजनेताओं की इस गैरकानूनी कार्यों मे लिप्त हैं? वैसे भी नागपुर महानगर मे खुन्नस और बदले की राजनीति जमकर चल रही है?क्योंकि राजनीति में सबकुछ जायज है नाजायज कुछ भी नहीं है। बिरोधी पक्ष के एक सत्यवादी नेता ने बताया कि वर्तमान परिवेश की राजनीति एक तरह से कुटला, कर्कशा और बदनाम वैश्याओं के समान हो चूकी है।

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