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देश में बनेंगे 50000 किमी एक्सप्रेसवे?अलग अथॉरिटी की तैयारी! NHAI संभालेगा सिर्फ महामार्ग

देश में बनेंगे 50000 किमी एक्सप्रेसवे?अलग अथॉरिटी की तैयारी! NHAI संभालेगा सिर्फ महामार्ग

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

नई दिल्ली। केंद्रीय सडक परिवहन मंत्रालय द्धारा प्रदत्त देश में बनेंगे 50000 किमी एक्सप्रेसवे के लिए अलग अथॉरिटी की तैयारी, NHAI संभालेगा सिर्फ हाईवे

केंद्र सरकार देश में साल 2047 की जरूरतों के हिसाब से हाईवे और एक्सप्रेसवे विकसित करना चाहती है. इसके लिए NHAI के अलावा सरकार एक और अलग से अथॉरिटी का गठन किया जा रहा है।

देश के कोने-कोने को हाईवे से जोड़ने के बाद अब केंद्र सरकार एक्सप्रेसवे पर अच्छा-खासा ध्यान दे रही है. सरकार की योजना है कि देश में लगभग 50 हजार किमी एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे बनाए जाएं. इन्हें इस तरह से बनाया जाएगा कि देश की हर जगह से 100 से 150 किमी के दायरे में कोई न कोई एक्सप्रेसवे होना चाहिए. इस काम में तेजी लाने के लिए अब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के साथ-साथ एक और अथॉरिटी की जरूरत महसूस की जा रही है. यह अथॉरिटी सिर्फ एक्सप्रेसवे का कंट्रोल करेगी.

NHAI के अलावा एक और अथॉरिटी की जरूरत की जा रही है। बिजनेस टुडे ने सरकारी सूत्रों के हवाले से दी रिपोर्ट में कहा है कि एक्सप्रेसवे के तेज विकास के लिए NHAI के अलावा एक और अथॉरिटी की जरूरत महसूस की जा रही है. रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मिनिस्ट्री ने अपने 100 दिन के एजेंडे में इस अथॉरिटी के गठन का विचार भी शामिल किया है. नई अथॉरिटी देश में सिर्फ एक्सप्रेसवे बनाने और उनके मैनेजमेंट पर ध्यान देगी. इससे एनएचएआई का बोझ भी घटेगा.

सूत्रों के अनुसार, सरकार चाहती है कि NHAI सिर्फ नेशनल हाईवे के कंस्ट्रक्शन पर ध्यान दे. एक्सप्रेसवे अथॉरिटी निर्माण के साथ-साथ टोल का मैनेजमेंट भी करेगी. इससे एक्सप्रेसवे का इंफ्रास्ट्रक्चर भी मजबूत होगा. सरकार 2047 की जरूरतों के हिसाब से देश में नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे के निर्माण पर जोर दे रही है. इसके लिए मास्टरप्लान भी तैयार किया गया है. इसके तहत देश में लगभग 50 हजार किमी एक्सप्रेसवे बनाए जाने हैं. फिलहाल देश में 2913 किमी एक्सप्रेसवे हैं. सरकार को उम्मीद है कि एक्सप्रेसवे और नए हाईवे की मदद से लॉजिस्टिक कॉस्ट में 3 से 4 फीसदी की कमी लाइ जा सकती है.

2 लेन हाईवे की संख्या में भी आई कमी, तेजी से 4 लेन मार्ग की मांग बढ रही है।

सरकार ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाने के साथ ही पुराने हाईवे के विकास पर भी काम कर रही है. देश में 2 लेन हाईवे की संख्या भी 2014 के 30 फीसदी से घटकर 2023 में 10 फीसदी ही रह गई है. सरकार जल्द से जल्द 2 लेन हाईवे को 4 लेन हाईवे में कंवर्ट करना चाहती है. इनकी कुल लंबाई भी 27,517 किमी से घटकर 14,850 किमी रह गई है. देश में 4 लेन और उससे ज्यादा चौड़े हाईवे की संख्या भी 46,179 किमी पहुंच चुकी है

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