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श्रीक्षेत्र कोराडी तीर्थ हनुमान मंदिर प्रांगण में अभि इंजिनियरिंग कार्पोरेशन की ओर से संगीतमय सुंदरकांड

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श्रीक्षेत्र कोराडी तीर्थ हनुमान मंदिर प्रांगण में अभि इंजिनियरिंग कार्पोरेशन की ओर से संगीतमय सुंदरकांड

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टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

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कोराडी।स्थानीय श्रीमहालक्ष्मी जगदंबा तीर्थ क्षेत्र स्थित श्री हनुमान मंदिर प्रांगण में मेसर्स: अभि इंजिनियरिंग कार्पोरेशन की ओर से संगीतमय सुंदरकांड रामायण पाठ का आयोजन हुआ। जिसे सुनकर तीर्थ परिसर के श्रोतागण मंत्रमुग्ध हुए। तीर्थ परिसर श्रीराम भक्त हनुमानमय हो उठा! इस अवसर पर मुख्य यजमान /आयोजक एवं मंदिर संस्थान के उपाध्यक्ष सपत्नीक श्री अजयभाऊ विजयवर्गी ने हनुमान जी महाराज की पूजा अर्चना की एवं सहयोगी रामायण मंडल के साथ सुंदरकांड पाठ में हिस्सा लिया। हनुमान मंदिर के पुजारी द्धय बृजेश मिश्रा और देवीदास पोटभरे एवं हनुमान जी महाराज के उपासक गण उपस्थित थे।

श्री सुंदरकांड रामायण पाठ के संबंध में संत- महात्मा-जन बतलाते हैं कि हिन्दू धर्म में मान्यता है कि मंगलवार और शनिवार के दिन विशेष रूप से श्री सुंदरकांड का पाठ करने पर श्री हनुमान जी की शीघ्र ही कृपा बरसती है. श्री सुंदरकांड का पाठ करने से जीवन में आ रही सभी प्रकार की परेशानियां शीघ्र ही दूर होती हैं और साधक को श्री हनुमान जी से बल, बुद्धि और विद्या समेत सुख समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है और श्री हनुमान जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

हिंदू धर्म में भगवान श्री हनुमान जी की पूजा सभी संकटों, शोक, भय और रोग आदि को दूर करने वाली मानी गई है. सप्तचिरंजीवी में से एक श्री हनुमान जी एक ऐसे देवता हैं जो हर युग में मौजूद रहते हैं और अपने भक्तों द्वारा सुमिरन करने मात्र पर ही उनकी रक्षा करने के लिए दौड़े चले आते हैं. मान्यता है कि मंगलवार के दिन श्री हनुमान जी की पूजा में गोस्वामी श्री तुलसीदास जी द्वारा रचित सुंदरकांड का पाठ करने से साधक पर शीघ्र ही हनुमत कृपा बरसती है और जीवन में सब मंगल ही मंगल होता है. आइए हनुमत कृपा बरसाने वाले श्री सुंदरकांड के पाठ का धार्मिक-आध्यात्मिक महत्व और उससे जुड़े चमत्कारी उपाय के बारे में विस्तार से जानते हैं.

मंगलवार के दिन सुंदरकांड पाठ के माध्यम से शुभ फलों की प्राप्ति के लिए साधक को तन और मन से शुद्ध होकर हनुमान जी की प्रतिमा या फोटो के सामने विधि-विधान से पूजा करने के बाद इसका पाठ करना चाहिए. पाठ की शुरुआत करने के पहले गणपति एवं भगवान श्री राम का ध्यान अवश्य करना चाहिए और जब पाठ पूरा हो जाए तो हनुमान जी की शुद्ध घी से बने दीपक से आरती करना चाहिए.

मान्यता है कि मंगलवार और शनिवार के दिन विशेष रूप से श्री सुंदरकांड का पाठ करने पर श्री हनुमान जी की शीघ्र ही कृपा बरसती है. श्री सुंदरकांड का पाठ करने से जीवन में आ रही सभी प्रकार की परेशानियां शीघ्र ही दूर होती हैं और साधक को श्री हनुमान जी से बल, बुद्धि और विद्या समेत सुख-संपत्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

मान्यता है कि यदि आपको किसी कार्य विशेष में तमाम प्रयासों के बाद भी सफलता नहीं मिल पा रही है तो आपको हनुमत उपासना के दौरान श्री सुंदरकांड का पाठ अवश्य करना चाहिए. श्री हनुमान जी की महिमा का गान करने वाला सुंदरकांड का पाठ व्यक्ति के भीतर आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति बढ़ाने वाला पाठ हैं. ऐसे में मंगलवार के दिन सुंदरकांड का भक्ति-भाव का पाठ करने से कार्य विशेष में आ रही सभी बाधाएं शीघ्र ही दूर होती हैं और मनचाहा कार्य संपूर्ण होता है.

ज्योतिष के अनुसार श्री सुंदरकांड का पाठ इंसान को किसी भी परिस्थिति से बाहर निकाल कर सभी मनोकामनाओं को पूरा करता हुए शारीरिक और मानसिक बल प्रदान करता है. मान्यता है कि प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ करने पर व्यक्ति को कर्ज और मर्ज दोनों से शीघ्र ही छुटकारा मिलता है.

श्री हनुमान जी के सामने सुंदरकांड का पाठ श्रद्धा एवं समर्पण के साथ करने पर व्यक्ति को जीवन कभी भी भूत, पिशाच, शत्रु बाधा, शनि, राहु-केतु आदि से कोई भय नहीं रहता है. उसे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता मिलती है

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