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बांग्लादेशियों के लिए मेरे बंगाल के दरवाजे खुले हैं?CM ममता बनर्जी का बयान

बांग्लादेशियों के लिए मेरे बंगाल के दरवाजे खुले हैं?CM ममता बनर्जी का बयान

टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री: सह-संपादक रिपोर्ट

कोलकाता। पं बंगाल की मुख्य मंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि मुस्लिम लीग के नेता मोहम्मद अली जिन्ना की जिद थी कि मुसलमान, हिंदुओं के साथ नहीं रह सकते, इसलिए भारत का विभाजन हुआ। मुसलमानों के लिए पाकिस्तान अलग देश बनाया गया, लेकिन मात्र 75 साल बाद शेष भारत के कैसे हालात हो गए, इसका अंदाजा 21 जुलाई को कोलकाता में हुई पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की राजनीतिक रैली से लगाया जा सकता है। यूं तो ममता बनर्जी विपक्ष के इंडिया गठबंधन में शामिल हैं, लेकिन कोलकाता रैली के लिए न तो राहुल गांधी और न शरद पंवार जैसे नेता को आमंत्रित किया गया। रैली में खासतौर से समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव उपस्थित रहे। अखिलेश यादव को देखने के लिए कोलकाता और आसपास के मुसलमान उमड़ पड़े। अखिलेश की उपस्थिति की वजह से ही ममता की रैली में जबरदस्त भीड़ रही। भले ही ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की स्टार नेत्री हो, लेकिन कोलकाता की रैली में आकर्षण का केंद्र अखिलेश यादव थे। पश्चिम बंगाल के लोग खासकर मुस्लिम मतदाता उस चेहरे को देखना चाहते थे, जिसने लोकसभा के चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा को हरा दिया। जिस राममंदिर की दुहाई पश्चिम बंगाल तक दी गई उस मंदिर वाले संसदीय क्षेत्र अयोध्या-फैजाबाद में भी सपा के उम्मीदवार की जीत हुई। पश्चिम बंगाल में ममता की टीएमसी ने 42 में से 29 सीटे जीती तो यूपी में अखिलेश की सपा ने 80 में से 37 संसदीय क्षेत्रों में जीत दर्ज की। यदि इन दोनों पार्टियों के सांसदों को मिला दिया जाए तो लोकसभा में 66 सांसद होंगे। नरेंद्र मोदी भले ही तीसरी बार प्रधानमंत्री बन गए हो, लेकिन कोलकाता की रैली में यह बता दिया है कि अब देश किस दिशा में जा रहा है। पश्चिम बंगाल से लेकर उत्तर प्रदेश तक में वोटों का जो गठजोड़ हुआ है, वह आने वाले समय में और मजबूत होगा। भाजपा की रणनीतिकार माने या नहीं, लेकिन ममता बनर्जी और अखिलेश यादव देश के मुस्लिम मतदाताओं के सबसे बड़े चेहरे बन गए हैं। मुस्लिम मतदाताओं को आज भी जमात के नेताओं से भी ज्यादा ममता बनर्जी और अखिलेश यादव पर भरोसा है। लोकसभा चुनाव में इन दोनों नेताओं ने जो रणनीति अपनाई उसी का परिणम है कि भाजपा को बहुमत नहीं मिल सका।

कोलकाता रैली से उत्साहित होकर ही ममता बनर्जी ने कहा कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में जो हिंसा हो रही है, उससे प्रभावित बांग्लादेशी यदि आना चाहेंगे तो मेरे प्रदेश बंगाल में शरण दी जाएगी। प्रभावित लोगों के लिए मेरे बंगाल के दरवाजे खुले हैं। हालांकि किसी भी विदेशी नागरिक को ाश्रण देने का अधिकार केंद्र सरकार को है, लेकिन पश्चिम बगाल की मुख्यमंत्री ने बांग्लादेशियों को शरण देने वाली बात कहकर बता दिया है कि पश्चिम बंगाल में केंद्र सरकार के नियम लागू नहीं होते। बंगाल में वही होता है जो ममता बनर्जी चाहती है। कोलकाता की रैली में अखिलेश यादव की उपस्थिति से तो ममता बनर्जी कुछ ज्यादा ही उत्साहित है। ममता को लगता है कि अब नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद से हटाया जा सकता है। ममता बनर्जी लगातार तीसरी बार बंगाल की मुख्यमंत्री है, जबकि उत्तर प्रदेश में सपा के पास 125 विधायक है। लोकसभा की 37 सीटे जीतने के बाद अखिलेश यादव भी स्वयं को यूपी का मुख्यमंत्री समझने लगे हैं। यूपी भाजपा में जिस तरह खींचतान हो रही है उसेस समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता जोश में है।

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