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कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में क्या आम लोगों की संपत्ति के बंटवारे को लेकर कुछ कहा गया है?

कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में क्या आम लोगों की संपत्ति के बंटवारे को लेकर कुछ कहा गया है?

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 में पीएम नरेंद्र मोदी की मुसलमानों और कांग्रेस के घोषणापत्र पर की गई टिप्पणी दो दिनों से चर्चा का विषय बना हुआ है.

पीएम मोदी ने रविवार को राजस्थान की रैली में कहा था, “पहले जब उनकी सरकार थी तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है, इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठा करके किसको बांटेंगे- जिनके ज़्यादा बच्चे हैं उनको बांटेंगे, घुसपैठियों को बांटेंगे. क्या आपकी मेहनत का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? आपको मंज़ूर है ये?”

पीएम मोदी बोले थे, ”ये कांग्रेस का मेनिफेस्टो कह रहा है कि वो मां-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे, उसकी जानकारी लेंगे और फिर उसे बांट देंगे और उनको बांटेंगे जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है.”

 

पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस ने सख़्त आपत्ति दर्ज की है और कहा कि मनमोहन सिंह के बयान को ग़लत तरीके से पेश किया गया है.

अब भाजपा के कर्मठ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अलीगढ़ में हुई रैली में भी यही बात फिर दोहराई है.

 

अलीगढ़ में एक रैली के दौरान पीएम मोदी ने कहा, ”कांग्रेस के शहज़ादे ने कहा है कि वो ये पड़ताल करेंगे कि कौन कितना कमाता है, किसके पास कितनी प्रॉपर्टी है. वो कहते हैं कि सरकार इस संपत्ति को अपने कब्ज़े में लेकर सबको बाँट देगी. उनकी नज़र आपके मंगलसूत्र पर है.”

 

कांग्रेस ने पीएम मोदी के दावों को झूठा बताया है. कांग्रेस ने पूछा है, ”क्या पीएम मोदी बताएंगे कि पार्टी ने कब और कहां कहा कि वो लोगों की ज़मीन, सोना.. मुसलमानों को बाँटेंगे.”

 

द इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने इस पर रिपोर्ट की है.

 

इस रिपोर्ट में अखबार ने राहुल गांधी के बयानों, घोषणापत्र की पड़ताल की है और ये समझने की कोशिश की है कि पीएम मोदी के दावों की क्या सच्चाई

इमेज कैप्शन,मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी

अखबार लिखता है कि कांग्रेस के घोषणापत्र में संपत्ति के बँटवारे को लेकर कोई विशेष वादा नहीं किया गया है.

 

मगर पार्टी के घोषणापत्र में लिखा है कि सत्ता में आने पर आय और संपत्ति की असमानता के मुद्दे पर विचार करेगी.

 

घोषणापत्र का पहला अध्याय समानता है.

 

इस अध्याय में जातिगत भेदभाव की बात की गई है. इसमें कहा गया है कि एससी, एसटी और ओबीसी भारत की आबादी में 70 फ़ीसदी हिस्सेदारी रखते हैं. लेकिन शीर्ष पदों और कारोबारों में उनकी भागीदारी काफी कम है.

 

कांग्रेस के घोषणापत्र में राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक और जातिगत सर्वे करवाने की बात कही गई. कांग्रेस ने कहा कि इस सर्वे से मिली जानकारियों के आधार पर कदम उठाए जाएंगे.

कांग्रेस के घोषणापत्र में अल्पसंख्यकों को आर्थिक मज़बूती देने को एक अहम कदम बताया गया और कहा गया कि बैंकों की ओर से अल्पसंख्यकों को बिना किसी भेदभाव के क़र्ज़ मुहैया करवाए जाएंगे.

कांग्रेस ने कहा है कि सत्ता मिलने पर हम ये सुनिश्चित करेंगे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सरकारी नौकरी, स्किल और खेल के क्षेत्र में वाजिब हिस्सेदारी मिले

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