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लोकसभा चुनाव से पहले 2 सीटों के लिए महाराष्ट्र में बिखरा विपक्ष? कहीं टूट न जाए दोस्ती

लोकसभा चुनाव से पहले 2 सीटों के लिए महाराष्ट्र में बिखरा विपक्ष? कहीं टूट न जाए दोस्ती

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

मुंबई ।महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना की ओर से कई सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान तो कर दिया गया है, लेकिन सांगली, भिवंडी समेत कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां एमवीए के बीच अभी भी पेंच फंसा हुआ है. उद्धव गुट भी इन सीटों पर दावेदारी कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी भी पीछे हटने को तैयार नजर नहीं आ रही है.

 

महाराष्ट्र में एमवीए के बीच कुछ सीटों को लेकर अभी भी दाव-पेंच फंसा हुआ है। लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों के ऐलान के बाद भी महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी के बीच अभी भी कुछ सीटों को लेकर पेंच फंसा हुआ है. सांगली, भिवंडी और साउथ सेंट्रल मुंबई जैसी कुछ सीटों पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है. इन सीटों पर शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे की शिवसेना भी चुनाव लड़ना चाहती है. वहीं, कांग्रेस भी इन सीटों को लेकर पीछे हटने के मूड में नहीं दिख रही है. कांग्रेस फ्रेंडली फाइट की बात कह रही है.

 

उद्धव ठाकरे की शिवसेना सांगली सीट पर अपनी तरफ से चंद्रहार पटल को मैदान में उतार चुकी है. शिवसेना के इस फैसले पर कांग्रेस का कहना है कि बिना उससे चर्चा किए बगैर सीट पर उम्मीदवारी घोषित कर दी गई है. कुछ इसी तरह का हाल भिवंडी की सीट पर भी है. भिवंडी सीट के लिए शरद पवार की एनसीपी और कांग्रेस दोनों जोर लगा रही हैं. इन सीटों पर विवाद को देखते हुए अब मामला कांग्रेस हाईकमान के पास पहुंच गया है.

 

कांग्रेस ने दिया दोस्ताना चुनाव का प्रस्ताव

 

कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंधे महाराष्ट्र की भिवंडी और सांगली सीट के मामले को पार्टी हाईकमान के पास भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि हमारी ओर से इन सीटों पर दोस्ताना चुनाव का प्रस्ताव रखा गया है. अब जो भी फैसला करना होगा वो पार्टी हाईकमान करेगा. दूसरी ओर से कांग्रेस के प्रस्ताव पर उद्धव गुट शिवसेना के सांसद संजय राउत की प्रतिक्रिया भी आ गई.

 

राउत ने कांग्रेस के प्रस्ताव को नकारा

 

राउत ने कहा कि इन सीटों पर अगर फ्रेंडली फाइट होती है तो विपक्षी दलों को मौका मिल सकता है. हालांकि, राउत ने साथ ही साथ कांग्रेस को नसीहत भी डेली और कहा कि वो एक मेच्योर पार्टी है ऐसे में उसे इस तरह के फैसले नहीं करने चाहिए. वहीं, कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने भी कहा कि उनकी पार्टी को शिवसेना (यूबीटी) के दबाव में नहीं आना चाहिए.

 

शिवसेना (यूबीटी) की ओर से 17 उम्मीदवारों की घोषणा करने के बाद कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी को मुंबई में सीटों के लिए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के दबाव में नहीं आना चाहिए. इसके साथ-साथ उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस के समर्थन के बिना शिवसेना यूबीटी महाराष्ट्र में एक भी सीट जीतने की स्थिति में नहीं है.

 

शिवसेना यूबीटी घोषित कर चुकी है 17 उम्मीदवार

दरअसल, इस हफ्ते की शुरुआत में शिवसेना यूबीटी ने 17 उम्मीदवारों की एक लिस्ट जारी की थी. तब शिवसेना ने कहा था कि वो राज्य की कुल 22 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इनमें चार सीटें मुंबई की होंगी. महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में चर्चा है कि निरुपम खुद मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में है जहां, उन्हें 2019 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था.

 

निरुपम ने कांग्रेस को खत्म करने की साजिश बताया

निरुपम ने आरोप लगाया कि शिवसेना (यूबीटी) मुंबई में छह में से पांच सीटें लेने के लिए कांग्रेस पर दबाव बना रही है. कांग्रेस को इस तरह के किसी दबाव में नहीं आना चाहिए क्योंकि यह पार्टी के खिलाफ है और मुंबई शहर में पार्टी को खत्म करने की एक साजिश है. अगर कांग्रेस विवादित सीटों पर दोस्ताना मुकाबले पर विचार कर रही है तो वो इसके लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सांगली सीट के साथ-साथ उत्तर-पश्चिम, मुंबई दक्षिण-मध्य और भिवंडी में दोस्ताना मुकाबले पर विचार करना चाहिए. इसमें कोई दिक्कत नहीं है.

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