काँग्रेस में एकजुटता के चलते केंद्रीय मंंत्री गडकरी की बढ सकती है मुश्किलें?
भाजपा उम्मीवारों को ले डूबेगा केजरीवाल गिरफ्तारी प्रकरण
टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट
नागपुर: चुनावी मौसम विपक्षी गठबंधन और कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत शुभ दिखाई दे रहा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को चुनावी मैदान में पटखनी देने के लिए कट्टर दुश्मन एक हो गए हैं। पिछले दिनों विलास मुत्तेमवार, नितिन राउत और सतीश चतुर्वेदी के एक साथ आने के बाद दो और नेता अपने सभी मन मुटाव भूलकर एक साथ आ गए हैं। हम बात कर रहे हैं शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे और पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल गुडधे पाटिल की। दोनों नेताओं की अदावत किसी से छुपी नहीं है, लेकिन चुनावी मौसम में दिनों विपक्ष गठबंधन नेता एक साथ आ खड़े हुए हैं। उधर CM केजरीवाल गिरफ्तारी प्रकरण से भी लोकसभा चुनाव मे भाजपा उम्मीदवारो के वोटबैंक को खराब कर सकता है? देशभर में व्याप्त चर्चाओं के मुताबिक केजरीवाल गिरफ्तारी प्रकरण ने तमाम भाजपा विरोधी दलों को मजबूत बनाने का कार्य कर रहा है? यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा?
कहते है होली में बड़े से बड़े दुश्मनों के बैर मोहब्बत के रंग से मिट जाते है. होली के रंगो के बीच देश में चुनावी रंग भी चढ़ चुका है। ऐसे में कई राजनीतिक रंग दिखाई दे रहे है। गुटबाजी नागपूर शहर कांग्रेस की पहचान रही है लेकिन ऐन चुनाव से पहले हालात बदलें-बदले नज़र आ रहे है। कुछ दिनों पहले ही पूर्व सांसद विलास मुत्तेमवार के घर में कांग्रेस का शक्तिप्रदर्शन दिखा था। इसके बाद अब बड़े नेताओ के साथ अन्य नेताओं के मन भी मिलते हुए दिखाई दे रहे है।
नागपुर में विकास ठाकरे और प्रफुल्ल गुडधे पाटिल की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता प्रसिद्ध थी लेकिन अब इन दोनों नेताओं के बीच मनमुटाव ख़त्म होता दिखाई दे रहा है। इन दोनों कांग्रेसी नेताओं के बारे में प्रसिद्ध था की अपनी-अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते यह एक दूसरे की शक्ल देखना तक पसंद नहीं करते थे लेकिन अब हालत बदल चुके है।
नागपुर में कांग्रेस की ज़मीन मजबूत करने और भाजपा के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी को टक्कर देने दोनों बड़े नेताओ के साथ आ चुके है। दोनों पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में न केवल साथ आये बल्कि ठाकरे और गुडधे की बड़ी ही आत्मीयता से बातचीत भी हुई। दोनों नेताओ के इस मन मिलन पर यूसीएन न्यूज़ ने इनकी प्रतिक्रिया जानी।
किसी तरह की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता नहीं
ठाकरे से मन मिलन को लेकर गुडधे ने कहा, विकास ठाकरे के साथ मेरी किसी तरह की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता नहीं थी। कांग्रेस संविधान को बचाने का प्रयास कर रही है। असल प्रतिद्वंदिता भाजपा में बड़े नेताओं के बीच है। एक ही पार्टी में होने के नाते अक्सर ठाकरे से मुलाकात और बातचीत होती रहती है। पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में हमारी मुलाकात और बातचीत हुई। लोकसभा चुनाव को लेकर हमने रणनीति बनाई।
अब केवल राहुल गांधी का गुट मजबूत
विकास ठाकरे ने कहा, “प्रफुल्ल गुडधे और मैं रिश्तेदार है।एक ही प्रभाग में रहते है.पारिवारिक कार्यक्रमों के अक्सर हमारी मुलाकात होती है.एक ही पार्टी में रहते हुए पदों और राजनीतिक महत्वाकांक्षा और प्राप्त जिम्मेदारियों के संदर्भ में इसे मनमुटाव के तौर पर प्रस्तुत किया जाता है. नागपुर में कांग्रेस के सभी गुट एक हो चुके है। शहर कांग्रेस में सिर्फ राहुल गांधी का गुट है। हम मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगे।”
नागपुर में कांग्रेस ने अब तक अपने प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है लेकिन विकास ठाकरे को प्रबल दावेदार माना जा रहा है। कांग्रेस ने चुनावी तैयारियां भी शुरू कर दी है। खास ही की गुडधे और ठाकरे नागपुर में बड़ा फैक्टर साबित होने वाले कुणबी समाज से आते है। वहीं कांग्रेस के सभी गुटों के एक होने से केंद्रीय मंत्री गडकरी की मुश्किलें बढ़ सकती है।
दिल्ली CM केजरीवाल गिरप्तारी का चुनाव पर असर
उधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का असर नागपुर सहित पूरे देशभर में राजनैतिक हलकों में खलबली मची हुई है। केजरीवाल गिरफ्तारी प्रकरण ने राजनेताओं को झकझोर कर रख दिया है? जिसका असर और दुष्परिणाम लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों पर पड सकता है? मनोवैज्ञानिकों की माने तो इस गिरफ्तारी ने केजरीवाल के कद को मजबूत बनाने के लिए सोने में सोहागा की कहावत चरितार्थ हो सकती है ? आप पार्टी नेता केजरीवाल को चाहने वाले भाजपा उम्मीदवारों को पराजित करने की योजना को अंजाम देने में जुट गए हैं?